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अखिलेश-पत्रकार मारपीट मामला: पुलिस ने पत्रकारों को भेजा नोटिस - akhilesh journalist assault case of moradabad

मुरादाबाद में 11 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पत्रकारों के बीच हुए विवाद में दोनों तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में पुलिस ने अब अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए वादी और प्रतिवादी के घर नोटिस भेजकर थाने आकर अपने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है.

अखिलेश यादव.
अखिलेश यादव.
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Published : Mar 17, 2021, 9:02 AM IST

मुरादाबाद: 11 मार्च को पांच सितारा होटल में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और पत्रकारों के बीच हुए विवाद में दोनों तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में पुलिस ने अब अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए वादी और प्रतिवादी के घर पर नोटिस भेजकर थाने आकर अपने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है.

नोटिस.
नोटिस.

अखिलेश यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाले आइपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक तरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए पाकबड़ा थाना इंचार्ज का एक ऑडियो वायरल किया था. ऑडियो वायरल करने के मामले में एसपी सिटी अमित कुमार ने कहा कि ऑडियो वायरल करने की जांच होगी. साथ ही आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और पत्रकारों के बीच हुए विवाद मामले में पुलिस ने आगे की कार्रवाई करते हुए वादी और प्रतिवादी को थाने आकर बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया है. 12 मार्च को मुकदमा दर्ज कराने के बाद वादी और प्रतिवादी ने तीन दिन बाद थाने पहुंचकर अपने बयान दर्ज नहीं कराए थे. नोटिस जारी होने के बाद यह मामला पुलिस के एक तरफा कार्रवाई को लेकर एक बार फिर देर रात सोशल मीडिया पर छाया रहा. वहीं आइपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अवधेश परासर ने पाकबड़ा थाना इंचार्ज का ऑडियो भी वायरल कर दिया. ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की बात कह रही है.

वादी और प्रतिवादी के यहां पुलिस ने भेजा नोटिस
12 मार्च को पाकबड़ा थाने में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ पत्रकारों के साथ मारपीट के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था. तीन दिन बाद भी थाने आकर वादी और प्रतिवादी ने अपने बयान दर्ज नहीं कराए थे. जिसको लेकर दोनों को थाने आकर बयान दर्ज कराने के लिए उनके घर जाकर नोटिस दिया है.

आइपा अध्यक्ष ने एक तरफा कार्रवाई का लगाया आरोप
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाले आइपा पत्रकार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अवधेश परासर ने नोटिस मिलने के बाद पुलिस पर एक तरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि पुलिस ने हम लोगों को तो बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी कर दिया. उन्होंने सवाल पूछते कहा कि क्या इस मामले में अखिलेश यादव को भी बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा गया है. जबकि दोनों पत्रकारों का पुलिस ने अभी तक मेडिकल तक नहीं कराया है.

पाकबड़ा थाना इंचार्ज का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल
नोटिस मिलने के बाद अवधेश परासर ने पाकबड़ा थाना इंचार्ज के साथ अपनी बात का एक ऑडियो वायरल किया है. जिसमें वह थाना इंचार्ज रजनी द्विवेदी से पूछ रहे है कि क्या पुलिस ने दोनों पत्रकारों का मेडिकल कराया और क्या इस मामले में अखिलेश यादव का बयान दर्ज करने के लिए उनको भी नोटिस भेजा है. साथ ही दोनों पत्रकारों का मेडिकल कराया या नहीं. जिस पर पाकबड़ा थाना इंचार्ज कोई जबाब नहीं दे पाई.

