चंदौली: वैश्विक महामारी कोरोना के चलते बेपटरी हो चुकी शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने में प्रयास किया जा रहा है. बेसिक शिक्षा विभाग इस बात पर जोर दे रहा है कि लॉकडाउन के चलते स्कूल जाने से वंचित बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित न हो. इसके लिए अभिभावकों के जरिए छात्रों तक किताब पहुंचाने की पहल की गई है. बच्चों को घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई में सहूलियत मिल सके. परिषदीय विद्यालयों में नामांकित छात्रों में वितरण के लिए 16 लाख के सापेक्ष अब तक विभाग को 8 लाख किताबें प्राप्त हो गई हैं.
शिक्षा विभाग की तरफ से निर्देश दिया गया है कि सभी बच्चों के अभिभावकों को विद्यालय बुलाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए किताबों का वितरण सुनिश्चित कराया जाए. परिषदीय स्कूलों के छात्र विद्यालय भले ही अभी स्कूल न जाएं, लेकिन उनको समय से किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी.
चंदौली: घर पर पढ़ेंगे नौनिहाल, अभिभावकों को दी जाएंगी किताबें
उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में अभिभावकों के जरिए छात्रों तक किताब पहुंचाने की पहल की गई है. परिषदीय विद्यालयों में नामांकित छात्रों में वितरण के लिए 16 लाख के सापेक्ष अब तक विभाग को 8 लाख किताबें प्राप्त हो चुकी हैं.
चंदौली: वैश्विक महामारी कोरोना के चलते बेपटरी हो चुकी शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने में प्रयास किया जा रहा है. बेसिक शिक्षा विभाग इस बात पर जोर दे रहा है कि लॉकडाउन के चलते स्कूल जाने से वंचित बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित न हो. इसके लिए अभिभावकों के जरिए छात्रों तक किताब पहुंचाने की पहल की गई है. बच्चों को घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई में सहूलियत मिल सके. परिषदीय विद्यालयों में नामांकित छात्रों में वितरण के लिए 16 लाख के सापेक्ष अब तक विभाग को 8 लाख किताबें प्राप्त हो गई हैं.
शिक्षा विभाग की तरफ से निर्देश दिया गया है कि सभी बच्चों के अभिभावकों को विद्यालय बुलाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए किताबों का वितरण सुनिश्चित कराया जाए. परिषदीय स्कूलों के छात्र विद्यालय भले ही अभी स्कूल न जाएं, लेकिन उनको समय से किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी.