चंदौली: जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का नामांकन मंगलवार से होना है, लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए रार अभी से शुरू हो गई है. यही वजह है जब बीजेपी को नॉमिनेशन से एक दिन पूर्व प्रत्याशियों की नई संशोधित सूची जारी करनी पड़ गई. इसकी वजह है पंचायत चुनाव की सबसे बड़ी कुर्सी जिला पंचायत अध्यक्ष का पद. जिसपर पिछले एक दशक से छत्रबली सिंह काबिज हैं. हालांकि इस बार अध्यक्ष पद की सीट पिछडी जाति के लिए आरक्षित है, लेकिन छत्रबली सिंह अपने प्यादे को इस पर बिठा कर इसे अपने पास रखना चाहते है.
जिला पंचायत अध्यक्ष दंपत्ति का मोह नहीं हो रहा भंगइसे भी पढ़ेंः-पंचायत चुनाव: कांग्रेस ने जारी की जिला पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवारों की तीसरी सूची
प्यादे के सहारे कुर्सी हथियाने की तैयारी
छत्रबली सिंह को भाजपा पार्टी में आस्था रखते हुए पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में खड़े होने की बात कही गई थी, लेकिन वे अपने कंडिडेट को टिकट दिए जाने की मांग पर अडिग होने के साथ पूरी ताकत के साथ उसके चुनाव प्रचार में जुट गए. जिसके बाद पार्टी ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए शहाबगंज ब्लॉक के सेक्टर नंबर एक (सुरक्षित) से आजाद राम का टिकट काटकर सुनील राम को टिकट दे दिया गया. बता दें कि आजाद राम छत्रबली सिंह की पसंद के उम्मीदवार थे. जबकि दो नम्बर की सीट सरिता सिंह की सीट रही है.
बागी छत्रबली से मुकाबला हुआ रोचक
आमतौर पर जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी पर उसी का कब्जा रहता है, जिसकी प्रदेश में सरकार होती है. छत्रबली सिंह का इतिहास है कि वह सत्तारूढ़ दल के चहेते बनकर जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर काबिज हो जाते हैं. पूर्व में भी वह बसपा, फिर सपा की सरकार में सत्ता के करीबी बनकर जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर कब्जा जमाया रहे, और फिलहाल वह भाजपा में है, लेकिन यहां उनकी राहें आसान नहीं है. उनके बागी तेवर से आगामी दिनों में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी की जंग एक बार फिर रोचक होने की उम्मीद है.