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मुरादाबाद की इस कॉलोनी में चार साल से बिजली-पानी के लिए तरस रहे लोग - चार साल से नहीं मिल रही बिजली

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के कटघर थाना क्षेत्र स्थित एक सरकारी कॉलोनी में रहने वाले लोग चार साल से बिजली और पानी के लिए तरस रहे हैं. इनका आरोप है कि मामले को लेकर कई बार शिकायत के बाद भी इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

people are not getting electricity and water in moradabad
मुरादाबाद के करूला में कॉलोनी में रहने वाले लोगों को हो रही परेशानी.
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Published : Jul 4, 2020, 10:29 PM IST

मुरादाबाद: केंद्र और राज्य की सरकारें गांव-गांव और घर-घर तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाने की बात कहती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग ही दास्तां बयां कर रही है. सच्चाई इस बात से पता चलती है कि चार साल पहले लोगों को मिले सरकारी आवास में आज तक बिजली के कनेक्शन नहीं मिल पाए हैं. कनेक्शन तो दूर बिजली के खम्भे और तार तक नही खिंच पाए हैं. लोग सरकारी हैंडपम्प से पानी लेकर जाने को मजबूर हैं. लोगों का आरोप है कि अधिकारियों के आश्वासन के अलावा उन्हें कुछ भी नहीं मिला है.

चार साल से बिजली-पानी के लिए तरस रहे लोग.

दरअसल, उत्तर प्रदेश में जिस-जिस पार्टी की सरकार रही, उसने गरीब लोगों को कांशीराम आवास योजना, आसरा आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मुहैया कराए. सपा सरकार में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को शहर विधानसभा के कटघर थाना क्षेत्र के करूला में आसरा आवास योजना के तहत तीन मंजिल 108 आवास बनाए गए थे. चार साल पहले लोगों को इन आवासों का आवंटन किया गया.

बिजली-पानी से अब तक हैं महरूम
किराए के मकान में रहने वाले लोगों का अपना घर होने का सपना पूरा हो गया और वे खुशी-खुशी इन आवासों में आकर रहने लगे. लेकिन अब इस कॉलोनी में रहने वाले लोग बहुत परेशान हैं, क्योंकि इन लोगों को आवास तो दे दिए गए, लेकिन बिजली और पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई. चार साल से बिना लाइट और पानी के ये लोग रहने को मजबूर हैं. इस भीषण गर्मी में हाथ का पंखा ही इन लोगों का सहारा बना हुआ है. रात के समय घर की छत पर या घर के बाहर सोने के लिए मजबूर हैं.

people are not getting electricity and water in moradabad
चार साल पहले कॉलोनी का हुआ था निर्माण.

पंखा और टीवी बने शो-पीस
तीसरी मंजिल पर रहने वाले लोगों को तो पानी की बहुत परेशानी होती है. नहाने और बर्तन धोने तक के लिए वे कॉलोनी आवास में लगे सरकारी हैंडपम्प से पानी ले जाने के लिए मजबूर हैं. मकानों के अंदर लाइट की फिटिंग तो है, लेकिन उसमें करेंट नहीं है. घर में पंखा-टीवी सब शो-पीस बनकर रह गए हैं.

दफ्तरों के चक्कर काट रहे लोग
कॉलोनी में रहने वाले लोग दो-तीन साल से जिलाधिकारी और बिजली अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाते-लगाते परेशान हैं. कोई भी अधिकारी सुनने के लिए तैयार नहीं हैं. अधिकारियों द्वारा केवल इन लोगों को आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है.

डीएम से शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
कॉलोनी में रहने वाली मारिषा का कहना है कि चार साल पहले यह मकान हमको मिला था, लेकिन यहां बिजली-पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. सरकारी नल से पानी भरकर काम चलाते हैं. हाथ के पंखे के अलावा कोई सहारा नहीं है. बिजली विभाग के अधिकारी यह कहकर टाल देते हैं कि यह क्षेत्र हमारे इलाके में नहीं आता है. जिलाधिकारी तक को शिकायत की, लेकिन चार साल में आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. गर्मी से बेटे की सांस फूल जाती है और वहीं छोटे बच्चे तो और भी ज्यादा परेशान हैं.

'न तो बिजली है और न ही पानी'
पिछले तीन साल से लगातार अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगा रही रुजिका का कहना है, 'चार साल पहले यह मकान मिला था, लेकिन मुझको यहां आए हुए तीन साल ही हुए हैं. किराये के मकान छोड़कर अपने मकान में आए, लेकिन यहां तो बहुत परेशानी हो रही है. यहां न तो बिजली है और न ही पानी की व्यवस्था.'

