मुरादाबाद: कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन से जहां लोगों को काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है. वहीं मुरादाबाद जनपद के ग्रामीण क्षेत्र में 50 से ज्यादा लड़कियों को घर बैठे ही रोजगार मिल रहा है. दरअसल, कोरोना वायरस के चलते अस्पताल में इस्तेमाल मरीजों और डॉक्टरों की डिमांड बढ़ गई. वहीं मास्क भी बड़े पैमाने पर बनाया जा रहा है.
युवती को मिल रहा घर बैठे रोजगार
मुरादाबाद जनपद के मझोला क्षेत्र स्थित मनोहरपुर गांव में युवतियां बड़े पैमाने पर मरीजों की ड्रेस और मास्क बना रहीं है. ऋषिकेश एम्स के लिए तैयार की जा रहीं इन ड्रेसों से युवतियों को जहां घर बैठे रोजगार मिल रहा है वहीं लॉकडाउन में काम मिलने से परिवार की जरूरतें भी पूरी हो रहीं है.
50 से ज्यादा लड़कियां बनी स्वंयरोजगार
मुरादाबाद के मनोहरपुर गांव में रहने वाली चालीस से ज्यादा लड़कियां लॉकडाउन के दौरान रोजगार मिलने से काफी खुश हैं, दरअसल गांव में रहने वाली इन लड़कियों ने स्कूली पढ़ाई के साथ सिलाई-कढ़ाई का काम भी सीखा है. इसके चलते इन्हें अस्पतालों में भर्ती मरीजों के कपड़े सिलने का आर्डर मिला है. मनोहरपुर गांव की 50 से ज्यादा लड़कियां बड़े पैमाने पर मास्क और मरीजों के लिए ड्रेस तैयार कर रही हैं.
परिवार को मिल रही आर्थिक मदद
50 से ज्यादा लड़कियां बड़े पैमाने पर मास्क और ड्रेस तैयार कर रही हैं. उन्हें एक ड्रेस सिलने का दस रूपये मिल रहा है. लड़कियों की मानें तो वे एक दिन में बीस से तीस ड्रेस तैयार कर रही हैं. जब कि प्रतिदिन 100 से ज्यादा मास्क बना रही हैं. लड़कियों के मुताबिक वे दिन में 300 से 400 रूपए कमा ले रही हैं.
हुनर दिखाने का मिला मौका
लॉकडाउन के दौरान लड़कियों को अपना हुनर दिखाने का मौका मिला है. साथ ही ये लड़कियां परिवार को आर्थिक मदद भी पहुंचा रही हैं. कोरोना संकट के समय अस्पतालों के लिए मास्क और ड्रेस बनाकर ये इस महामारी में अपना बहुमुल्य योगदान दे रही हैं.
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