ETV Bharat / state

संप्रदायिक सौहार्द की मिशाल है 'कालिमहाल', यहां हिंदू परिवार बैठाता है ताजिया

भारतवर्ष में हमेशा से ही सभी धर्मों को बराबर समान आदर भाव से देखा जाता रहा है. आज मुस्लिम समुदाय देशभर में मोहर्रम का त्योहार मना रहा है, ऐसे में मुगलसराय के 'कालिमहाल' में एक हिंदू परिवार भी मोहर्रम के त्योहार को पूरी अकीदत के साथ मना रहा है.

हिंदू परिवार ने बैठाई ताजिया.
author img

By

Published : Sep 10, 2019, 11:51 AM IST

चंदौली: भारतवर्ष में हमेशा से ही धर्म गुरुओं ने सभी को 'सर्वधर्म सम्भाव' का पाठ पढ़ाया है. आज मुस्लिम समुदाय देशभर में मोहर्रम का त्योहार मना रहा है, ऐसे में मुगलसराय के कालिमहाल में एक हिंदू परिवार भी मोहर्रम के त्योहार को पूरी अकीदत व एहतराम के साथ मना रहा है. राजबदल रावत का परिवार और पूरा मोहल्ला धर्म पर लड़ने वालों के लिए एक मिशाल पेश कर रहा है. यह हिंदू परिवार हर साल ताजिया रखकर पूरे रीति-रिवाज के साथ उसे कर्बला में दफन करता है.

हिंदू परिवार ने बैठाई ताजिया.
दादा ने शुरू की थी प्रथाराजबादल के दादा बकुला रावत ने ताजिया बैठाने की शुरुआत की थी. बकुला रावत का मकान काफी समय से विवादित चल रहा था, जिसके लिए उन्होंने मन्नत मांगी थी कि मुकदमा जितने पर वे ताजिया बैठाएंगे. मुकदमा जितने के बाद सन 1962 से 1985 तक उन्होंने ताजिया बैठाई, जिस परंपरा को आज भी उनके बेटे आगे बढ़ा रहें हैं.इसे भी पढ़ें:- चंदौली: SDM ने जिला अस्पताल का किया औचक निरीक्षण, कहा- मैन पावर की है कमी

बेटियां ही बनाती हैं ताजिया
तीसरी पीढ़ी अपने दादा के परंपरा का बखूबी निभा रही है. इस ताजिया के बैठाने में पूरा महल्ला शरीक होता है. घर के बाहर ही राजबादल ने चौक बना रखा है, जहां उनका परिवार पूरे रीति- रिवाज के साथ ताजिया को रखकर उसका उत्सव मनाता है. राजबादल की बेटियां ही ताजिया तैयार करती हैं और पूरे अकीदत के साथ हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोग मिलकर इसे कर्बला में दफन करते हैं.

चंदौली: भारतवर्ष में हमेशा से ही धर्म गुरुओं ने सभी को 'सर्वधर्म सम्भाव' का पाठ पढ़ाया है. आज मुस्लिम समुदाय देशभर में मोहर्रम का त्योहार मना रहा है, ऐसे में मुगलसराय के कालिमहाल में एक हिंदू परिवार भी मोहर्रम के त्योहार को पूरी अकीदत व एहतराम के साथ मना रहा है. राजबदल रावत का परिवार और पूरा मोहल्ला धर्म पर लड़ने वालों के लिए एक मिशाल पेश कर रहा है. यह हिंदू परिवार हर साल ताजिया रखकर पूरे रीति-रिवाज के साथ उसे कर्बला में दफन करता है.

हिंदू परिवार ने बैठाई ताजिया.
दादा ने शुरू की थी प्रथाराजबादल के दादा बकुला रावत ने ताजिया बैठाने की शुरुआत की थी. बकुला रावत का मकान काफी समय से विवादित चल रहा था, जिसके लिए उन्होंने मन्नत मांगी थी कि मुकदमा जितने पर वे ताजिया बैठाएंगे. मुकदमा जितने के बाद सन 1962 से 1985 तक उन्होंने ताजिया बैठाई, जिस परंपरा को आज भी उनके बेटे आगे बढ़ा रहें हैं.इसे भी पढ़ें:- चंदौली: SDM ने जिला अस्पताल का किया औचक निरीक्षण, कहा- मैन पावर की है कमी

बेटियां ही बनाती हैं ताजिया
तीसरी पीढ़ी अपने दादा के परंपरा का बखूबी निभा रही है. इस ताजिया के बैठाने में पूरा महल्ला शरीक होता है. घर के बाहर ही राजबादल ने चौक बना रखा है, जहां उनका परिवार पूरे रीति- रिवाज के साथ ताजिया को रखकर उसका उत्सव मनाता है. राजबादल की बेटियां ही ताजिया तैयार करती हैं और पूरे अकीदत के साथ हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोग मिलकर इसे कर्बला में दफन करते हैं.

Intro:चन्दौली - यूं तो हमारा देश अनेकता में एकता का प्रतीक है. और यहां सभी धर्मों के लिए समान आदर भाव रखा जाता है. और आज मुस्लिम समुदाय देशभर में मोहर्रम का त्योहार मना रहा है. तो वहीं इस मुगलसराय के कलिमहाल में राजबदल रावत का परिवार और पूरा मोहल्ला गंगा जमुनी तहजीब की मिसालपेश कर रहा है. यह हिंदू परिवार अपने यहां ताजिया रखकर पूरे रीति रिवाज से अनुसरण कर उसे
कर्बला में दफन करते हैं.






Body:राजबदल के दादा बकुला रावत ने ताजिया बैठाने की शुरुआत की थी

दरअसल बकुला रावत का मकान का विवाद चल रहा था और उन्होंने मन्नत मांगी थी कि मुकदमा जितने पर ताजिया बैठाएंगे

मुकदमा जितने के बाद सन 1962 से 1985 तक उन्होंने ताजिया बैठाया

जिसे आज तक उनके बेटे जितू राम ने परंपरा को आगे बढ़ाया

अब उनके बेटे यानी तीसरी पीढ़ी के राजबादल अपने दादा के परंपरा का बखूबी निभा रहे है

इस ताजिया के बैठाने में पूरा महल्ला शरीक होता है

घर के बाहर बना ही राजबादल ने चौक बना रखा है

उनका परिवार पूरे रीति रिवाज के साथ ताजिया का चौक पर रखता
है

ताजिया तैयार उनकी बेटियां तैयार करती हैं

पूरे अकीदत के साथ हिन्दू मुस्लिम समुदाय के लोग मिलकर इसे कर्बला में दफ़न करते है.

वॉक थ्रू

Conclusion:कमलेश गिरी
चंदौली
9452845730

Note - यह खबर व्रेप से भेजी गई है...
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.