चन्दौली: बिहार बॉर्डर पर वन विभाग के पैरलर एक सिस्टम काम करता है जो बिहार से आने वाले ओवरलोड वाहनों को सीमा पार कराता है. ओवरलोड वाहनों को पार करने में सबसे अधिक भूमिका लोकेशन देने वाले अदा करते हैं. इसमें इनकी मदद विभाग के कर्मचारी स्वयं करते हैं. लोकेशन के एवज में ट्रक चालकों से 16 से 18 सौ रुपये वसूला जाता है जो कि सिंडिकेट के तौर पर काम करने वाले सिस्टम में बांटा जाता है. मुनाफे के चक्कर में ओवरलोड ट्रकों को पार करने के इस खेल में सरकार को राजस्व का सीधा नुकसान होता है.
ओवरलोडिंग के इस खेल में शामिल वन विभाग, एआरटीओ कार्यालय की मिलीभगत की रिपोर्ट को प्रमुखता से दिखाया था. इसके बाद पुलिस प्रशासन ने संयुक्त रूप से छापेमारी की. इस दौरान मौके से 6 दलालों को गिरफ्तार किया है. जबकि धर्मकांटा संचालक और वन दरोगा सत्य प्रकाश फरार है. गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से बंद पड़े धर्मकाटों के फर्जी रसीद व अन्य कागजात बरामद हुए हैं. यही नहीं मौके से बालू से लदे दो ओवरलोडेड ट्रक भी पकड़े गए.
फिलहाल पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच में जुटी है और जांच के दौरान जिन लोगों का भी नाम प्रकाश में आएगा उन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ओवरलोडिंग के इस खेल को रोकने के लिए सीएम योगी ने जीरो टॉलरेंस की बात की थी. इसी के चलते पूर्व में एआरटीओ रहे आरएस यादव पर बड़ी कार्रवाई की गई थी लेकिन आज भी ओवरलोडिंग का खेल जारी है. इस खेल में वन रेंजर, डीएफओ, समेत परिवहन विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं.