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मुरादाबाद: SHG की युवतियों की कोरोना के खिलाफ मुहिम, जरूरतमंदों को करा रहीं मास्क उपलब्ध - mask

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते देश में लॉकडाउन घोषित हुआ तो मुरादाबाद की शोभा के महिला समूह ने भी लोगों की मदद करने की ठानी. शोभा और उसके साथ की लड़कियां हर रोज हजारों मास्क तैयार कर लोगों के बीच वितरित कर रही हैं.

corona mask
मास्क बनाती महिलाएं.
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Published : Apr 1, 2020, 1:22 PM IST

मुरादाबाद: कोरोना संकट से निपटने के लिए पूरा देश एकजुट होकर महामारी का मुकाबला कर रहा है. सरकार और प्रशासन के साथ समाज के अलग-अलग वर्गों से लोग जरूरतमन्दों की मदद के लिए आगे आ रहें हैं. मुरादाबाद जनपद में ग्रामीण क्षेत्र की रहने वाली लड़कियां बड़े पैमाने पर मास्क तैयार कर रहीं है. लड़कियों द्वारा बनाये गए मास्क पीतल फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों और गरीबों को वितरित किये जा रहें हैं.

corona mask
मास्क.

गांव में कई लड़कियां अपने घरों में मास्क तैयार कर रही हैं. लड़कियों की इस पहल से जहां गरीबों और जरूरतमन्दों को मुफ्त में मास्क उपलब्ध हो रहें है वहीं लोगों को राहत भी मिल रही है.

छजलैट थाना क्षेत्र के नजराना गांव में रहने वाली शोभा गांव की लड़कियों और महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह चलाती हैं. समूह के जरिये सिलाई-कढ़ाई, मधुमक्खी पालन, खेती के गुर लड़कियों को सिखाया जाता है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते देश में लॉकडाउन घोषित हुआ तो शोभा के महिला समूह ने भी लोगों की मदद करने की ठानी.

corona mask
मास्क बनाती महिला.

एक एनजीओ की मदद से शोभा और उसके साथ की लड़कियां हर रोज हजारों मास्क तैयार कर रहीं है. मास्क बनाने का काम लड़कियां शोभा के घर पर करती हैं लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कुछ लड़कियों को घरों में मास्क बनाने का काम सौंपा गया है.

मास्क बनाने से पहले सभी लड़कियों के हाथ सेनेटाइजर से साफ किये जाते हैं और फिर मास्क बनाने का काम शुरू किया जाता है. इसे बनाने के लिए कपड़े और डिस्पोजल पेपर का इस्तेमाल किया जाता है और अब तक बनाये गए मास्क पीतल फैक्ट्रियों के साथ जरूरतमन्दों को वितरित किये गए हैं.

समूह की महिला सदस्यों और लड़कियों के जरिये तैयार किये गए ये मास्क निशुल्क वितरित किये जा रहें हैं. मुरादाबाद की सबसे बड़ी पीतल निर्यात फर्म में काम करने वाले स्टाफ और मजदूरों को इन मास्क्स की सप्लाई की गई है. लकड़ियों ने इन मास्कों को कई समाजसेवी संगठनों को भी दिया है जो सड़कों पर जाकर जरूरतमन्दों को इसका वितरण कर रहे हैं.

corona mask
मास्क बनाती महिलाएं.

पढ़ें: भारत में कोरोना : स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- संक्रमितों की वृद्धि दर तुलनात्मक रूप से स्थिर

बाजार में मास्क की कमी होने के बाद शोभा और उनकी टीम को बड़े पैमाने पर मास्क बनाने के ऑर्डर मिल रहे हैं और समूह के जरिये ये ऑर्डर पूरे किए जा रहे हैं. कोरोना के खिलाफ शुरू हुई इस लड़ाई में हर देशवासी अपने तरीके से मदद कर रहा है. लोगों को कोरोना के खतरे से बचने के लिए मास्क पहनना जरूरी है. लिहाजा गांव की लड़कियां अपने प्रयासों से लोगों को मास्क दे रही हैं.

corona mask
मास्क बनाती महिला.

