मुरादाबादः बीओसीडब्ल्यू (भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड ) की तमाम योजनाओं का श्रमिकों को पूरा लाभ नहीं मिल पाता. श्रमिकों को लाभ दिलाने के लिए मंगलवार को विकास भवन में बैठक आयोजित की गई. इसकी अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन ने की. गौरतलब है कि बीओसीडब्ल्यू के तहत अनेक श्रमिक पंजीकृत हैं. श्रमिकों के उत्थान के लिए तमाम योजनाएं चलाई जाती हैं. जिन श्रमिकों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है या असुविधा होती है, शासन की ओर से अन्य विभागों के समन्वय के जरिए उन्हें लाभ दिलाने की कोशिश की जा रही है.
एक दर्जन से अधिक योजना
श्रम विभाग के अंतर्गत संचालित किया जाने वाला उत्तर प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड तकरीबन 40 प्रकार के श्रमिकों के लिए एक दर्जन से अधिक योजनाएं संचालित करता है. सन्निर्माण कर्मकारों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं का लाभ तेजी से उन तक पहुंचाया जा सके और अन्य विभागों के समन्वय के जरिए पंजीकरण की संख्या में बढ़ोतरी की जा सके, इसके लिए एक बैठक विकास भवन सभागार में सीडीओ आनंद वर्धन की अध्यक्षता में बुलाई गई. इसमें बेसिक शिक्षा विभाग, महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना, श्रम विभाग, सेवायोजन विभाग व अन्य विभागों के समन्वय के जरिए अधिक से अधिक निर्माण श्रमिकों को जोड़ने व उन्हें लाभान्वित करने की बात सीडीओ की ओर से अधिकारियों से कही गई.
इन योजनाओं का मिलता है लाभ
सीडीओ आनंद वर्धन ने मातृ शिशु एवं बालिका हित लाभ योजना, कन्या विवाह सहायता योजना, मेधावी छात्र पुरस्कार योजना, कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाण योजना, आवास सहायता योजना, शौचालय सहायता योजना, सौर ऊर्जा सहायता योजना, गंभीर बीमारी सहायता योजना, निर्माण कामगार मृत्यु विकलांगता एवं अक्षमता पेंशन योजना, निर्माण कामगार अंत्येष्टि सहायता योजना, महात्मा गांधी पेंशन योजना, चिकित्सीय सुविधा योजना, संत रविदास शिक्षा सहायता योजना व आवासीय विद्यालय योजना की प्रगति की स्थिति जानी. इसके साथ ही सीडीओ ने इन योजनाओं के अंतर्गत सन्निर्माण कर्मकारों व उनके परिवार को अधिक से अधिक लाभ दिलाने का खाका विभिन्न विभागों के समन्वय के जरिए तैयार करने को कहा.
कर्मकारों को मिले सभी योजनाओं का लाभ
सीडीओ आनंद वर्धन में ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि हम ऐसे कर्मकारों व निर्माण श्रमिकों के डाटा को तैयार कर रहे हैं, जो योजना का लाभ लेने से वंचित हैं. इसके लिए कई विभागों से एक दूसरे का समन्वय स्थापित करके डाटा लेने की कोशिश की जा रही है. मसलन, बेसिक शिक्षा विभाग में श्रमिकों के पढ़ने वाले बच्चों का डाटा लेकर उनके पंजीकरण की कार्रवाई को आगे बढ़ाना है.
विशेष योजनाएं चिह्नित
उन्होंने बताया कि हमने दो-तीन तरह की विशेष योजनाओं को चिह्नित किया है. इनका लाभ सन्निर्माण कर्मकार मजदूरों को दिलाना हमारी प्राथमिकता होगी. इसके साथ ही उनके बच्चों व परिवार के लिए संचालित योजनाओं का लाभ भी उनके मिल सके, यह हमारी प्राथमिकता में है.