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MDA और कर्मचारी संगठनों में रार, बेमियादी हड़ताल शुरू - मुराबाद में कर्मचारियों की हड़ताल

मुरादाबाद विकास प्राधिकरण से निकाले गए 110 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के समर्थन में अन्य कर्मचारी और संगठन आ गए हैं. कर्मचारियों संगठनों के साथ कर्मचारियों ने एमडीए कार्यालय के बाहर हड़ताल शुरू कर दी है.

मुरादाबाद में कर्मचारियों की हड़ताल.
मुरादाबाद में कर्मचारियों की हड़ताल.
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Published : Jan 23, 2021, 1:17 AM IST

मुरादाबादः मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (MDA) में कार्य करने वाले 110 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को उपाध्यक्ष यशू रूस्तगी के एक फैसले ने नौकरी से बाहर कर दिया था. उपाध्यक्ष के इस फैसले के विरोध में पिछले 18 दिनों से MDA ऑफिस के बाहर धरना-प्रदर्शन जारी है. इस प्रदर्शन में न केवल निकाले गए कर्मी शामिल हैं, बल्कि उनका पूरा परिवार व अन्य कर्मचारी संगठन भी मौजूद है. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों के समर्थन में शुक्रवार को मुरादाबाद के सभी कार्यालयों में काम करने वाले चतुर्थ श्रेणी के साथ-साथ अन्य कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है.

मुरादाबाद में कर्मचारियों की हड़ताल.

अधिकारियों ने नहीं मानी बात
हड़ताल को बढ़ाने का मुख्य कारण बताया जा रहा है कि अब तक अधिकारियों ने किसी तरह का सकारात्मक उत्तर कर्मियों की बहाली पर नहीं दिया है. इस कारण से मुरादाबाद कर्मचारी समन्वय समिति ने 22 जनवरी से पूरी तरह हड़ताल का ऐलान पहले ही कर दिया था. मंडलायुक्त वीरेंद्र कुमार सिंह से मुलाकात करने के बाद लोक निर्माण विभाग में समिति के पदाधिकारियों ने हड़ताल का ऐलान किया. समिति की अगुवाई कर रहे संदीप बडोला ने कहा कि अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी.

इन संगठनों का संगठनों का मिला साथ
शुक्रवार को शुरू हुई बेमियादी हड़ताल में मुख्य रूप से स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, जलकल विभाग, सफाई कर्मचारी, लेखपाल संघ, कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, आरटीओ, शिक्षा विभाग, वाणिज्य कर, आईटीआई, विकास भवन, पॉलिटेक्निक, सेवायोजन, समाज कल्याण, गन्ना विभाग, कृषि विभाग, ब्लॉक समेत अन्य कई विभागों के कर्मचारी संगठन व नेता शामिल हैं.

नहीं उठा शहर का कूड़ा
आंदोलन के कारण शुक्रवार को नगर निगम कर्मचारियों ने शहर में कूड़ा उठाने और अन्य सफाई के कार्यों को पूरी तरह ठप कर दिया. कर्मियों ने कार्यालयों के घेराव कर अधिकारियों को चेताया कि अगर इन 110 कर्मियों को उनके काम पर वापस नहीं बुलाया गया तो प्रदर्शन और आंदोलन जारी रहेगा. इसके साथ ही कर्मचारी संगठनों ने कहा कि अगर एमडीए की तर्ज पर किसी अन्य विभाग के कर्मी को नौकरी से निकाला गया तो स्थिति आसामान्य हो सकती है.

ऐसे तो हम सभी को बाहर कर सकता है प्रशासन
एक कर्मचारी संघ के नेता ने कहा कि अगर इसी तरह चलता रहा तो नगर निगम के 2300 कर्मियों को भी निकाल दिया जाएगा. अगर एमडीए के 110 कर्मियों को वापस काम पर नहीं बुलाया गया तो वाल्मीकि समाज के लोग शहर का बिजली, पानी और यातायात सेवा भी ठप कर देंगे.

बिना नोटिस के निकाल दिए गए 110 कर्मचारी
नगर निगम सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने कहा कि एमडीए के 110 कर्मियों को बिना किसी नोटिस के बाहर निकाल दिया गया. वह लोग अपने परिवारों व अपने साथियों के साथ एमडीए ऑफिस पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इनके समर्थन में नगर निगम सफाई कर्मचारी संघ व नगर निगम ड्राइवर संघ आज बेमियादी हड़ताल पर जा रहा है। हम इसके जरिए यह संदेश देने की भी कोशिश कर रहे हैं कि अगर नगर निगम के अधिकारियों ने हमारे साथ ऐसा कुछ बर्ताव करने का काम किया तो अंजाम बुरा होगा।

हम आंदोलन के लिए बाध्य
कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष संदीप बड़ोला ने कहा कि एमडीए के 110 कर्मचारियों को निकालने के बाद अधिकारियों ने तमाम कर्मियों के नौकरी को लेने का प्रयास शुरू कर दिया है. हमने जिलाधिकारी, कमिश्नर व अन्य आला अधिकारियों से मुलाकात करके यह अपील की थी कि इनकी नौकरी को बहाल किया जाए. अगर कर्मचारियों ने बहाल नहीं किया जाएगा तो 22 तारीख से सभी कर्मचारी संगठन जिले के प्रत्येक ऑफिस को बंद करने का काम करेंगे. फिर भी अधिकारियों ने हमारी बात नहीं सुनी तो आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.

