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मुरादाबाद: मच्छरों के लिए ऐशगाह बना जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय - मुरादाबाद मलेरिया अधिकारी कार्यालय

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में स्वास्थ्य विभाग मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियों को लेकर लोगों को जागरूक करने का दावा कर रहा है. वहीं जर्जर और बदहाल बिल्डिंग में चल रहा मलेरिया अधिकारी कार्यालय कर्मचारियों के लिए किसी सजा से कम नहीं है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी सच मालूम है, लेकिन सिस्टम सरकारी है इसलिए चल रहा है.

मलेरिया अधिकारी कार्यालय जर्जर हाल में है.
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Published : Aug 22, 2019, 10:41 AM IST

मुरादाबाद: सरकारी विभागों में अजब-गजब हालात आपने देखें और सुने हैं. बरसात के इस मौसम में स्वास्थ्य विभाग मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियों को लेकर लोगों को जागरूक करने का दावा कर रहा है, लेकिन जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय खुद मच्छरों के लिए ऐशगाह बना हुआ है.

जर्जर भवन में चल रहे कार्यालय में जहां बरसात का पानी टपक रहा है, वहीं दीवारें और छत किसी भी वक्त हादसे का सबब बन सकती हैं. हैरानी की बात यह कि मच्छरों से होने वाले खतरों को जानने वाला यह विभाग अपनी ही दहलीज पर मच्छरों को खाद-पानी उपलब्ध करा रहा है.

मलेरिया अधिकारी कार्यालय जर्जर.

जर्जर हाल में मलेरिया अधिकारी कार्यालय

  • मुरादाबाद जनपद के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित टाउन हॉल इलाके में बना है जिला मलेरिया अधिकारी का कार्यालय.
  • पिछले दो सालों से जिला मलेरिया अधिकारी के पद पर तैनाती नहीं हो पाई, जिसके चलते इसका चार्ज एडिशनल सीएमओ को दिया गया है.
  • सालों पुरानी जर्जर बिल्डिंग में चल रहा यह कार्यालय पूरी तरह बदहाल हो चुका है.
  • बरसात के दिनों में इस कार्यालय की छत से पानी टपकने लगता है, जो कमरों में फैल कर दवाइयों और फ्रिज को नुकशान पहुंचाता है.
  • जर्जर भवन के बगल में अधिकारी के बैठने के लिए कार्यालय बना है, लेकिन दीवारों पर सीलन और फर्श से पानी निकलने के चलते यहां भी बैठना सम्भव नहीं.
  • जिला मलेरिया अधिकारी के ठीक सामने अर्बन मलेरिया कार्यालय बना हुआ है.
  • दीवारों से गिरता प्लास्टर और सीलन किसी भी वक्त बड़े हादसे का सबब बन सकता है.
  • कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारी खौफ के साये में संक्रामक बीमारियों को रोकने की फाइलों को तैयार कर रहे हैं.
  • विभागीय अधिकारी भी इस सच को स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन कब तक खौफ के साये में कार्यालय चलेगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं.

पढ़े-मुरादाबाद: कृष्ण जन्मोत्सव पर मुस्लिम कारीगरों के हाथों बने झूलों पर झूलेंगे नन्द गोपाल

मुरादाबाद: सरकारी विभागों में अजब-गजब हालात आपने देखें और सुने हैं. बरसात के इस मौसम में स्वास्थ्य विभाग मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियों को लेकर लोगों को जागरूक करने का दावा कर रहा है, लेकिन जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय खुद मच्छरों के लिए ऐशगाह बना हुआ है.

जर्जर भवन में चल रहे कार्यालय में जहां बरसात का पानी टपक रहा है, वहीं दीवारें और छत किसी भी वक्त हादसे का सबब बन सकती हैं. हैरानी की बात यह कि मच्छरों से होने वाले खतरों को जानने वाला यह विभाग अपनी ही दहलीज पर मच्छरों को खाद-पानी उपलब्ध करा रहा है.

मलेरिया अधिकारी कार्यालय जर्जर.