ये भी पढ़ें: पिछली सरकारों ने खादी ग्रामोद्योग बोर्ड को सफेद हाथी बनाकर छोड़ा: गोपाल अंजान

बिजली कनेक्शन के लिए रुपये देने को भी तैयार
रुजिका ने बताया कि घर में टीवी-पंखा सब शो पीस बनकर रह गए हैं. अधिकारियों के पास शिकायत करते-करते थक गए हैं. दो दिन पहले जिलाधिकारी के पास एक बार फिर जाकर शिकायत की, लेकिन यही आश्वासन मिला कि जल्द ही समस्या दूर हो जाएगी. हम बिजली कनेक्शन के लिए रुपये भी देने को तैयार हैं.

मुरादाबाद: केंद्र और राज्य की सरकारें गांव-गांव और घर-घर तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाने की बात कहती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग ही दास्तां बयां कर रही है. सच्चाई इस बात से पता चलती है कि चार साल पहले लोगों को मिले सरकारी आवास में आज तक बिजली के कनेक्शन नहीं मिल पाए हैं. कनेक्शन तो दूर बिजली के खम्भे और तार तक नही खिंच पाए हैं. लोग सरकारी हैंडपम्प से पानी लेकर जाने को मजबूर हैं. लोगों का आरोप है कि अधिकारियों के आश्वासन के अलावा उन्हें कुछ भी नहीं मिला है.

चार साल से बिजली-पानी के लिए तरस रहे लोग.

दरअसल, उत्तर प्रदेश में जिस-जिस पार्टी की सरकार रही, उसने गरीब लोगों को कांशीराम आवास योजना, आसरा आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मुहैया कराए. सपा सरकार में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को शहर विधानसभा के कटघर थाना क्षेत्र के करूला में आसरा आवास योजना के तहत तीन मंजिल 108 आवास बनाए गए थे. चार साल पहले लोगों को इन आवासों का आवंटन किया गया.

बिजली-पानी से अब तक हैं महरूम
किराए के मकान में रहने वाले लोगों का अपना घर होने का सपना पूरा हो गया और वे खुशी-खुशी इन आवासों में आकर रहने लगे. लेकिन अब इस कॉलोनी में रहने वाले लोग बहुत परेशान हैं, क्योंकि इन लोगों को आवास तो दे दिए गए, लेकिन बिजली और पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई. चार साल से बिना लाइट और पानी के ये लोग रहने को मजबूर हैं. इस भीषण गर्मी में हाथ का पंखा ही इन लोगों का सहारा बना हुआ है. रात के समय घर की छत पर या घर के बाहर सोने के लिए मजबूर हैं.

people are not getting electricity and water in moradabad
चार साल पहले कॉलोनी का हुआ था निर्माण.

पंखा और टीवी बने शो-पीस
तीसरी मंजिल पर रहने वाले लोगों को तो पानी की बहुत परेशानी होती है. नहाने और बर्तन धोने तक के लिए वे कॉलोनी आवास में लगे सरकारी हैंडपम्प से पानी ले जाने के लिए मजबूर हैं. मकानों के अंदर लाइट की फिटिंग तो है, लेकिन उसमें करेंट नहीं है. घर में पंखा-टीवी सब शो-पीस बनकर रह गए हैं.

दफ्तरों के चक्कर काट रहे लोग
कॉलोनी में रहने वाले लोग दो-तीन साल से जिलाधिकारी और बिजली अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाते-लगाते परेशान हैं. कोई भी अधिकारी सुनने के लिए तैयार नहीं हैं. अधिकारियों द्वारा केवल इन लोगों को आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है.

डीएम से शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
कॉलोनी में रहने वाली मारिषा का कहना है कि चार साल पहले यह मकान हमको मिला था, लेकिन यहां बिजली-पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. सरकारी नल से पानी भरकर काम चलाते हैं. हाथ के पंखे के अलावा कोई सहारा नहीं है. बिजली विभाग के अधिकारी यह कहकर टाल देते हैं कि यह क्षेत्र हमारे इलाके में नहीं आता है. जिलाधिकारी तक को शिकायत की, लेकिन चार साल में आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. गर्मी से बेटे की सांस फूल जाती है और वहीं छोटे बच्चे तो और भी ज्यादा परेशान हैं.

'न तो बिजली है और न ही पानी'
पिछले तीन साल से लगातार अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगा रही रुजिका का कहना है, 'चार साल पहले यह मकान मिला था, लेकिन मुझको यहां आए हुए तीन साल ही हुए हैं. किराये के मकान छोड़कर अपने मकान में आए, लेकिन यहां तो बहुत परेशानी हो रही है. यहां न तो बिजली है और न ही पानी की व्यवस्था.'

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बिजली कनेक्शन के लिए रुपये देने को भी तैयार
रुजिका ने बताया कि घर में टीवी-पंखा सब शो पीस बनकर रह गए हैं. अधिकारियों के पास शिकायत करते-करते थक गए हैं. दो दिन पहले जिलाधिकारी के पास एक बार फिर जाकर शिकायत की, लेकिन यही आश्वासन मिला कि जल्द ही समस्या दूर हो जाएगी. हम बिजली कनेक्शन के लिए रुपये भी देने को तैयार हैं.

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