मुरादाबाद: देश में सामाजिक सद्भाव का सन्देश देने के लिए समय-समय पर कई लोग आगे आते रहे हैं. समाज, धर्म और क्षेत्रीय सीमाओं से आगे जाकर लोगों को एक सूत्र में बांधने की यही कोशिश देश को एक अलग मुकाम दिलाती है. मुरादाबाद जिले के रहने वाले तारिक किशोर भी पिछले कई सालों से अपने संगीत के जरिए लोगों को एक सूत्र में पिरोने का काम कर रहे हैं. शारीरिक रूप से दिव्यांग तारिक किशोर देवी जागरण कार्यक्रमों से लेकर फिल्मी गीत गाते हैं.
तारिक किशोर कर रहे लोगों को एक सूत्र में पिरोने का काम
जिले के लालबाग क्षेत्र में रहने वाले तारिक किशोर गायक पिछले कई सालों से अपनी सुरीली आवाज से लोगों का मनोरंजन करते आ रहे हैं. मुस्लिम परिवार में पैदा हुए तारिक किशोर का बचपन बड़ी मुश्किलों में बीता है. पैदा होने के बाद वह पोलियो वायरस की चपेट में आने से शारीरिक दिव्यांगता के शिकार हो गए.
हजारों की तादाद में जुटती है भीड़
बचपन से ही संगीत में रुचि होने के कारण तारिक शौकिया तौर पर गीत गाने लगे और आज वह हर फिल्मी संगीत के साथ देवी जागरण, कव्वाली, भजन भी गाते हैं. तारिक किशोर के भजन और जागरण सुनने के लिए हजारों की तादाद में भीड़ जुटती है.
गरीब बच्चों को संगीत की शिक्षा
अभावों में बीते बचपन का अहसास आज भी तारिक को लगातार बेहतर करने की प्रेरणा देता है. गीत-संगीत के माध्यम से तारिक सामाजिक सद्भाव और जागरूकता के सन्देश भी लोगों तक पहुंचाते हैं. मशहूर गायक किशोर कुमार के प्रशंसक तारिक भविष्य में स्कूल खोलकर गरीब बच्चों को संगीत को शिक्षा देना चाहते हैं.
संगीत सबसे प्रभावी माध्यम
समाज में सद्भाव के लिए तारिक संगीत को सबसे प्रभावी माध्यम मानते हैं. तारिक के मुताबिक उन्हें धार्मिक संगीत के जरिए जो पहचान मिली है, वह साबित करती है की 'मजहबी दीवारें प्रतिभा को कैद नहीं कर सकती.'
सोशल मीडिया पर लाखों की फैन फॉलोइंग
सोशल मीडिया पर लाखों की फैन फॉलोइंग के साथ तारिक लगातार अपने सफर को आग बढ़ा रहें है. देश के अलग-अलग शहरों में कार्यक्रम कर चुका यह गायक परिवार के लिए किसी गौरव से कम नहीं है. तारिक के परिजन उनके सफर से खासे खुश है और आगे भी उनसे बेहतर करने की उम्मीद लगाए हैं.
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