मुरादाबाद: सिविल लाइन थाना क्षेत्र में सरकारी जमीन पर चड्ढा ग्रुप की दो निर्माणाधीन बिल्डिंगों पर एमडीए ने बुलडोजर चला दिया. एमडीए के अधिकारियों का कहना है कि बिल्डिंग का जितना हिस्सा सरकारी जमीन पर बना है सिर्फ उसे ही तोड़ा गया है. सरकारी जमीन पर बन रही बिल्डिंग का नक्शा भी एमडीए के अधिकारियों ने पास कर दिया था. तत्कालीन कमिश्नर के दखल के बाद इस बिल्डिंग को सील कर दिया गया था.
अवैध निर्माण और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार काफी कड़ाई बरत रही है. मुरादाबाद भी अब इस बुलडोजर से अछूता नहीं रहा. यहां के चड्ढा ग्रुप की तीन मंजिला निर्माणाधीन बिल्डिंग पर बुलडोजर चला. सुबह सुबह हुई एमडीए की इस कार्रवाई को देख कर लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो गयी. एमडीए ने पुलिस की मदद से ट्रैफिक को रोक दिया और बुलडोजर से निर्माणाधीन बिल्डिंगों को ध्वस्त कर दिया. इस पूरी कार्रवाई के दौरान चड्ढा ग्रुप का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा.
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तत्कालीन कमिश्नर ने सील की थी बिल्डिंग: कमिश्नर बंगले के पास की सरकारी जमीन पर हो रहे इस अवैध निर्माण को तत्कालीन कमिश्नर आंजनेय कुमार के दखल के बाद सील कर दिया गया था. उसके बाद पूरे मामले पर जांच की गई. जांच में पता लगा कि जिस जमीन पर चढ्ढा ग्रुप ने तीन मंजिला भवन का निर्माण किया है वो सरकारी जमीन है. इसके बाद इस भवन को गिराने का आदेश दे दिया गया .
पॉश इलाके में बनाया जा रहा था ये भवन: इस अवैध निर्माणाधीन बिल्डिंग के पास ही पुलिस अकेडमी, डीआईजी ऑफिस और जज कॉलोनी भी है. बावजूद इसके एमडीए की मिलीभगत से 12 फ्लैट की दो बिल्डिंगों का निर्माण करा लिया गया था. एमडीए के अधिकारी प्रबुद्व सिंह ने बताया कि इस तीन मंजिला भवन को जो हिस्सा सरकारी जमीन पर आ रहा था उस हिस्से को ध्वस्त किया गया है. यह बिल्डिंग गोविंद सहकारी समिति के नाम से दर्ज है. यह किस ग्रुप का है, इसकी जानकारी नहीं है.
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