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चंदौली: ब्लैक राइस से किसानों की आय में होगी वृद्धि

किसानों की आय और लोगों की सेहत का ख्याल रखने के लिए चंदौली जिले में ब्लैक राइस की खेती का प्रयोग सफल हो गया है. धान की इस प्रजाति को नागालैंड से यूपी लाया गया था, इसका व्यवसायिक नाम चाक हाओ है.

चन्दौली में ब्लैक राइस की खेती सफल.
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Published : Jul 18, 2019, 5:36 PM IST

Updated : Jul 18, 2019, 8:42 PM IST

चंदौली: धान के कटोरे के रूप में विख्यात चंदौली में ब्लैक राइस के रूप में धान की खेती को लेकर एक नया अध्याय जुड़ गया. पिछले साल प्रयोग के तौर पर की गई ब्लैक राइस की खेती का प्रयोग सफल होता दिखाई दे रहा है. मौजूदा समय में नागालैंड की प्रजाति चाक हाओ धान किसानों की आय बढ़ाने का साधन बन गई है, जो कि औषधीय गुणों से परिपूर्ण भी है.

जिले में इसकी खेती पिछली बार की अपेक्षा बढ़कर पांच सौ हेक्टेयर से ज्यादा हो गई. इसके उत्पादन को देखते हुए जिला प्रशासन इसकी ब्रांडिंग के साथ ही बाजार तलाशने में जुट गया है. इसकी शुरुआत तत्कालीन कैबिनेट मंत्री रहीं मेनका गांधी की सलाह पर हुई थी, जो अब सफलता के शिखर की ओर बढ़ रही है.

जानकारी देते कृषि उपनिदेशक.

ब्लैक राइस पर एक नजर

  • ब्लैक राइस की खेती की शुरुआत पिछले सीजन में प्रयोग के तौर पर की गई थी.
  • मात्र 15 प्रगतिशील किसानों ने शुरुआत की थी, ब्लैक राइस का उत्पादन लगभग 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
  • पहले उत्पादन को बीज के रूप में तैयार किया गया फिर जिले के अलावा पूरे पूर्वांचल के किसानों में बीज वितरण किया गया.
  • कुम्भ मेले में स्टॉल लगाकर इसकी ब्रांडिंग की गई थी. वर्तमान सीजन में 500 हेक्टेयर में खेती की जाएगी.
  • जिला प्रशासन ब्रांडिंग में जुटा है, किसानों की उपज को बाजार उपलब्ध कराने के लिए डीएम चंदौली ने समिति बनाई है.
  • आईटीसी, मॉल और अन्य ई-बाजार में अवसर तलाश रहे हैं. ब्लैक राइस की बाजार में कीमत चार सौ से पांच सौ रुपये किलो है.

सुगर फ्री है ब्लैक राइस

  • ब्लैक राइस औषधीय गुणों से परिपूर्ण है. ब्लैक राइस में जिंक और आयरन की मात्रा ज्यादा होती है.
  • एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बहुत और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम पाई जाती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है.
  • ब्लैक राइस को सुगर फ्री चावल भी कहा जाता है.
  • इसे इंटरनेशनल राइस रिसर्च सेंटर वाराणसी की टीम ने भी सराहा है.
  • पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के सुझाव पर ब्लैक राइस की खेती की शुरुआत हुई थी.
  • किसानों की आय दोगुनी करने के लिए ब्लैक राइस की खेती का सुझाव दिया गया था.
  • सीएम योगी ने भी इसे वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की तर्ज पर विकसित करने की बात कही थी.

ब्लैक राइस की खेती का दायरा बढ़ रहा है. जिला प्रशासन अब इसकी ब्रांडिंग के साथ बाजार की खोज में जुट गया है. यह औषधीय गुणों से परिपूर्ण है.
-विजय सिंह, कृषि उपनिदेशक, चंदौली

चंदौली: धान के कटोरे के रूप में विख्यात चंदौली में ब्लैक राइस के रूप में धान की खेती को लेकर एक नया अध्याय जुड़ गया. पिछले साल प्रयोग के तौर पर की गई ब्लैक राइस की खेती का प्रयोग सफल होता दिखाई दे रहा है. मौजूदा समय में नागालैंड की प्रजाति चाक हाओ धान किसानों की आय बढ़ाने का साधन बन गई है, जो कि औषधीय गुणों से परिपूर्ण भी है.

जिले में इसकी खेती पिछली बार की अपेक्षा बढ़कर पांच सौ हेक्टेयर से ज्यादा हो गई. इसके उत्पादन को देखते हुए जिला प्रशासन इसकी ब्रांडिंग के साथ ही बाजार तलाशने में जुट गया है. इसकी शुरुआत तत्कालीन कैबिनेट मंत्री रहीं मेनका गांधी की सलाह पर हुई थी, जो अब सफलता के शिखर की ओर बढ़ रही है.

जानकारी देते कृषि उपनिदेशक.

