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डॉक्टरों ने किया प्रदर्शन, ठप कीं ओपीडी सेवाएं

यूपी के मुरादाबाद में चिकित्सकों को सर्जरी करने के अधिकार को लेकर विरोध किया गया. इस दौरान चिकित्सकों ने कलेक्ट्रेट में जाकर भी विरोध जताया. चिकित्सकों ने ओपीडी के कार्यों को भी ठप कर दिया.

डॉक्टरों ने किया प्रदर्शन
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Published : Dec 11, 2020, 4:49 PM IST

मुरादाबादः केंद्र सरकार द्वारा आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने का अधिकार देने का लगातार विरोध हो रहा है. इस विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सभी सदस्य चिकित्सकों ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन करके अपना रोष जताया. इसके साथ ही चिकित्सकों ने शुक्रवार की सुबह 6:00 बजे से लेकर शनिवार की सुबह 6:00 बजे तक ओपीडी के कार्यों को ठप कर दिया. हालांकि इस दौरान जरूरी चिकित्सीय सुविधाएं चलती रहीं.

निकाला विरोध मार्च
आईएमए भवन से सदस्य चिकित्सक मार्च निकालते हुए कलेक्टर कार्यालय तक गए. जहां उन्होंने अपर जिलाधिकारी नगर राजेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शन के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन नहीं किया गया. डॉक्टर्स बिना मास्क और बिना सोशल डिस्टेंसिंग के प्रदर्शन करते नजर आए.

पैथी का नहीं, व्यवस्था का विरोध
मीडिया से बात करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन मुरादाबाद शाखा की सचिव डॉ प्रीति गुप्ता ने कहा कि हम किसी प्रकार की चिकित्सीय व्यवस्था का विरोध नहीं कर रहे हैं. सरकार का आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी का दायित्व देना समझ नहीं आ रहा है.

बिना डिग्री वाले कैसे करेंगे सर्जरी
प्रीति गुप्ता ने कहा कि बिना किसी विशेष डिग्री या पढ़ाई करने वाले आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने का अधिकार देना जनता के लिए गलत है. बिना जानकारी के सर्जरी करने से रोगियों के लिए जान का खतरा हो सकता है. एक बेहतर डॉक्टर (सर्जन) को बनने में तकरीबन 12 से 15 साल का वक्त लगता है. वह एमबीबीएस करता है. एमएस करता है. तीन साल की अस्पताल में प्रैक्टिस करता है, फिर जाकर सर्जन बन पाता है. जबकि सरकार चाहती है कि क्रैश कोर्स करके कोई भी बीएएमएस डॉक्टर सर्जरी करने के लिए सक्षम हो जाए.

दादी-नानी के नुस्खे से ठीक नहीं होंगे रोग
डॉ. प्रीति गुप्ता ने कहा कि आईएमए किसी तरह की चिकित्सीय सुविधा का विरोध नहीं करता. हर तरह की पैथी लोगों के लिए फायदेमंद है. किसी विशेष रोग के लिए दादी नानी के नुस्खे को उपयोग में नहीं लाया जा सकता. इस तरह का क्रैश कोर्स करके अगर कोई सर्जरी करने के लिए अपनी क्लीनिक या अस्पताल खोलेगा तो उससे जनता को नुकसान होगा. हम यह प्रोटेस्ट जनता के लिए कर रहे हैं, जिससे उन्हें फायदा मिले और क्रैश कोर्स करके सर्जरी करने वाले लोग न आ सके.

जारी रहेगा विरोध
आईएमए मुरादाबाद की सचिव ने कहा कि हमने शुक्रवार को यहां से इसी के विरोध में मार्च निकाला है. यह विरोध शुक्रवार की सुबह 6:00 बजे से लेकर शनिवार की सुबह 6:00 बजे तक जारी रहेगा. इस दौरान हमारी ओपीडी सुविधाएं पूरी तरह से ठप रहेंगी. अस्पतालों में कोविड-19 गंभीर समस्याओं के लिए स्वास्थ्य सेवाएं चलती रहेंगी.

मुरादाबादः केंद्र सरकार द्वारा आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने का अधिकार देने का लगातार विरोध हो रहा है. इस विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सभी सदस्य चिकित्सकों ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन करके अपना रोष जताया. इसके साथ ही चिकित्सकों ने शुक्रवार की सुबह 6:00 बजे से लेकर शनिवार की सुबह 6:00 बजे तक ओपीडी के कार्यों को ठप कर दिया. हालांकि इस दौरान जरूरी चिकित्सीय सुविधाएं चलती रहीं.

निकाला विरोध मार्च
आईएमए भवन से सदस्य चिकित्सक मार्च निकालते हुए कलेक्टर कार्यालय तक गए. जहां उन्होंने अपर जिलाधिकारी नगर राजेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शन के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन नहीं किया गया. डॉक्टर्स बिना मास्क और बिना सोशल डिस्टेंसिंग के प्रदर्शन करते नजर आए.

पैथी का नहीं, व्यवस्था का विरोध
मीडिया से बात करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन मुरादाबाद शाखा की सचिव डॉ प्रीति गुप्ता ने कहा कि हम किसी प्रकार की चिकित्सीय व्यवस्था का विरोध नहीं कर रहे हैं. सरकार का आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी का दायित्व देना समझ नहीं आ रहा है.

बिना डिग्री वाले कैसे करेंगे सर्जरी
प्रीति गुप्ता ने कहा कि बिना किसी विशेष डिग्री या पढ़ाई करने वाले आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने का अधिकार देना जनता के लिए गलत है. बिना जानकारी के सर्जरी करने से रोगियों के लिए जान का खतरा हो सकता है. एक बेहतर डॉक्टर (सर्जन) को बनने में तकरीबन 12 से 15 साल का वक्त लगता है. वह एमबीबीएस करता है. एमएस करता है. तीन साल की अस्पताल में प्रैक्टिस करता है, फिर जाकर सर्जन बन पाता है. जबकि सरकार चाहती है कि क्रैश कोर्स करके कोई भी बीएएमएस डॉक्टर सर्जरी करने के लिए सक्षम हो जाए.

दादी-नानी के नुस्खे से ठीक नहीं होंगे रोग
डॉ. प्रीति गुप्ता ने कहा कि आईएमए किसी तरह की चिकित्सीय सुविधा का विरोध नहीं करता. हर तरह की पैथी लोगों के लिए फायदेमंद है. किसी विशेष रोग के लिए दादी नानी के नुस्खे को उपयोग में नहीं लाया जा सकता. इस तरह का क्रैश कोर्स करके अगर कोई सर्जरी करने के लिए अपनी क्लीनिक या अस्पताल खोलेगा तो उससे जनता को नुकसान होगा. हम यह प्रोटेस्ट जनता के लिए कर रहे हैं, जिससे उन्हें फायदा मिले और क्रैश कोर्स करके सर्जरी करने वाले लोग न आ सके.

जारी रहेगा विरोध
आईएमए मुरादाबाद की सचिव ने कहा कि हमने शुक्रवार को यहां से इसी के विरोध में मार्च निकाला है. यह विरोध शुक्रवार की सुबह 6:00 बजे से लेकर शनिवार की सुबह 6:00 बजे तक जारी रहेगा. इस दौरान हमारी ओपीडी सुविधाएं पूरी तरह से ठप रहेंगी. अस्पतालों में कोविड-19 गंभीर समस्याओं के लिए स्वास्थ्य सेवाएं चलती रहेंगी.

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