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बेबस मजदूर का दर्द, जिन्हें हमने बनाया उनसे हमारे परिवार को रोटी भी नहीं खिलाई गई साहब!

लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों का पलायन लगातार जारी है. यूपी के मुरादाबाद जिले में भी प्रवासी मजदूर लगातार आ रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि जिन्हें हमने बनाया, उनसे हमारे परिवार को रोटी तक नहीं खिलाई गई.

प्रवासी मजदूरों का पलायन
प्रवासी मजदूरों का पलायन
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Published : May 18, 2020, 9:42 AM IST

मुरादाबाद: सिर पर बोझे का वजन और पैदल चलने से पैरों में दर्द, वजह सिर्फ यही कि बस घर जाना है. क्या मासूम बच्चे, क्या महिला, क्या बुजुर्ग... सबके ऊपर बस एक ही जुनून, कि घर पहुंचना है. मत रोको साहब धीरे-धीरे चलकर चले जाएंगे, अब यह हालत है प्रवासी मजदूरों की. पंजाब से मुरादाबाद के रास्ते संत कबीर नगर जा रहे 50 से 60 मजदूर अब कहीं रुकना नहीं चाहते, बस किसी भी तरह अपने घर पहुंचना चाहते हैं.

लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों का पलायन लगातार जारी

दरअसल रास्ते में ही एक चेक पोस्ट पर प्रवासी श्रमिकों को पुलिस द्वारा रोकने के बाद समझाने पर शेल्टर होम में रोका गया. आश्वासन दिया गया कि उच्च अधिकारियों से बात करके घर भेजने की व्यवस्था की जाएगी.

दूसरे शहरों से अपनी मंजिल की ओर जाते इन प्रवासी मजदूरों ने कभी यह नहीं सोचा होगा कि जिस गांव व मिट्टी को छोड़कर एक पल में चले आए थे. आज उसी जमीन पर एक कदम रखने के लिए हजारों-लाखों कदम चलकर भूखे प्यासे पैदल ही आना पड़ेगा. पंजाब से संतकबीर नगर जाते समय मुरादाबाद के रामपुर रोड पर पैदल चले आ रहे प्रवासी मजदूरों को देखकर कोई शायर भी अपनी शायरी में इन मजदूरों का दर्द बयान नहीं कर सकता.

रास्ते में जा रहे इन मजदूरों से ईटीवी भारत ने जब बात की तो राजेश ने बताया कि कभी पैदल चलकर तो कभी किसी की मदद से अभी मुरादाबाद पहुंचे हैं, जब सब पैदल ही जा रहे हैं तो हम भी साथ चल दिये. क्या करें पंजाब में बहुत परेशानी हो रही थी.

इसे भी पढ़ें:-अब 31 मई तक भर सकेंगे यूपीएसईई-2020 के आवेदन पत्र

गोद में अपने बेटे को लेकर सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करने वाली बबिता ने बताया कि पंजाब से आ रहे हैं. वहां बहुत दिक्कत हो रही थी अब बस घर जाना है. 50 साल के बुजुर्ग बनवारी ने बताया कि साहब जिन लोगों के लिए काम किया उनको इतना बड़ा आदमी बनाया, उनके पास हमें खाना देने के लिए भी कुछ नहीं है.

रामपुर रोड पर पुलिस ने सभी को रोक लिया जाने का कारण पूछा तो सब एक सुर में बोले कि साहब पैदल ही घर जाना है. इस पर पास में खड़े एक दारोगा ने डांटा, आपको जल्द से जल्द घर भेजने की व्यवस्था कराई जाएगी, कोई भी पैदल नहीं जाएगा. इसके बाद दारोगा ने तुरंत सेक्टर मजिस्ट्रेट को फोनकर बुलाया.

सेक्टर मजिस्ट्रेट डीके रायपा ने भी मजदूरों को समझाया कि जब तक आपके आगे जाने की व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक आप शेल्टर होम में रहो. आप के लिए खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की जाएगी, परेशान होने की जरूरत नहीं है.

मुरादाबाद: सिर पर बोझे का वजन और पैदल चलने से पैरों में दर्द, वजह सिर्फ यही कि बस घर जाना है. क्या मासूम बच्चे, क्या महिला, क्या बुजुर्ग... सबके ऊपर बस एक ही जुनून, कि घर पहुंचना है. मत रोको साहब धीरे-धीरे चलकर चले जाएंगे, अब यह हालत है प्रवासी मजदूरों की. पंजाब से मुरादाबाद के रास्ते संत कबीर नगर जा रहे 50 से 60 मजदूर अब कहीं रुकना नहीं चाहते, बस किसी भी तरह अपने घर पहुंचना चाहते हैं.

लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों का पलायन लगातार जारी

दरअसल रास्ते में ही एक चेक पोस्ट पर प्रवासी श्रमिकों को पुलिस द्वारा रोकने के बाद समझाने पर शेल्टर होम में रोका गया. आश्वासन दिया गया कि उच्च अधिकारियों से बात करके घर भेजने की व्यवस्था की जाएगी.

दूसरे शहरों से अपनी मंजिल की ओर जाते इन प्रवासी मजदूरों ने कभी यह नहीं सोचा होगा कि जिस गांव व मिट्टी को छोड़कर एक पल में चले आए थे. आज उसी जमीन पर एक कदम रखने के लिए हजारों-लाखों कदम चलकर भूखे प्यासे पैदल ही आना पड़ेगा. पंजाब से संतकबीर नगर जाते समय मुरादाबाद के रामपुर रोड पर पैदल चले आ रहे प्रवासी मजदूरों को देखकर कोई शायर भी अपनी शायरी में इन मजदूरों का दर्द बयान नहीं कर सकता.

रास्ते में जा रहे इन मजदूरों से ईटीवी भारत ने जब बात की तो राजेश ने बताया कि कभी पैदल चलकर तो कभी किसी की मदद से अभी मुरादाबाद पहुंचे हैं, जब सब पैदल ही जा रहे हैं तो हम भी साथ चल दिये. क्या करें पंजाब में बहुत परेशानी हो रही थी.

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गोद में अपने बेटे को लेकर सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करने वाली बबिता ने बताया कि पंजाब से आ रहे हैं. वहां बहुत दिक्कत हो रही थी अब बस घर जाना है. 50 साल के बुजुर्ग बनवारी ने बताया कि साहब जिन लोगों के लिए काम किया उनको इतना बड़ा आदमी बनाया, उनके पास हमें खाना देने के लिए भी कुछ नहीं है.

रामपुर रोड पर पुलिस ने सभी को रोक लिया जाने का कारण पूछा तो सब एक सुर में बोले कि साहब पैदल ही घर जाना है. इस पर पास में खड़े एक दारोगा ने डांटा, आपको जल्द से जल्द घर भेजने की व्यवस्था कराई जाएगी, कोई भी पैदल नहीं जाएगा. इसके बाद दारोगा ने तुरंत सेक्टर मजिस्ट्रेट को फोनकर बुलाया.

सेक्टर मजिस्ट्रेट डीके रायपा ने भी मजदूरों को समझाया कि जब तक आपके आगे जाने की व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक आप शेल्टर होम में रहो. आप के लिए खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की जाएगी, परेशान होने की जरूरत नहीं है.

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