चंदौलीः जिले में दीवानी न्यायालय निर्माण और जिला मुख्यालय के विकास की लड़ाई को वकीलों और जिला प्रशासन ने नाक का सवाल बना दिया है. कचहरी परिषर में वकीलोंन ने श्मशान बना लिया है और खुदकुशी के लिए चिता तक सजा ली है. वहीं अधिवक्ताओं की चिता सजाने के लिए लकड़ी ले जाने को लेकर पुलिस से नोकझोंक देखने को मिली. इस दौरान अधिवक्ता सीओ सदर से भीड़ गए. वकीलों के इस आंदोलन को देख आम जनमानस में भी आक्रोश है. विभिन्न जन संगठनों ने वकीलों के पक्ष में बाजार बंद की अपील की है.
दरअसल जिला बने 24 साल हो चुके हैं. प्रशासनिक लापरवाही के चलते चंदौली में न्यायालय भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा है. जबकि बजट भी पास हो गया है. इसके बावजूद इसके न तो कोई जनप्रतिनिधि और न ही अधिकारी इस मामले में गंभीरता दिखा रहा है. प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ता धनंजय सिंह ने कहा कि न्यायालय के निर्माण के लिए जिला प्रशासन द्वारा बस आश्वासन दिया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि नए जिलाधिकारी को आए भी करीब एक साल हो चुके हैं. इसके बाद भी न्यायालय निर्माण की तरफ उनका ध्यान नहीं है. सिर्फ आश्वासन पर आश्वासन दे रहे हैं. जिसके विरोध में वकीलों ने पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत पहले जिला प्रशासन जनप्रतिनिधियों का बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया. जिसके बाद चिता सजाकर आत्मदाह करने की चेतावनी दी.
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वहीं वकीलों के समर्थन में चन्दौली व्यापार मंडल के लोग भी धरना स्थल पहुंचकर जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को जमकर खरी खोटी सुनाई. व्यापार मंडल के अध्यक्ष पवन सेठ ने कहा की यहां के अधिकारी और नेता मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं. चन्दौली जिला मुख्यालय से धीरे-धीरे सभी विभागों को विस्थापित करने का काम किया जा रहा है. सेलटैक्स ऑफिस वाराणसी से चल रहा है. कई कार्यालयों को यहां से ले जाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन अब यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हमलोग अधिवक्ताओं के आंदोलन के समर्थन में बुधवार को अपनी दुकानों को बंदकर विरोध जताया जायेगा.