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32 साल भी किसानों को नहीं मिला मुआवजा, किया प्रदर्शन

मुरादाबाद में 32 साल पहले अधिकृत की गई जमीन पर पहुंचकर किसानों ने प्रदर्शन किया. किसानों के प्रदर्शन की सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए. किसानों का आरोप है कि सैकड़ों एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने के बाद भी कोई मुआवजा नहीं मिला, ना ही फैक्ट्री लगी और ना कोई रोजगार दिया गया.

प्रदर्शन करते किसान.
प्रदर्शन करते किसान.
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Published : Jan 3, 2021, 2:18 PM IST

मुरादाबाद: जिले में किसानों ने कृषि कानून से अलग हटकर मुआवजा, फैक्ट्री लगाने व रोजगार देने के लिए प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि 32 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा फैक्ट्री लगाने के लिये किसानों की भूमि अधिग्रहण की गई थी. मुरादाबाद में सैकड़ों एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने के 32 साल बाद भी किसानों को कोई मुआवजा नहीं मिला. ना ही फैक्ट्री लगी और ना कोई रोजगार दिया गया.

मुरादाबाद में किसानों का प्रदर्शन.

जानिए, पूरा मामला-

मुरादाबाद के थाना भगतपुर इलाके में नैपा पुलिस चौकी के पास किसानों की जमीन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा सन् 1989 में औद्योगिक प्लांट लगाने के लिये अधिग्रहण किया गया था. अधिग्रहण इस वादे के साथ किया था कि किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिया जाएगा. साथ ही यहां जो भी औद्योगिक प्लांट लगेगा उसमें लोगों को रोजगार भी दिया जाएगा. लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के निधन के बाद यहां के किसानों का सपना टूट गया. किसान औद्योगिक प्लांट लगाने और मुआवजे की लगातार मांग कर रहे हैं. इसी को लेकर रविवार को किसानों ने अधिकृत जमीन पर पहुंचकर प्रदर्शन किया. किसानों के प्रदर्शन की सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए. जिसके बाद किसान और औद्योगिक प्लांट लगाने वाली बिरला कंपनी के अधिकारियों से बातचीत की गयी. अगली बातचीत 15 जनवरी को होगी.

मुआवजे को लेकर प्रदर्शन करते किसान.
मुआवजे को लेकर प्रदर्शन करते किसान.

किसानों को अभी तक ढाई करोड़ का मुआवजा मिला

किसानों का आरोप है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय में यह जमीन अधिकृत की गई थी. उसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के समय किसानों को ढाई करोड़ रुपये का मुआवजा दिया था. उसके बाद से अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. किसानों से ली गई यह जमीन बिरला ग्रुप को 23 करोड़ रुपये में बेची गयी थी. 32 साल गुजर जाने के बाद भी आज तक इस जमीन पर कोई फैक्टी नहीं लगी और ना ही किसी किसानों को रोजगार मिला.

32 साल बाद भी नहीं लगी फैक्ट्री

किसान नेता नेपाल सिंह का कहना है कि 32 साल पहले किसानों से एक पेपर फेक्ट्री लगाने के लिए जमीन अधिकृत की गई थी. तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कहने पर जमीन अधिकृत की गई थी. लेकिन यहां अभी तक कोई फैक्ट्री नहीं लगी है, ना ही किसान को मुआवजा मिला है. इन्ही मांगों को लेकर किसानों ने अधिकृत भूमि पर प्रदर्शन किया. अधिकारियों द्वारा बात की जा रही है. अगर कोई नतीजा नहीं निकलता तो यह प्रदर्शन जारी रहेगा. अगर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली भी जाना पड़े तो हम जाएंगे.


