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चंदौली में न्यायालय निर्माण संघर्ष समिति लड़ेगी आरपार की लड़ाई

चंदौली में अधिवक्ता जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर हमलावर रहे. इस दौरान उन्होंने जिला मुख्यालय के विकास में जिला प्रशासन को सबसे बड़ा बाधक करार दिया.

अधिवक्ता जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर हमलावर
अधिवक्ता जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर हमलावर
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Published : Jul 31, 2021, 6:48 PM IST

चंदौलीः जिले के अधिवक्ता शुक्रवार को जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर हमलावर रहे. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों को भी जिले के अफसर में लाने में लापरवाही बरत रहे हैं. जिला न्यायालय भवन निर्माण के लिए अधिवक्ताओं ने लंबी लड़ाई लड़ी. लेकिन अभी ये मामला पटरी पर पूरी तरह आया भी नहीं था. कि अब जिला प्रशासन विकास भवन को मुख्यालय से दूर ले जाने की योजना पर गोपनीय ढंग से काम कर रहा था. लेकिन अब ये मामला सबके सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि चंदौली के साथ खिलवाड़ किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

सिविल बार महामंत्री धनंजय सिंह ने चेताया कि 10 दिनों के अंदर न्यायालय के लिए पूरी जमीन आवंटित नहीं की गई तो जिला न्यायालय के सामने अधिवक्ता सामूहिक आत्मदाह जैसा कठोर कदम उठाने को विवश होंगे. जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी जिलाधिकारी चंदौली, जिला जज चंदौली के जनप्रतिनिधि होंगे. अब जिले के विकास के साथ खिलवाड़ अधिवक्ता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे.

न्यायालय निर्माण संघर्ष समिति लड़ेगी आरपार की लड़ाई

डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन के महामंत्री झन्मेजय सिंह ने कहा कि अफसरों और नेताओं के यहां जिले के विकास को लेकर गुहार और गुजारिश करते-करते अधिवक्ता पूरी तरह से थक चुका है. जिले के अफसर इतने बेलगाम हो चुके है. कि वो न तो हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के फैसले को महत्व दे रहे हैं और न ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा को ही फलीभूत कर रहे हैं.

न्यायालय निर्माण संघर्ष समिति लड़ेगी आरपार की लड़ाई
न्यायालय निर्माण संघर्ष समिति लड़ेगी आरपार की लड़ाई

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विकास के लिए 11 करोड़ जारी कर दिया, लेकिन अफसर उसे खर्च करने में आनाकानी कर रहे हैं. यह सीधे तौर पर शासन विरोधी कृत्य है. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में जिला प्रशासन ने शपथ पत्र देकर कृषि फार्म की कब्जे वाली भूमि के साथ ही शेष जमीन कास्तकारों से देने की बात कही थी. इसमें 11 बीघा कृषि फार्म की जमीन भी दे दी गई. अब न्यायालय के लिए सिर्फ 35 बीघा ही जमीन चाहिए. लेकिन अब जिला प्रशासन कृषि फार्म की जमीन देने से मुकर रहा है. इससे न्यायालय भवन निर्माण का कार्य अधर में लटका हुआ है.

इसे भी पढ़ें- झटके पे झटका! PV सिंधु की सेमीफाइनल में हार, मेडल जीतने का है एक और मौका

लेकिन अब न्यायालय निर्माण संघर्ष समिति आरपार की लड़ाई के मूड में है. जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उदासीनता के चलते जिले का कार्यालय सेलटैक्स इनकम टैक्स, रोडवेज वाराणसी से संचालित हो रहा है. विकास भवन भी मुख्याल से हटाने की तैयारी में है. जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सोमवार से अधिवक्ता आंदोलन करेंगे और सामूहिक आत्मदाह करेंगे. जिसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार होगा.

चंदौलीः जिले के अधिवक्ता शुक्रवार को जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर हमलावर रहे. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों को भी जिले के अफसर में लाने में लापरवाही बरत रहे हैं. जिला न्यायालय भवन निर्माण के लिए अधिवक्ताओं ने लंबी लड़ाई लड़ी. लेकिन अभी ये मामला पटरी पर पूरी तरह आया भी नहीं था. कि अब जिला प्रशासन विकास भवन को मुख्यालय से दूर ले जाने की योजना पर गोपनीय ढंग से काम कर रहा था. लेकिन अब ये मामला सबके सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि चंदौली के साथ खिलवाड़ किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

सिविल बार महामंत्री धनंजय सिंह ने चेताया कि 10 दिनों के अंदर न्यायालय के लिए पूरी जमीन आवंटित नहीं की गई तो जिला न्यायालय के सामने अधिवक्ता सामूहिक आत्मदाह जैसा कठोर कदम उठाने को विवश होंगे. जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी जिलाधिकारी चंदौली, जिला जज चंदौली के जनप्रतिनिधि होंगे. अब जिले के विकास के साथ खिलवाड़ अधिवक्ता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे.

न्यायालय निर्माण संघर्ष समिति लड़ेगी आरपार की लड़ाई

डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन के महामंत्री झन्मेजय सिंह ने कहा कि अफसरों और नेताओं के यहां जिले के विकास को लेकर गुहार और गुजारिश करते-करते अधिवक्ता पूरी तरह से थक चुका है. जिले के अफसर इतने बेलगाम हो चुके है. कि वो न तो हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के फैसले को महत्व दे रहे हैं और न ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा को ही फलीभूत कर रहे हैं.

न्यायालय निर्माण संघर्ष समिति लड़ेगी आरपार की लड़ाई
न्यायालय निर्माण संघर्ष समिति लड़ेगी आरपार की लड़ाई

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विकास के लिए 11 करोड़ जारी कर दिया, लेकिन अफसर उसे खर्च करने में आनाकानी कर रहे हैं. यह सीधे तौर पर शासन विरोधी कृत्य है. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में जिला प्रशासन ने शपथ पत्र देकर कृषि फार्म की कब्जे वाली भूमि के साथ ही शेष जमीन कास्तकारों से देने की बात कही थी. इसमें 11 बीघा कृषि फार्म की जमीन भी दे दी गई. अब न्यायालय के लिए सिर्फ 35 बीघा ही जमीन चाहिए. लेकिन अब जिला प्रशासन कृषि फार्म की जमीन देने से मुकर रहा है. इससे न्यायालय भवन निर्माण का कार्य अधर में लटका हुआ है.

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लेकिन अब न्यायालय निर्माण संघर्ष समिति आरपार की लड़ाई के मूड में है. जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उदासीनता के चलते जिले का कार्यालय सेलटैक्स इनकम टैक्स, रोडवेज वाराणसी से संचालित हो रहा है. विकास भवन भी मुख्याल से हटाने की तैयारी में है. जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सोमवार से अधिवक्ता आंदोलन करेंगे और सामूहिक आत्मदाह करेंगे. जिसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार होगा.

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