मुरादाबाद: कोरोना लॉकडाउन से जहां देश की कारोबारी गतिविधियां ठहर सी गई हैं. वहीं अब इस महामारी के साथ-साथ कारोबार को आगे बढ़ाने के नए रास्ते तलाशे जा रहे हैं. भारत में हस्तशिल्प उद्योग का हर साल 29 प्रतिशत निर्यात करने वाले शहर मुरादाबाद के पीतल कारोबारियों को इस साल विदेशी ऑर्डर तो दूर एक भी ग्राहक नहीं मिल पा रहे हैं. लेकिन वहीं हस्तशिल्प उद्योग के लिए देश में वर्चुअल फेयर का आयोजन किया गया. इस फेयर से आर्टिफिशियल ज्वैलरी व अन्य उत्पादों से जुड़े कारोबारियों को विदेशी ग्राहकों से संपर्क करने का सुनहरा मौका मिला है. इस वर्चुअल फेयर का आयोजन ईपीसीएच द्वारा किया गया.
शॉप पर बैठे विदेशी ग्राहकों से संपर्क कर रहे व्यापारी
वर्चुअल फेयर के जरिए कारोबारी अपने ऑफिस और शोरूम में बैठे विदेशी ग्राहकों से संपर्क कर रहे हैं. उन्हें अपना प्रोडक्ट दिखा रहे हैं. विशेष सॉफ्टवेयर के जरिेए निर्यातकों को वर्चुअल फेयर में बूथ दिए गए हैं, जिसके जरिए कोई भी विदेशी ग्राहक ऑनलाइन इन बूथों से कारोबारी के प्रोफाइल से लेकर उत्पादों की रेंज, डिजाइन आदी देखकर ऑर्डर कर रहा है. ज्वैलरी कारोबारी जेपी सिंह ने बताया कि वर्चुअल फेयर जहां काफी सस्ता और नया तरीका है, वहीं असल फेयर के मुकाबले यहां ज्यादा से ज्यादा ग्राहक उनसे संपर्क कर रहे हैं.
कोरोना संकट में सोशल डिस्टेंसिंग व लॉकडाउन के नियमों के चलते हस्तशिल्प उद्योग में गति लाने के लिए इस वर्चुअल फेयर का आयोजन किया गया है. क्योंकि कोरोना महामारी के दौर में करोबारियों के लिए विदेशी ग्राहकों तक पहुंच पाना असंभव है. ऐसे में वर्चुअल फेयर में शामिल कारोबारी बदली हुई परिस्थितियों में एक अनोखी तरह की अनुभूति कर रहे हैं.
एक दिन में 50 से ज्यादा विदेशी ग्राहक कर रहे संपर्क
निर्यातक नवेद उर रहमान ने बताया कि वैसे तो एक दिन में करीब 10-15 ग्राहक उनके बूथ तक पहुंचते थे, लेकिन वर्चुअल फेयर में रोजाना 50 से ज्यादा ग्राहक उनसे संपर्क करते हैं. नवेद ने कहा कि वर्चुअल फेयर के दौरान वह ग्राहकों से सीधी बात कर हैं, साथ ही शोरूम की तस्वीरें भी उन्हें दिखाते हैं. बता दें, ईपीसीएच द्वारा ज्वैलरी निर्यातकों के लिए फिलहाल फेयर रखा गया है जबकि अगले महीने पीतल के गिफ्ट उत्पादों के लिए फेयर की तैयारी की जा रही है.