बिरला ग्रुप कोई फैक्ट्री लगाना चाहती है. किसानों की कुछ समस्या थी, उस सम्बन्ध में कम्पनी के साथ बैठक आयोजित करवाया था. किसान मुख्य रूप से ये मांग कर रहे हैं कि फैक्ट्री लगवाया जाए. फैक्ट्री किन कारणों से नहीं लगी है, इसके लिए बुलाया गया था. फैक्ट्री लगाकर विकास का कार्य किया जाए. अगली बैठक 15 तारीख को बुलाई गई है.
-अवनीश कुमार, एसडीएम

मुरादाबाद: जिले में किसानों ने कृषि कानून से अलग हटकर मुआवजा, फैक्ट्री लगाने व रोजगार देने के लिए प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि 32 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा फैक्ट्री लगाने के लिये किसानों की भूमि अधिग्रहण की गई थी. मुरादाबाद में सैकड़ों एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने के 32 साल बाद भी किसानों को कोई मुआवजा नहीं मिला. ना ही फैक्ट्री लगी और ना कोई रोजगार दिया गया.

मुरादाबाद में किसानों का प्रदर्शन.

जानिए, पूरा मामला-

मुरादाबाद के थाना भगतपुर इलाके में नैपा पुलिस चौकी के पास किसानों की जमीन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा सन् 1989 में औद्योगिक प्लांट लगाने के लिये अधिग्रहण किया गया था. अधिग्रहण इस वादे के साथ किया था कि किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिया जाएगा. साथ ही यहां जो भी औद्योगिक प्लांट लगेगा उसमें लोगों को रोजगार भी दिया जाएगा. लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के निधन के बाद यहां के किसानों का सपना टूट गया. किसान औद्योगिक प्लांट लगाने और मुआवजे की लगातार मांग कर रहे हैं. इसी को लेकर रविवार को किसानों ने अधिकृत जमीन पर पहुंचकर प्रदर्शन किया. किसानों के प्रदर्शन की सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए. जिसके बाद किसान और औद्योगिक प्लांट लगाने वाली बिरला कंपनी के अधिकारियों से बातचीत की गयी. अगली बातचीत 15 जनवरी को होगी.

मुआवजे को लेकर प्रदर्शन करते किसान.
मुआवजे को लेकर प्रदर्शन करते किसान.

किसानों को अभी तक ढाई करोड़ का मुआवजा मिला

किसानों का आरोप है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय में यह जमीन अधिकृत की गई थी. उसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के समय किसानों को ढाई करोड़ रुपये का मुआवजा दिया था. उसके बाद से अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. किसानों से ली गई यह जमीन बिरला ग्रुप को 23 करोड़ रुपये में बेची गयी थी. 32 साल गुजर जाने के बाद भी आज तक इस जमीन पर कोई फैक्टी नहीं लगी और ना ही किसी किसानों को रोजगार मिला.

32 साल बाद भी नहीं लगी फैक्ट्री

किसान नेता नेपाल सिंह का कहना है कि 32 साल पहले किसानों से एक पेपर फेक्ट्री लगाने के लिए जमीन अधिकृत की गई थी. तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कहने पर जमीन अधिकृत की गई थी. लेकिन यहां अभी तक कोई फैक्ट्री नहीं लगी है, ना ही किसान को मुआवजा मिला है. इन्ही मांगों को लेकर किसानों ने अधिकृत भूमि पर प्रदर्शन किया. अधिकारियों द्वारा बात की जा रही है. अगर कोई नतीजा नहीं निकलता तो यह प्रदर्शन जारी रहेगा. अगर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली भी जाना पड़े तो हम जाएंगे.


बिरला ग्रुप कोई फैक्ट्री लगाना चाहती है. किसानों की कुछ समस्या थी, उस सम्बन्ध में कम्पनी के साथ बैठक आयोजित करवाया था. किसान मुख्य रूप से ये मांग कर रहे हैं कि फैक्ट्री लगवाया जाए. फैक्ट्री किन कारणों से नहीं लगी है, इसके लिए बुलाया गया था. फैक्ट्री लगाकर विकास का कार्य किया जाए. अगली बैठक 15 तारीख को बुलाई गई है.
-अवनीश कुमार, एसडीएम

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