ब्लैक राइस पर एक नजर

  • ब्लैक राइस की खेती की शुरुआत पिछले सीजन में प्रयोग के तौर पर की गई थी.
  • मात्र 15 प्रगतिशील किसानों ने शुरुआत की थी, ब्लैक राइस का उत्पादन लगभग 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
  • पहले उत्पादन को बीज के रूप में तैयार किया गया फिर जिले के अलावा पूरे पूर्वांचल के किसानों में बीज वितरण किया गया.
  • कुम्भ मेले में स्टॉल लगाकर इसकी ब्रांडिंग की गई थी. वर्तमान सीजन में 500 हेक्टेयर में खेती की जाएगी.
  • जिला प्रशासन ब्रांडिंग में जुटा है, किसानों की उपज को बाजार उपलब्ध कराने के लिए डीएम चंदौली ने समिति बनाई है.
  • आईटीसी, मॉल और अन्य ई-बाजार में अवसर तलाश रहे हैं. ब्लैक राइस की बाजार में कीमत चार सौ से पांच सौ रुपये किलो है.

सुगर फ्री है ब्लैक राइस

  • ब्लैक राइस औषधीय गुणों से परिपूर्ण है. ब्लैक राइस में जिंक और आयरन की मात्रा ज्यादा होती है.
  • एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बहुत और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम पाई जाती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है.
  • ब्लैक राइस को सुगर फ्री चावल भी कहा जाता है.
  • इसे इंटरनेशनल राइस रिसर्च सेंटर वाराणसी की टीम ने भी सराहा है.
  • पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के सुझाव पर ब्लैक राइस की खेती की शुरुआत हुई थी.
  • किसानों की आय दोगुनी करने के लिए ब्लैक राइस की खेती का सुझाव दिया गया था.
  • सीएम योगी ने भी इसे वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की तर्ज पर विकसित करने की बात कही थी.

ब्लैक राइस की खेती का दायरा बढ़ रहा है. जिला प्रशासन अब इसकी ब्रांडिंग के साथ बाजार की खोज में जुट गया है. यह औषधीय गुणों से परिपूर्ण है.
-विजय सिंह, कृषि उपनिदेशक, चंदौली

Intro:चंदौली - धान के कटोरे के रूप में विख्यात चंदौली में ब्लैक राइस के रूप में धान की खेती को लेकर एक नया अध्याय जुड़ गया. पिछले साल प्रयोग के तौर पर की गई ब्लैक राइस की खेती का प्रयोग सफल होता दिखाई दे रहा है. मौजूदा समय मे नागालैंड की प्रजाति चाक हाओ धान किसानों की आय बढ़ाने साधन बन गई है.जो कि औषधीय गुणों से परिपूर्व भी है. जिले में इसकी खेती पिछली बार की अपेक्षा बढ़कर पांच सौ हेक्टेयर से ज्यादा हो गया. जिसके उपदान को देखते हुए जिला प्रशासन इसकी ब्रांडिंग के साथ ही बाजार तलाशने में जुट गया है. इसकी शुरुआत तत्कालीन कैबिनेट मंत्री रही मेनका गांधी के सलाह पर शुरू की गई थी. जो अब सफलता के शिखर की ओर बढ़ रहा है.


Body:ब्लैक राइस की खेती की शुरुआत पिछली बार प्रयोग के तौर पर की गई थी.

मात्र 15 प्रगतिशील किसानों से हुई थी शुरुआत

ब्लैक राइस का उत्पादन लगभग 40 कुंतल प्रति हैक्टेयर है

पहली उत्पादन को बीज के रूप किया गया तैयार

जिले के अलावा पूरे पूर्वांचल के किसानों में हुआ बीज वितरण

कुम्भ मेले में स्टाल लगाकर की गई इसकी ब्रांडिंग

वर्तमान सीजन में 500 हेक्टेयर में कई जाएगी खेती

उत्पादन को देखते हुए जिला प्रशासन ब्रांडिंग में जुटा

चन्दौली ब्लैक राइस के नाम की की रही ब्रांडिंग

किसानों की उपज को बाजार उपलब्ध कराने को डीएम चन्दौली ने बनाई समिति

आईटीसी, मॉल व अन्य ई बाजार में तलाश रहे अवसर

ब्लैक राइस की मार्किट कीमत 4 सौ से 5 सौ रुपये किलो है

औषधीय गुणों से परिपूर्व है ब्लैक राइस

जिंक और आयरन की मात्रा होती है ज्यादा

एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा भी बहुतायत

कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी कम पाई जाती है

जिससे कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है

इसे सुगर फ्री चावल भी कहा जाता है.

इंटरनेशनल राइस रिसर्च सेंटर वाराणसी की टीम ने भी इसे सराहा है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के सुझाव पर इसकी खेती की हुई थी शुरुआत

किसानों की आय दोगुनी करने के लिए ब्लैक राइस की खेती का दिया था सुझाव

सीएम योगी ने भी इसे वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की तर्ज विकसित करने की बात कही.


बाइट - विजय सिंह (कृषि उपनिदेशक)Conclusion:चन्दौली - ब्लैक राइस की खेती का दायरा बढ़ रहा है.जिसके बाद जिला प्रशासन अब इसकी बॉन्डिंग के साथ बाजार की खोज में जुट गया. जो कि औषधीय गुणों से परिपूर्ण भी है.

कमलेश गिरी
चंदौली
9452845730
Last Updated : Jul 18, 2019, 8:42 PM IST
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