ऑडियो वायरल करने वाले के खिलाफ होगी कार्रवाई
पाकबड़ा थाना महिला थाना इंचार्ज रजनी द्विवेदी का सोशल मीडिया पर ऑडियो वायरल होने को पुलिस ने गंभीरता से लिया है. एसपी सिटी अमित कुमार का कहना है कि थाना इंचार्ज की बिना मर्जी के उनकी बातचीत का ऑडियो रिकार्ड करना और उसको वायरल करना अपराध है. जिसने भी यह ऑडियो वायरल किया है उसकी जांच कर उसके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढे़ं- बलरामपुर: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पोषण पखवाड़े का हुआ शुभारम्भ

मुरादाबाद: 11 मार्च को पांच सितारा होटल में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और पत्रकारों के बीच हुए विवाद में दोनों तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में पुलिस ने अब अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए वादी और प्रतिवादी के घर पर नोटिस भेजकर थाने आकर अपने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है.

नोटिस.
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अखिलेश यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाले आइपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक तरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए पाकबड़ा थाना इंचार्ज का एक ऑडियो वायरल किया था. ऑडियो वायरल करने के मामले में एसपी सिटी अमित कुमार ने कहा कि ऑडियो वायरल करने की जांच होगी. साथ ही आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और पत्रकारों के बीच हुए विवाद मामले में पुलिस ने आगे की कार्रवाई करते हुए वादी और प्रतिवादी को थाने आकर बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया है. 12 मार्च को मुकदमा दर्ज कराने के बाद वादी और प्रतिवादी ने तीन दिन बाद थाने पहुंचकर अपने बयान दर्ज नहीं कराए थे. नोटिस जारी होने के बाद यह मामला पुलिस के एक तरफा कार्रवाई को लेकर एक बार फिर देर रात सोशल मीडिया पर छाया रहा. वहीं आइपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अवधेश परासर ने पाकबड़ा थाना इंचार्ज का ऑडियो भी वायरल कर दिया. ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की बात कह रही है.

वादी और प्रतिवादी के यहां पुलिस ने भेजा नोटिस
12 मार्च को पाकबड़ा थाने में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ पत्रकारों के साथ मारपीट के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था. तीन दिन बाद भी थाने आकर वादी और प्रतिवादी ने अपने बयान दर्ज नहीं कराए थे. जिसको लेकर दोनों को थाने आकर बयान दर्ज कराने के लिए उनके घर जाकर नोटिस दिया है.

आइपा अध्यक्ष ने एक तरफा कार्रवाई का लगाया आरोप
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाले आइपा पत्रकार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अवधेश परासर ने नोटिस मिलने के बाद पुलिस पर एक तरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि पुलिस ने हम लोगों को तो बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी कर दिया. उन्होंने सवाल पूछते कहा कि क्या इस मामले में अखिलेश यादव को भी बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा गया है. जबकि दोनों पत्रकारों का पुलिस ने अभी तक मेडिकल तक नहीं कराया है.

पाकबड़ा थाना इंचार्ज का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल
नोटिस मिलने के बाद अवधेश परासर ने पाकबड़ा थाना इंचार्ज के साथ अपनी बात का एक ऑडियो वायरल किया है. जिसमें वह थाना इंचार्ज रजनी द्विवेदी से पूछ रहे है कि क्या पुलिस ने दोनों पत्रकारों का मेडिकल कराया और क्या इस मामले में अखिलेश यादव का बयान दर्ज करने के लिए उनको भी नोटिस भेजा है. साथ ही दोनों पत्रकारों का मेडिकल कराया या नहीं. जिस पर पाकबड़ा थाना इंचार्ज कोई जबाब नहीं दे पाई.

ऑडियो वायरल करने वाले के खिलाफ होगी कार्रवाई
पाकबड़ा थाना महिला थाना इंचार्ज रजनी द्विवेदी का सोशल मीडिया पर ऑडियो वायरल होने को पुलिस ने गंभीरता से लिया है. एसपी सिटी अमित कुमार का कहना है कि थाना इंचार्ज की बिना मर्जी के उनकी बातचीत का ऑडियो रिकार्ड करना और उसको वायरल करना अपराध है. जिसने भी यह ऑडियो वायरल किया है उसकी जांच कर उसके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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