मुरादाबाद: देश में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण और उससे लोगों को हो रही बिमारियों के बाद सरकार लगातार सख्ती दिखा रही है, बावजूद इसके प्रदूषण पर रोक नहीं लग पा रही है. पीतलनगरी मुरादाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक के आंकड़े हैरान करने वाले हैं. एनजीटी की सख्ती के बाद भी भट्टियों से निकलने वाला धुआं लोगों की सेहत बिगाड़ रहा है. मुरादाबाद के रहने वाले एक शख्स ने अब प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए अनोखा सिस्टम तैयार किया है जो भट्टियों के प्रदूषण को अस्सी फीसदी तक कम कर रहा है.
रिटायर्ड स्कूल टीचर अब्दुल्ला प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए इसके समाधान की तलाश में जुटे थे. काफी दिनों की मेहनत के बाद अब्दुल्ला ने वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए एक डिवाइस तैयार की है, जो पीतल भट्टियों के प्रदूषण को रोकने में काफी असरदार साबित हो रही है.
डिवाइस कैसे करती है काम
पीतल भट्टियों में पीतल की सिल्लियां बनाने के लिए कोयले की भट्टियों में धातुएं गलाई जाती है, जिसके चलते धातुओं के महीन कण और जहरीला धुंआ वायुमंडल में पहुंच जाता है. पीतल भट्टियों से मुख्यतः निकिल, आर्सेनिक, कैडियम, मरकरी जैसे खतरनाक तत्व हवा में प्रवेश करते है, जो कैंसर जैसी बीमारियों को जन्म देते हैं. अब्दुल्ला के बनाए डिवाइस के माध्यम से पीतल भट्टियों से उठने वाले धुएं और धातु तत्वों के एक जगह जमा किया जाता है.
इसके बाद एक बड़े पाइप के सहारे प्रदूषण के कारक इन तत्वों को डिवाइस में पहुंचाया जाता है, जहां इनको फिल्टर किया जाता है. फिल्टर होने के बाद इस धुएं को गीले स्क्रबर से गुजारा जाता है, जहां पानी से धुलने के बाद जहरीली गैसें समाप्त हो जाती हैं. ऐसा करने से शुद्ध हवा वायुमंडल में पहुंचती है. मुरादाबाद की एक पीतल भट्टी में ट्रायल के लिए लगाए इस डिवाइस से कारीगर भी खुश नजर आ रहे हैं.
अधिकारी भी कर रहे अबदुल्ला की सराहना
पीतल भट्टियों से जहरीले धातु कणों के साथ कई खतरनाक गैसें भी उतपन्न होती हैं, जो वायुमंडल में पहुंचकर प्रदूषण बढ़ाती हैं. कार्बन डाई आक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, सल्फर और कार्बन यौगिक इंसानी सेहत के लिए खतरनाक है. अब्दुल्ला की बनाई इस डिवाइस की सराहना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भी कर रहें है और इसको ज्यादा असरदार बनाने के लिए सुझाव भी दे रहे हैं.
अब्दुल्ला की प्रदूषण मुक्त डिवाइस
अब्दुल्ला द्वारा तैयार की गई इस डिवाइस के माध्यम से जहां प्रदूषण में 80 फीसदी कमी आने का दावा किया जा रहा है, वहीं पीतल कारीगर भी इस डिवाइस से प्रदूषण में सुधार और काम में सहूलियत का दावा कर रहें हैं. ऐसे समय जब मुरादाबाद देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की सूची में है, उस वक्त अब्दुल्ला की यह डिवाइस शहर को प्रदूषण मुक्त करने में सहायक सिद्ध हो रही है.