मुरादाबाद: एक किसान से नक्शा दुरुस्तीकरण करने के नाम पर लेखपाल और राजस्व निरीक्षक को रिश्वत मांगनी महंगी पड़ गई. बुधवार को तहसील परिसर से राजस्व निरीक्षक को 10 हजार की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन की टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया. इस दौरान लेखपाल किसी कारण से तहसील में नहीं आया था. लेकिन, एंटी करप्शन की टीम ने लेखपाल के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है. लेखपाल और राजस्व निरीक्षक ने 20 हजारों रुपये रिश्वत की मांग की थी.
एंटी करप्शन प्रभारी विजय कुमार ने बताया कि कांठ थाना क्षेत्र का रहने वाले किसान कौशल कुमार ने शिकायती प्रार्थना पत्र दिया था कि "मेरी जमीन की खतौनी के अनुसार नक्शा दुरुस्त नहीं है. नक्शा दुरुस्ती के लिए उसने तहसीलदार को प्रार्थना पत्र दिया था. जिस पर तहसीलदार ने लेखपाल और राजस्व निरीक्षक से रिपोर्ट मांगी. लेखपाल अंकित कुमार और धर्मवीर सिंह राजस्व निरीक्षक ने उससे कहा कि 20 हजार रुपये लगेंगे, तभी नक्शा दुरुस्तीतकण होगा. कहा कि 10 हजार पहले दे दो और 10 हजार काम होने के बाद दे देना.'
एंटी करप्शन प्रभारी ने बताया कि किसान की शिकायत पर टीम का गठन किया. बुधवार को तहसील परिसर में फील्डिंग लगाई गई. इस दौरान एंटी करप्शन टीम द्वारा दिए गए नोट को किसान ने राजस्व निरीक्षक को दे दिए. इसी दौरान फील्डिंग लगाई हुई टीम ने रिश्वत लेते हुए राजस्व निरीक्षक धर्मवीर सिंह को रंगे हाथों तहसील परिसर से गिरफ्तार कर लिया. शिकायतकर्ता कांठ थाना क्षेत्र के गांव बेगमपुरा के रहने वाला है. एंटी करप्शन प्रभारी ने आगे बताया कि रिश्वत लेते हुए राजस्व निरीक्षक ने किसान से कहा था कि आज लेखपाल नहीं आया है, इसीलिए मुझे ही पैसे दे दो. फिलहाल, आरोपी राजस्व निरीक्षक के विरुद्ध भ्रष्टाचार का मुकदमा कायम कर जेल भेजा जाएगा. इसी के साथ लेखपाल के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी.
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