चंदौली: स्पेशल जज एससीएसटी एक्ट अम्बर रावत की अदालत ने शुक्रवार को दहेज हत्या के मामले में सुनवाई की. गवाहोंं के बयान व साक्ष्य के आधार पर दोषी पाते हुए पति समेत चार लोगों को दस साल की कठोर सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. वहीं सभी पर चार-चार हजार रुपये जुर्माना लगाया. अर्थदंड की कीमत न चुकाने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
अभियोजन की तरफ से वादी की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता जुबेर अहमद खान और सर्फराज आलम ने मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बलुआ थाना क्षेत्र के पक्खोपुर निवासी कमलेश कांत कुशवाहा के बहन प्रेमकला की शादी अप्रैल 2014 में सदर कोतवाली क्षेत्र के नेगुरा गांव निवासी मनोज कुमार से हुई थी. उस समय लाखों रुपये नगद व अन्य सामान दिया गया था. लेकिन ससुराल पक्ष की ओर से अल्टो कार की मांग की जाने लगी. इसको लेकर विवाहिता को प्रताड़ित किया जाने लगा. अल्टोकार नहीं मिलने पर 31 जुलाई 2016 में उसको मारने-पीटने के साथ ही उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई.
यह भी पढ़ें- भाई और उसके बेटों की हत्या मामले में कोर्ट ने तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई
इस संबंध में मृतका का भाई कमलेश कांत ने सदर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसपर पुलिस ने विवेचना कर रिपोर्ट न्यायालय में पेश किया. इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को स्पेशल जज एससीएसटी के न्यायालय में हुई. कोर्ट में अभियोजन की तरफ से 5 गवाह पेश किए गए. इस दौरान स्पेशल जज ने गवाहों के बयान सुनने के बाद मृतका के पति मनोज कुमार, ससुर मुन्ना, सास राजकुमार व देवर अनिल के खिलाफ दहेज हत्या व प्रताड़ना के मामले में दोष सिद्ध होने पर दस वर्ष की कठोर कारावास की सजा व अर्थदंड से दंडित किया है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप