मुरादाबादः आंध्र प्रदेश पुलिस ने चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए एक नया तरीका अपनाया है. आंध्र प्रदेश पुलिस ने बंद घरों पर निगरानी रखने के लिए एक विशेष मोबाइल एप्लीकेशन 'लॉक्ड हाउस मॉनिटर सिस्टम' विकसित किया है. इस पर जाकर लोग अपने घर या बंद दुकान से संबंधित आंकड़ों को साझा कर सकते हैं और पुलिस गश्त के लिए अनुरोध कर सकते हैं. वहीं बंद घरों या व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की निगरानी के लिए उत्तर प्रदेश में किसी विशेष मोबाइल एप्लीकेशन की तो व्यवस्था नहीं है, लेकिन यहां पर 'यूपी कॉप एप्लीकेशन' (UP Cop Application) के जरिए सूचना दी जा सकती है. इसके साथ ही अपने स्थानीय चौकी या थाने पर प्रार्थना पत्र के जरिए भी पुलिस को अवगत करवाया जा सकता है कि वह बंद घरों की निगरानी करती रहे.
नहीं मिली कोई सुरक्षा
ईटीवी भारत ने इस दौरान मुरादाबाद शहर के कुछ ऐसे लोगों से बात की जिनके यहां लॉकडाउन के दौरान या लॉकडाउन के बाद चोरी हो गई थी. अमूमन गरीब तबके के लोगों ने बात करते हुए कहा कि वह अपने घरों को बंद करके रिश्तेदारी में चले गए थे. जब कुछ दिनों बाद घर पर वापस आए तो घर का ताला टूटा हुआ था. सामान बिखरा हुआ था और चीजें गायब थी. एक व्यक्ति ने बताया कि उनके घर से तकरीबन 50 हजार रुपये का सामान चोरी हुआ था. जो अब तक उन्हें नहीं मिल सका है.
वहीं एक बुजुर्ग महिला ने बात करते हुए कहा कि उनके घर में अभी कुछ दिन पहले ही चोरी हो गई. जिसमें उनकी दो भैंसों को चौकी से महज 20 मीटर की दूरी पर ही चोर अपने मिनी ट्रक में भरकर ले गए. जब चोरी हुई तब वह अपने घर पर नहीं थी. उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई, लेकिन किसी तरह की सहूलियत नहीं मिली है.
लोगों ने कहा कि उनके बंद घरों की सुरक्षा नहीं मिली. इलाके में पुलिस तभी आती है, जब कोई जुआ खेलने की शिकायत करता है या मुखबिर द्वारा कोई विशेष सूचना दी जाती है. इसके अलावा दिन हो या रात पुलिस निगरानी के लिए कोई नहीं आता है.
क्या कहते हैं आंकड़ें
2019 में आए एनसीआरबी (NCRB) के आंकड़ों की मानें तो मुरादाबाद जिले में कुल 707 चोरी की घटनाओं को रिपोर्ट किया गया. जिनमें कार अथवा मोटरसाइकिल की चोरी की घटनाएं 368 है. जबकि अन्य चोरी की घटनाएं 339 है.
अगर, एनसीआरबी के आंकड़ों की माने तो 2019 में कुल 99 सेंधमारी की घटनाओं को अंजाम दिया गया. जिनमें से 7 घटनाएं तो दिन के समय में रिपोर्ट की गई, जबकि 92 घटनाएं रात्रि के समय रिपोर्ट की गई है.
वहीं, अगर आईपीसी की धारा 392, 394, 397 के अंतर्गत आने वाली रॉबरी की घटनाओं के तहत दर्ज किए गए मामलों को जांचे तो कुल 26 मामले 'रॉबरी अपराध' के तहत रिपोर्ट किए गए. जबकि डकैती के तीन मामले भी 2019 में मुरादाबाद में दर्ज किए गए हैं.
इसके साथ ही सैकड़ों ऐसी घटनाएं हैं, जिनमें लोगों द्वारा या तो रिपोर्ट नहीं दर्ज करवाई गई, या प्रार्थना पत्र देने के बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज ही नहीं की. इस तरह की घटनाओं में मुख्य तौर पर देखा जाए तो चोरों की प्रवृत्ति यही रही कि चोर पहले घरों को बाहर से कई दिनों तक रेकी करते हैं. आसपास के लोगों से पूछताछ करते हैं कि घर में कोई रहता है या नहीं. इसके बाद जब जानकारी पुख्ता हो जाती है तो वह सेंध मारकर या ताला काटकर घटना को अंजाम दे देते हैं.
क्या बोले जिम्मेदार
इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस द्वारा क्या प्रयास किया जा रहा है. एसपी देहात विद्यासागर मिश्र ने कहा कि जहां तक बंद घर और बंद दुकानों का सवाल है. वहां पर पहले ही कुछ व्यक्तियों द्वारा थाने ओर सूचना दे दी जाती है, कि हम कहीं बाहर जा रहे हैं और हमारे घरों की देख रेख की जाए, तो वहां नाईट ड्यूटी में लगे जवानों द्वारा लगातार मॉनिटर की जाती है.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कुछ ऐसे भी लोग जो हमें सूचना नहीं देते हैं तो ऐसे घरों या प्रतिष्ठानों की हमारे सोर्सेस द्वारा सूची तैयार कर ली जाती है. वहां पर भी हम नाईट ड्यूटी के साथ-साथ अन्य सुविधाओं के माध्यम से लगातार देखभाल करते हैं.
एसपी देहात ने कहा कि इसके साथ ही हमारी डायल 112 की गाड़ियां, मोबाइल पिकेट और अन्य ड्यूटी जवानों द्वारा बंद घरों या छुट्टी पर गए या अपने रिश्तेदारों के यहां गए लोगों के सुरक्षात्मक देखभाल की जाती है. उन्होंने जानकारी दी कि इसके साथ यूपी कॉप एप्लीकेशन पर सुविधा है कि हमें सूचना दी जा सकती है कि आप कहीं अपने घर से बाहर जा रहे हैं और पुलिस के द्वारा देखभाल की जाए. ऐसे घरों पर भी हम अपने सिस्टम के माध्यम से देखभाल करते रहते हैं.