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मुरादाबाद: दैनिक मजदूरों की झोपड़ी में खत्म हो रहा राशन, लॉकडाउन बढ़ने से होगी परेशानी

लॉकडाउन अगर इसी तरह जारी रहा तो मुरादाबाद जिले के मझोला क्षेत्र में रहने वाले मजदूरों को खाने-पीने की किल्लत होगी. क्योंकि इन दिनों इनके पास मौजूद राशन समाप्त हो चुका है और अब यह लोग फिर एक बार प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं.

दैनिक मजदूरों की झोपड़ी में खत्म हो रहा राशन.
दैनिक मजदूरों की झोपड़ी में खत्म हो रहा राशन.
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Published : Apr 10, 2020, 7:30 AM IST

मुरादाबाद: देश में लागू लॉकडाउन से कोरोना संक्रमण रोकने की कोशिशें जारी हैं. वहीं लॉकडाउन जारी रहने की आशंका से दैनिक मजदूरों के माथे पर परेशानी नजर आ रही है. जिले के मझोला क्षेत्र में रहने वाले मजदूरों की झोपड़ियों में खाने-पीने के सामान की किल्लत होती जा रही है और इनके सामने सबसे बड़ा संकट आने वाले दिनों में परिवार के पालन-पोषण का है.

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दैनिक मजदूरों की झोपड़ी में खत्म हो रहा राशन.

लोहे के औजार बनाने वाले इन मजदूरों को लॉकडाउन शुरू होने के समय प्रशासन और समाजसेवी संगठनों द्वारा मदद पहुंचाई गई थी. लेकिन समय बीतने के साथ इनके पास मौजूद राशन समाप्त हो चुका है. ऐसे में खाने-पीने की दिक्कतों के साथ बच्चों को दूध और अन्य जरूरी सामानों की किल्लत बनी हुई है.

सबके सामने है एक जैसी ही समस्या
स्थानीय महिला शिमला बताती हैं कि प्रशासन ने शुरू में राशन मुहैया तो कराया. लेकिन अब वह राशन भी समाप्त हो गया है. इन झोपड़ियों में 17 परिवार रह रहे हैं और सबके सामने एक जैसी ही समस्या है.

झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले इन परिवारों के मुताबिक यदि लॉकडाउन आगे बढ़ाया जाता है तो इनकी दिक्कतें बढ़ जाएंगी. दैनिक मजदूरों का यह परिवार अब सरकार और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.


दरअसल लॉकडाउन के दिन बढ़ने के साथ मदद करने वाले एनजीओ और समाजसेवी अब कम नजर आ रहें है, जिसके बाद मजदूरों की मदद का जिम्मा प्रशासन के कंधों पर है. प्रशासन द्वारा हर रोज ऐसे परिवारों की मदद की जा रही है. लेकिन ऐसे परिवारों की तादात ज्यादा होने के चलते प्रशासन के सामने भी बड़ी चुनौती है.

मुरादाबाद: देश में लागू लॉकडाउन से कोरोना संक्रमण रोकने की कोशिशें जारी हैं. वहीं लॉकडाउन जारी रहने की आशंका से दैनिक मजदूरों के माथे पर परेशानी नजर आ रही है. जिले के मझोला क्षेत्र में रहने वाले मजदूरों की झोपड़ियों में खाने-पीने के सामान की किल्लत होती जा रही है और इनके सामने सबसे बड़ा संकट आने वाले दिनों में परिवार के पालन-पोषण का है.

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दैनिक मजदूरों की झोपड़ी में खत्म हो रहा राशन.

लोहे के औजार बनाने वाले इन मजदूरों को लॉकडाउन शुरू होने के समय प्रशासन और समाजसेवी संगठनों द्वारा मदद पहुंचाई गई थी. लेकिन समय बीतने के साथ इनके पास मौजूद राशन समाप्त हो चुका है. ऐसे में खाने-पीने की दिक्कतों के साथ बच्चों को दूध और अन्य जरूरी सामानों की किल्लत बनी हुई है.

सबके सामने है एक जैसी ही समस्या
स्थानीय महिला शिमला बताती हैं कि प्रशासन ने शुरू में राशन मुहैया तो कराया. लेकिन अब वह राशन भी समाप्त हो गया है. इन झोपड़ियों में 17 परिवार रह रहे हैं और सबके सामने एक जैसी ही समस्या है.

झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले इन परिवारों के मुताबिक यदि लॉकडाउन आगे बढ़ाया जाता है तो इनकी दिक्कतें बढ़ जाएंगी. दैनिक मजदूरों का यह परिवार अब सरकार और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.


दरअसल लॉकडाउन के दिन बढ़ने के साथ मदद करने वाले एनजीओ और समाजसेवी अब कम नजर आ रहें है, जिसके बाद मजदूरों की मदद का जिम्मा प्रशासन के कंधों पर है. प्रशासन द्वारा हर रोज ऐसे परिवारों की मदद की जा रही है. लेकिन ऐसे परिवारों की तादात ज्यादा होने के चलते प्रशासन के सामने भी बड़ी चुनौती है.

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