शोभा और उनकी टीम के इस प्रयास से जहां जरूरतमन्दों की जरूरतें पूरी हो रही हैं, वहीं इससे लोगों को कोरोना से लड़ने की भी प्रेरणा मिल रही है.

मुरादाबाद: कोरोना संकट से निपटने के लिए पूरा देश एकजुट होकर महामारी का मुकाबला कर रहा है. सरकार और प्रशासन के साथ समाज के अलग-अलग वर्गों से लोग जरूरतमन्दों की मदद के लिए आगे आ रहें हैं. मुरादाबाद जनपद में ग्रामीण क्षेत्र की रहने वाली लड़कियां बड़े पैमाने पर मास्क तैयार कर रहीं है. लड़कियों द्वारा बनाये गए मास्क पीतल फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों और गरीबों को वितरित किये जा रहें हैं.

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मास्क.

गांव में कई लड़कियां अपने घरों में मास्क तैयार कर रही हैं. लड़कियों की इस पहल से जहां गरीबों और जरूरतमन्दों को मुफ्त में मास्क उपलब्ध हो रहें है वहीं लोगों को राहत भी मिल रही है.

छजलैट थाना क्षेत्र के नजराना गांव में रहने वाली शोभा गांव की लड़कियों और महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह चलाती हैं. समूह के जरिये सिलाई-कढ़ाई, मधुमक्खी पालन, खेती के गुर लड़कियों को सिखाया जाता है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते देश में लॉकडाउन घोषित हुआ तो शोभा के महिला समूह ने भी लोगों की मदद करने की ठानी.

corona mask
मास्क बनाती महिला.

एक एनजीओ की मदद से शोभा और उसके साथ की लड़कियां हर रोज हजारों मास्क तैयार कर रहीं है. मास्क बनाने का काम लड़कियां शोभा के घर पर करती हैं लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कुछ लड़कियों को घरों में मास्क बनाने का काम सौंपा गया है.

मास्क बनाने से पहले सभी लड़कियों के हाथ सेनेटाइजर से साफ किये जाते हैं और फिर मास्क बनाने का काम शुरू किया जाता है. इसे बनाने के लिए कपड़े और डिस्पोजल पेपर का इस्तेमाल किया जाता है और अब तक बनाये गए मास्क पीतल फैक्ट्रियों के साथ जरूरतमन्दों को वितरित किये गए हैं.

समूह की महिला सदस्यों और लड़कियों के जरिये तैयार किये गए ये मास्क निशुल्क वितरित किये जा रहें हैं. मुरादाबाद की सबसे बड़ी पीतल निर्यात फर्म में काम करने वाले स्टाफ और मजदूरों को इन मास्क्स की सप्लाई की गई है. लकड़ियों ने इन मास्कों को कई समाजसेवी संगठनों को भी दिया है जो सड़कों पर जाकर जरूरतमन्दों को इसका वितरण कर रहे हैं.

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मास्क बनाती महिलाएं.

पढ़ें: भारत में कोरोना : स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- संक्रमितों की वृद्धि दर तुलनात्मक रूप से स्थिर

बाजार में मास्क की कमी होने के बाद शोभा और उनकी टीम को बड़े पैमाने पर मास्क बनाने के ऑर्डर मिल रहे हैं और समूह के जरिये ये ऑर्डर पूरे किए जा रहे हैं. कोरोना के खिलाफ शुरू हुई इस लड़ाई में हर देशवासी अपने तरीके से मदद कर रहा है. लोगों को कोरोना के खतरे से बचने के लिए मास्क पहनना जरूरी है. लिहाजा गांव की लड़कियां अपने प्रयासों से लोगों को मास्क दे रही हैं.

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मास्क बनाती महिला.

शोभा और उनकी टीम के इस प्रयास से जहां जरूरतमन्दों की जरूरतें पूरी हो रही हैं, वहीं इससे लोगों को कोरोना से लड़ने की भी प्रेरणा मिल रही है.

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