ETV Bharat / state

कृषि वैज्ञानिकों ने लगाया वर्कशॉप, औषधीय खेती के गिनाए फायदे

धान के कटोरे नाम से प्रसिद्ध चंदौली में किसानों को जैविक तरीके से खेती और औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया.

author img

By

Published : Dec 28, 2020, 5:38 AM IST

कृषि वैज्ञानिकों ने लगाया वर्कशॉप.
कृषि वैज्ञानिकों ने लगाया वर्कशॉप.

चंदौली: धान के कटोरे चंदौली में किसानों को जैविक तरीके से खेती और औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों का वर्कशॉप आयोजित किया गया. जिला मुख्यालय से सटे भिखारीपुर गांव रविवार को प्रोफेसर एसएन त्रिपाठी मेमोरियल फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन की ओर से किसानों को वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने की विधि की जानकारी बीएचयू के वैज्ञानिकों द्वारा दी गई.

औषधीय खेती के लिए किया प्रेरित
किसानों को जानकारी देते हुए बीएचयू के प्रोफेसर डॉ. यामिनी भूषण त्रिपाठी ने बताया एसपीओ के माध्यम से हम जनपद में औषधीय खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने का काम कर रहे हैं. इसके साथ ही इसका बाजार भी उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है. इसके माध्यम से सरकार की मंशा है कि किसानों की आय में वृद्धि की जा सके. वर्मी कंपोस्ट खाद के साथ ही केंचुए से भी कंपोस्ट खाद बनाने की विधि किसानों को प्रदान की गई.

अत्यधिक रसायन के प्रयोग से सुक्ष्मजीव हो रहे खत्म
वैज्ञानिकों ने कृषकों को जानकारी देते हुए बताया कि मृदा के स्वास्थ्य के लिए मित्र सूक्ष्मजीव रसायनों के अत्यधिक प्रयोग से घट रहे हैं. जिससे कृषि उत्पादों में कमी आ रही है. किसान खुद खाद तैयार कर सूक्ष्मजीवों को बचाने का काम करे. फसलों में दवाओं की भी इससे आवश्यकता नहीं पड़ेगी. हम लोगों का प्रयास है कि छोटे-छोटे किसानों को बड़े प्लेटफॉर्म पर खड़ा करें.

नवीन तकनीक से खेती को मिलेगा बढ़ावा
इस वर्कशॉप के दौरान व उप निदेशक कृषि राजीव कुमार भारतीय भी उपस्थित थे. उन्होंने बताया कि चंदौली जनपद धान की खेती में प्रदेश में तीसरे स्थान पर है. किसान अपना रजिस्ट्रेशन कराकर सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं. किसान नवीन तकनीक के माध्यम से खेती को बढ़ावा देने में कामयाब होंगे.

चंदौली: धान के कटोरे चंदौली में किसानों को जैविक तरीके से खेती और औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों का वर्कशॉप आयोजित किया गया. जिला मुख्यालय से सटे भिखारीपुर गांव रविवार को प्रोफेसर एसएन त्रिपाठी मेमोरियल फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन की ओर से किसानों को वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने की विधि की जानकारी बीएचयू के वैज्ञानिकों द्वारा दी गई.

औषधीय खेती के लिए किया प्रेरित
किसानों को जानकारी देते हुए बीएचयू के प्रोफेसर डॉ. यामिनी भूषण त्रिपाठी ने बताया एसपीओ के माध्यम से हम जनपद में औषधीय खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने का काम कर रहे हैं. इसके साथ ही इसका बाजार भी उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है. इसके माध्यम से सरकार की मंशा है कि किसानों की आय में वृद्धि की जा सके. वर्मी कंपोस्ट खाद के साथ ही केंचुए से भी कंपोस्ट खाद बनाने की विधि किसानों को प्रदान की गई.

अत्यधिक रसायन के प्रयोग से सुक्ष्मजीव हो रहे खत्म
वैज्ञानिकों ने कृषकों को जानकारी देते हुए बताया कि मृदा के स्वास्थ्य के लिए मित्र सूक्ष्मजीव रसायनों के अत्यधिक प्रयोग से घट रहे हैं. जिससे कृषि उत्पादों में कमी आ रही है. किसान खुद खाद तैयार कर सूक्ष्मजीवों को बचाने का काम करे. फसलों में दवाओं की भी इससे आवश्यकता नहीं पड़ेगी. हम लोगों का प्रयास है कि छोटे-छोटे किसानों को बड़े प्लेटफॉर्म पर खड़ा करें.

नवीन तकनीक से खेती को मिलेगा बढ़ावा
इस वर्कशॉप के दौरान व उप निदेशक कृषि राजीव कुमार भारतीय भी उपस्थित थे. उन्होंने बताया कि चंदौली जनपद धान की खेती में प्रदेश में तीसरे स्थान पर है. किसान अपना रजिस्ट्रेशन कराकर सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं. किसान नवीन तकनीक के माध्यम से खेती को बढ़ावा देने में कामयाब होंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.