जर्जर हाल में मलेरिया अधिकारी कार्यालय

  • मुरादाबाद जनपद के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित टाउन हॉल इलाके में बना है जिला मलेरिया अधिकारी का कार्यालय.
  • पिछले दो सालों से जिला मलेरिया अधिकारी के पद पर तैनाती नहीं हो पाई, जिसके चलते इसका चार्ज एडिशनल सीएमओ को दिया गया है.
  • सालों पुरानी जर्जर बिल्डिंग में चल रहा यह कार्यालय पूरी तरह बदहाल हो चुका है.
  • बरसात के दिनों में इस कार्यालय की छत से पानी टपकने लगता है, जो कमरों में फैल कर दवाइयों और फ्रिज को नुकशान पहुंचाता है.
  • जर्जर भवन के बगल में अधिकारी के बैठने के लिए कार्यालय बना है, लेकिन दीवारों पर सीलन और फर्श से पानी निकलने के चलते यहां भी बैठना सम्भव नहीं.
  • जिला मलेरिया अधिकारी के ठीक सामने अर्बन मलेरिया कार्यालय बना हुआ है.
  • दीवारों से गिरता प्लास्टर और सीलन किसी भी वक्त बड़े हादसे का सबब बन सकता है.
  • कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारी खौफ के साये में संक्रामक बीमारियों को रोकने की फाइलों को तैयार कर रहे हैं.
  • विभागीय अधिकारी भी इस सच को स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन कब तक खौफ के साये में कार्यालय चलेगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं.

पढ़े-मुरादाबाद: कृष्ण जन्मोत्सव पर मुस्लिम कारीगरों के हाथों बने झूलों पर झूलेंगे नन्द गोपाल

Intro:एंकर: मुरादाबाद: सरकारी विभागों में अजब-गजब हालात आपने देखें और सुने होंगे, जी हां आज हम आपको दिखाते है ऐसा ही एक तस्वीर जो सरकारी विभागों की कथनी और करनी का अंतर दिखाने के लिए काफी है. बरसात के इस मौसम में स्वास्थ्य विभाग मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियों को लेकर लोगों को जागरूक करने का दावा कर रहा है लेकिन मुरादाबाद स्थित जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय खुद मच्छरों के लिए ऐशगाह बना हुआ है. जर्जर भवन में चल रहे कार्यालय में जहां बरसात का पानी टपक रहा है वहीं दीवारें और छत किसी भी वक्त हादसे का सबब बन सकती है. हैरानी की बात यह कि मच्छरों के होने वाले खतरों को जानने वाला यह विभाग अपनी ही दहलीज पर मच्छरों को खाद-पानी उपलब्ध करा रहा है.


Body:वीओ वन: मुरादाबाद जनपद के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित टाउन हॉल इलाके में बना यह है जिला मलेरिया अधिकारी का कार्यालय. पिछले दो सालों से जिला मलेरिया अधिकारी के पद पर तैनाती नहीं हो पाई जिसके चलते इसका चार्ज एडिशनल सीएमओ को दिया गया है. सालों पुरानी जर्जर बिल्डिंग में चल रहा यह कार्यालय पूरी तरह बदहाल हो चुका है. बरसात के दिनों में इस कार्यालय की छत से पानी टपकने लगता है जो कमरों में फैल कर दवाइयों और फ्रिज को नुकशान पहुंचाता है. जर्जर भवन के बगल में अधिकारी के बैठने के लिए कार्यालय बना है लेकिन दीवारों पर सीलन और फर्श से पानी निकलने के चलते यहां भी बैठना सम्भव नहीं.
बाईट: डीके प्रेमी: एसीएमओ
वीओ टू: जिला मलेरिया अधिकारी के ठीक सामने अर्बन मलेरिया कार्यालय बना हुआ है जिसकी हालत बाद से बदतर हो चुकी है. दीवारों से गिरता प्लास्टर और सीलन किसी भी वक्त बड़े हादसे का सबब बन सकता है. कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारी खौफ के साये में संक्रामक बीमारियों को रोकने की फाइलों को तैयार कर रहें है. मामला सरकारी विभाग से जुड़ा है लिहाजा कर्मचारी कैमरे के सामने नहीं आना चाहते. विभागीय अधिकारी भी इस सच को स्वीकार कर रहें है लेकिन कब तक खौफ के साये में कार्यालय चलेगा इसका जबाब किसी के पास नहीं.
बाईट: डीके प्रेमी: एसीएमओ


Conclusion:वीओ तीन: जर्जर और बदहाल बिल्डिंग में चल रहे मलेरिया अधिकारी कार्यालय कर्मचारियों के लिए जहां किसी सजा से कम नही वहीं मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के लिए यह किसी तोहफे जैसा है. मलेरिया नियंत्रण का दावा करने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी सच मालूम है लेकिन सिस्टम सरकारी है इसलिए जो चल रहा है उसे चलता रहने दो की तर्ज पर काम जारी है.
भुवन चन्द्र
ईटीवी भारत
मुरादाबाद
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