मुरादाबाद : जीआरपी को मेल के जरिए मानव तस्करी को लेकर सूचना दी मिली. बताया गया कि कुछ बच्चों को कर्मभूमि एक्सप्रेस से बिहार से पंजाब ले जाया जा रहा है. इस पर मुरादाबाद जीआरपी और चाइल्ड केयर की संयुक्त टीम तत्काल मुरादाबाद स्टेशन पहुंची. जैसे ही ट्रेन स्टेशन पहुंची, जीआरपी ने तलाशी लेनी शुरू कर दी. इस दौरान 32 बच्चों सहित कुल 83 लोगों को स्टेशन पर उतार लिया गया. 7 नाबालिग बच्चे ऐसे मिले जिनका कोई रिश्तेदार ट्रेन में सफर नहीं कर रहा था.
जानकारी के अनुसार मुरादाबाद जीआरपी एसपी अपर्णा गुप्ता को सूचना मिली कि बिहार से पंजाब जाने वाली कर्मभूमि एक्सप्रेस में कुछ नाबालिक बच्चों मानव तस्करी की जा रही है. इस पर एसपी अपर्णा गुप्ता ने चाइल्ड केयर और जीआरपी सहित कुल चार टीमों का गठन किया. जब ट्रेन मुरादाबाद स्टेशन पहुंची तो ट्रेन की सघन तलाशी ली गयी. चाइल्ड केयर और जीआरपी की टीम ने ट्रेन से उतारे गए लोगों से पूछताछ की. ज्यादातर लोगों ने कहा कि यह नाबालिग बच्चे अपने परिवार व रिश्तेदारों के साथ पंजाब जा रहे हैं.
एसपी रेल को मिली थी ह्यूमन ट्रैफिकिंग की सूचना
एसपी रेल अपर्णा गुप्ता को 213 बच्चों को बिहार से पंजाब के अमृतसर ले जाने की सूचना मिली थी. इसमें से कुछ बच्चों को सीतापुर रेलवे स्टेशन पर उतार लिया गया था जबकि 32 बच्चों को मुरादाबाद उतारा गया.
बच्चों के साथ परिजन भी उतरे स्टेशन पर
मुरादाबाद पहुंची कर्मभूमि एक्सप्रेस से 32 बच्चों को ट्रेन की तलाशी लेने के बाद उतारा गया. इसके बाद उनके परिजन भी ट्रेन से उतर गए. उनका कहना है कि सभी बच्चे अपने परिवार के साथ जा रहे हैं.
ट्रेन में बाल श्रम के लिए जा रहे थे 7 बच्चे
मुरादाबाद एसपी रेल अपर्णा गुप्ता ने बताया कि इस प्रकरण में CWC की भी मदद ली गई है. 82 लोग संदिग्ध प्रतीत हुए जिसमें 38 बच्चे हैं. इनमें 7 बच्चे ऐसे भी थे जिनके साथ ट्रेन में सफर करने वाले रिश्तेदार प्रतीत नहीं हो रहे थे. पूछताछ में पता चला कि वह ठेकेदार हैं. इन 7 बच्चों को बाल श्रम कराने के लिए पंजाब ले जाया जा रहा था. ठेकेदारों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. आगे की कार्रवाई जीआरपी द्वारा की जा रही है. सातों बच्चों को सीडब्ल्यूसी के सुपर्द किया गया है. उनके परिवार वालों के आने के बाद बच्चों को उन्हें सौंप दिया जाएगा.