मुरादाबादः मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (MDA) में कार्य करने वाले 110 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को उपाध्यक्ष यशू रूस्तगी के एक फैसले ने नौकरी से बाहर कर दिया था. उपाध्यक्ष के इस फैसले के विरोध में पिछले 18 दिनों से MDA ऑफिस के बाहर धरना-प्रदर्शन जारी है. इस प्रदर्शन में न केवल निकाले गए कर्मी शामिल हैं, बल्कि उनका पूरा परिवार व अन्य कर्मचारी संगठन भी मौजूद है. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों के समर्थन में शुक्रवार को मुरादाबाद के सभी कार्यालयों में काम करने वाले चतुर्थ श्रेणी के साथ-साथ अन्य कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है.

मुरादाबाद में कर्मचारियों की हड़ताल.

अधिकारियों ने नहीं मानी बात
हड़ताल को बढ़ाने का मुख्य कारण बताया जा रहा है कि अब तक अधिकारियों ने किसी तरह का सकारात्मक उत्तर कर्मियों की बहाली पर नहीं दिया है. इस कारण से मुरादाबाद कर्मचारी समन्वय समिति ने 22 जनवरी से पूरी तरह हड़ताल का ऐलान पहले ही कर दिया था. मंडलायुक्त वीरेंद्र कुमार सिंह से मुलाकात करने के बाद लोक निर्माण विभाग में समिति के पदाधिकारियों ने हड़ताल का ऐलान किया. समिति की अगुवाई कर रहे संदीप बडोला ने कहा कि अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी.

इन संगठनों का संगठनों का मिला साथ
शुक्रवार को शुरू हुई बेमियादी हड़ताल में मुख्य रूप से स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, जलकल विभाग, सफाई कर्मचारी, लेखपाल संघ, कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, आरटीओ, शिक्षा विभाग, वाणिज्य कर, आईटीआई, विकास भवन, पॉलिटेक्निक, सेवायोजन, समाज कल्याण, गन्ना विभाग, कृषि विभाग, ब्लॉक समेत अन्य कई विभागों के कर्मचारी संगठन व नेता शामिल हैं.

नहीं उठा शहर का कूड़ा
आंदोलन के कारण शुक्रवार को नगर निगम कर्मचारियों ने शहर में कूड़ा उठाने और अन्य सफाई के कार्यों को पूरी तरह ठप कर दिया. कर्मियों ने कार्यालयों के घेराव कर अधिकारियों को चेताया कि अगर इन 110 कर्मियों को उनके काम पर वापस नहीं बुलाया गया तो प्रदर्शन और आंदोलन जारी रहेगा. इसके साथ ही कर्मचारी संगठनों ने कहा कि अगर एमडीए की तर्ज पर किसी अन्य विभाग के कर्मी को नौकरी से निकाला गया तो स्थिति आसामान्य हो सकती है.

ऐसे तो हम सभी को बाहर कर सकता है प्रशासन
एक कर्मचारी संघ के नेता ने कहा कि अगर इसी तरह चलता रहा तो नगर निगम के 2300 कर्मियों को भी निकाल दिया जाएगा. अगर एमडीए के 110 कर्मियों को वापस काम पर नहीं बुलाया गया तो वाल्मीकि समाज के लोग शहर का बिजली, पानी और यातायात सेवा भी ठप कर देंगे.

बिना नोटिस के निकाल दिए गए 110 कर्मचारी
नगर निगम सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने कहा कि एमडीए के 110 कर्मियों को बिना किसी नोटिस के बाहर निकाल दिया गया. वह लोग अपने परिवारों व अपने साथियों के साथ एमडीए ऑफिस पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इनके समर्थन में नगर निगम सफाई कर्मचारी संघ व नगर निगम ड्राइवर संघ आज बेमियादी हड़ताल पर जा रहा है। हम इसके जरिए यह संदेश देने की भी कोशिश कर रहे हैं कि अगर नगर निगम के अधिकारियों ने हमारे साथ ऐसा कुछ बर्ताव करने का काम किया तो अंजाम बुरा होगा।

हम आंदोलन के लिए बाध्य
कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष संदीप बड़ोला ने कहा कि एमडीए के 110 कर्मचारियों को निकालने के बाद अधिकारियों ने तमाम कर्मियों के नौकरी को लेने का प्रयास शुरू कर दिया है. हमने जिलाधिकारी, कमिश्नर व अन्य आला अधिकारियों से मुलाकात करके यह अपील की थी कि इनकी नौकरी को बहाल किया जाए. अगर कर्मचारियों ने बहाल नहीं किया जाएगा तो 22 तारीख से सभी कर्मचारी संगठन जिले के प्रत्येक ऑफिस को बंद करने का काम करेंगे. फिर भी अधिकारियों ने हमारी बात नहीं सुनी तो आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.

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