मुरादाबाद : जिले में चार थाना क्षेत्र में एसओजी के साथ संयुक्त रूप से अभियान चलाकर अवैध शस्त्र और कारतूस बनाकर बेचने वाले गिरोह का खुलासा किया गया है. मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने इनके पास से अवैध असलहे सहित शस्त्र और कारतूस बनाने उपकरण भी बरामद किए हैं. पकड़े गए आरोपी ने पुलिस को बताया कि लॉकडाउन के चलते उसकी नौकरी चली गई थी और वह बेरोजगार हो गया था. तब अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर अवैध शस्त्र और कारतूस बनाकर बेचने की अवैध शस्त्र फैक्ट्री लगा डाली.
मुरादाबाद के थाना गलशहीद इलाके में वाहन चेकिंग कर रही पुलिस को देख कर दो युवक तेजी से भागने लगे. पुलिस ने युवकों को पीछा कर कर पकड़ा कर उनकी तलाशी ली तो उनके पास से देसी कारतूस बरामद हुए. पकड़े गए युवकों ने पूछताछ के दौरान बताया कि अलग-अलग थाना क्षेत्र में उनके साथी अवैध असलाह और कारतूस बनाने और बेचने का काम करते हैं. साथ ही यह भी बताया कि सभी साथी ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर अवैध तमंचा और देसी कारतूस बेचते थे.
वाहन चेकिंग के दौरान पकड़े गए दो लोगों के पास से देशी कारतूस बरामद हुए. पूछताछ में चार थाना क्षेत्र में अवैध असलहा और कारतूस बनाकर बेचने वालों की जानकारी दी गई, जिसके बाद कटघर, गलशहीद, सिविल लाइन और मझोला थाने की पुलिस के साथ एसओजी की टीम ने छापेमारी की. इसके बाद पुलिस ने अवैध असलहा और देसी कारतूस बेचने वाले लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
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अवैध असलाह व देशी कारतूस बनाकर बेचने वाले गिरोह के सरगना शोएब ने बताया कि लॉकडाउन में उसकी नौकरी चली गई थी, जिससे वह बेरोजगार हो गए था. इसके बाद रुपये कमाने के लिए वह तमंचा और देसी कारतूस बनाकर बेचने का करने लगा. इस काम में उसने अपने सात और दोस्तों को शामिल कर लिया.
एसपी सिटी अमित कुमार आनंद ने बताया कि आरोपियों के पास से भारी मात्रा में 315 व 312 बोर के 8 तमंचा, 1 दो नाली बंदूक, 1-1 छोटी बड़ी एयर गन, 3 अधबने तमंचे, 24 कारतूस, 315 व 312 बोर, 24 कारतूस 22 एमएम के अवैध असलहा और कारतूस बनाने के उपकरण बरामद किए. यह 3 हजार से 4500 रुपये में एक तमंचा और कारतूस बेचते थे. इन्होंने बताया कि अभी तक वे 185 कारतूस बेच चुके हैं. पुलिस ने बताया कि अभी उन लोगों की तलाश की जा रही है, जिन लोगों को अवैध असलहा और कारतूस बेचे हैं.