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मुरादाबाद: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन 22 और 23 अप्रैल को मनाएगा काला दिवस

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में डॉक्टरों पर हुए हमले को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन 22 और 23 अप्रैल को काला दिवस मनाएगा. एसोसिएशन की मांग है कि जल्द ही आईपीसी की धारा में डॉक्टर्स के साथ मारपीट करने वालों के लिए सख्त से सख्त कानून बने.

आईएमए के पूर्व सचिव डॉ. राजेश सिंह
आईएमए के पूर्व सचिव डॉ. राजेश सिंह
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Published : Apr 21, 2020, 8:52 PM IST

मुरादाबाद: चिकित्सकों के खिलाफ हिंसा को लेकर पूरे देश मे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन 22 और 23 अप्रैल को काला दिवस मनाएगा. डॉक्टर्स की सुरक्षा बढ़ाने और पीपीई किट की कमी को पूरा करने के लिए 22 अप्रैल की रात सफेद कोट पहन मोमबत्ती जलाएंगे. वहीं 23 अप्रैल को काला दिवस मनाते हुए काली पट्टी पहनकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन 22 और 23 अप्रैल को मनाएगा काला दिवस.
आईएमए के पूर्व सचिव डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि डॉक्टर्स के पास कोरोना संक्रमित वाले या अन्य किसी का इलाज करते समय सीमित संसाधन हैं. डॉक्टर्स के पास PPE किट की कमी है. साथ ही लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टरों एवं नर्सों पर जनता द्वारा हमला कर उनको मारा-पीटा जा रहा है.


डॉक्टर राजेश सिंह का कहना है कि दुनिया में कोरोना के मरीज या अन्य गम्भीर मरीजों की इलाज के बाद भी मौत हो रही है, लेकिन कहीं भी डॉक्टरों के साथ मारपीट नहीं हो रही है. क्योंकि वहां डॉक्टरों के साथ ऐसा करने वाले के खिलाफ कठोर कानून है.

इसे भी पढ़ें:-पंचतत्व में विलीन हुए सीएम योगी के पिता, बाबा रामदेव और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रहे मौजूद

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आवाहन पर 22 अप्रैल की शाम हम लोग सफेद कोट पहनकर मोमबत्ती जलाएंगे. 23 अप्रैल को अपने-अपने क्लिनिक पर काला दिवस मनाते हुए काली पट्टी बांधकर अपना काम करेंगे.
डॉ. राजेश सिंह, पूर्व सचिव, आईएमए

मुरादाबाद: चिकित्सकों के खिलाफ हिंसा को लेकर पूरे देश मे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन 22 और 23 अप्रैल को काला दिवस मनाएगा. डॉक्टर्स की सुरक्षा बढ़ाने और पीपीई किट की कमी को पूरा करने के लिए 22 अप्रैल की रात सफेद कोट पहन मोमबत्ती जलाएंगे. वहीं 23 अप्रैल को काला दिवस मनाते हुए काली पट्टी पहनकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन 22 और 23 अप्रैल को मनाएगा काला दिवस.
आईएमए के पूर्व सचिव डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि डॉक्टर्स के पास कोरोना संक्रमित वाले या अन्य किसी का इलाज करते समय सीमित संसाधन हैं. डॉक्टर्स के पास PPE किट की कमी है. साथ ही लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टरों एवं नर्सों पर जनता द्वारा हमला कर उनको मारा-पीटा जा रहा है.


डॉक्टर राजेश सिंह का कहना है कि दुनिया में कोरोना के मरीज या अन्य गम्भीर मरीजों की इलाज के बाद भी मौत हो रही है, लेकिन कहीं भी डॉक्टरों के साथ मारपीट नहीं हो रही है. क्योंकि वहां डॉक्टरों के साथ ऐसा करने वाले के खिलाफ कठोर कानून है.

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आवाहन पर 22 अप्रैल की शाम हम लोग सफेद कोट पहनकर मोमबत्ती जलाएंगे. 23 अप्रैल को अपने-अपने क्लिनिक पर काला दिवस मनाते हुए काली पट्टी बांधकर अपना काम करेंगे.
डॉ. राजेश सिंह, पूर्व सचिव, आईएमए

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