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मुरादाबाद: लॉकडाउन के चलते नहीं आए रिश्तेदार, बेटी ने दी पिता को मुखाग्नि

यूपी के मुरादाबाद में महेश चंद्र गुप्ता नाम के एक शख्स की 'लॉकडाउन' के दौरान मौत हो गई. महेश की मौत के बाद उनकी बेटी ने पिता की अर्थी को कंधा देकर बेटे का फर्ज निभाया और श्मशान पहुंचकर मुखाग्नि भी दी. इस दौरान वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं.

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Published : Apr 5, 2020, 2:46 PM IST

Updated : Apr 5, 2020, 3:04 PM IST

बेटी ने पिता को दी मुखाग्नि.
बेटी ने पिता को दी मुखाग्नि.

मुरादाबाद: जिले के मझोला थाना क्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान पिता की मौत होने पर एक बेटी द्वारा अंतिम संस्कार किया गया. बुद्धि विहार मोहल्ले में रहने वाले महेश चंद्र गुप्ता की शनिवार रात को घर में मौत हो गई. लॉकडाउन लागू होने के चलते उनके रिश्तेदारों ने अंतिम संस्कार में शामिल होने पर असमर्थता जताई तो बेटी ने आगे आकर मुखाग्नि दी. मृतक महेश गुप्ता की पत्नी का तीन महीने पहले देहांत हुआ था और उनकी बड़ी बेटी की शादी दिल्ली में हुई है. रिश्तेदारों द्वारा मना करने के बाद छोटी बेटी मानसी गुप्ता ने न सिर्फ शव को कंधा दिया बल्कि श्मशान पहुंचकर मुखाग्नि भी दी.

बेटी ने पिता को दी मुखाग्नि.
बेटी ने पिता को दी मुखाग्नि.

बुद्धि विहार में रहने वाले महेश चंद्र गुप्ता एक निजी संस्थान से रिटायर्ड होने के बाद अपनी बेटी मानसी के साथ रह रहे थे. तीन महीने पहले महेश गुप्ता की पत्नी शशि गुप्ता का देहांत हो गया था, जिसके बाद वह अक्सर बीमार रहने लगे थे. बड़ी बेटी की शादी कर चुके महेश गुप्ता की देर रात तबीयत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई. मानसी ने रिश्तेदारों को जानकारी दी, लेकिन लॉकडाउन के चलते कोई भी रिश्तेदार अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाया. घर में आर्थिक तंगी थी, लिहाजा पड़ोस में रहने वाले अशोक राघव ने मानसी की मदद की और अंतिम संस्कार की तैयारी करवाई. शव को मुखग्नि देने के लिए जब रिश्तेदार नहीं पहुंचे, तो मानसी ने बेटे का फर्ज अदा करते हुए मुखाग्नि दी.

बेटी ने पिता को दी मुखाग्नि.
बेटी ने पिता को दी मुखाग्नि.

इसे भी पढ़ें-मुरादाबाद: मुख्यमंत्री ने दिया मदद का आश्वासन, जाहिद के छलके आंसू

अंतिम संस्कार के दौरान भी बहुत कम लोग लॉकडाउन के चलते श्मशान पहुंचे. पिता के शव को मुखाग्नि देते हुए मानसी रोती रही और स्थानीय लोग उसे ढांढस बढ़ाते रहे. मानसी ने इस दौरान अंतिम संस्कार से पहले होने वाली सभी रस्मों को भी अदा किया. पिता की मौत के बाद अकेली रह गयी मानसी के सामने खुद को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है. लॉकडाउन के दौरान पिता की मौत से मानसी के सामने कई समस्या पैदा हो गयी है, लेकिन अपना फर्ज निभाने में वह किसी भी तरह पीछे नहीं रहना चाहती. मानसी प्रेरणा है उन लोगों के लिए जो बेटों के सामने बेटियों को कम आंकते नजर आते हैं.

मुरादाबाद: जिले के मझोला थाना क्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान पिता की मौत होने पर एक बेटी द्वारा अंतिम संस्कार किया गया. बुद्धि विहार मोहल्ले में रहने वाले महेश चंद्र गुप्ता की शनिवार रात को घर में मौत हो गई. लॉकडाउन लागू होने के चलते उनके रिश्तेदारों ने अंतिम संस्कार में शामिल होने पर असमर्थता जताई तो बेटी ने आगे आकर मुखाग्नि दी. मृतक महेश गुप्ता की पत्नी का तीन महीने पहले देहांत हुआ था और उनकी बड़ी बेटी की शादी दिल्ली में हुई है. रिश्तेदारों द्वारा मना करने के बाद छोटी बेटी मानसी गुप्ता ने न सिर्फ शव को कंधा दिया बल्कि श्मशान पहुंचकर मुखाग्नि भी दी.

बेटी ने पिता को दी मुखाग्नि.
बेटी ने पिता को दी मुखाग्नि.

बुद्धि विहार में रहने वाले महेश चंद्र गुप्ता एक निजी संस्थान से रिटायर्ड होने के बाद अपनी बेटी मानसी के साथ रह रहे थे. तीन महीने पहले महेश गुप्ता की पत्नी शशि गुप्ता का देहांत हो गया था, जिसके बाद वह अक्सर बीमार रहने लगे थे. बड़ी बेटी की शादी कर चुके महेश गुप्ता की देर रात तबीयत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई. मानसी ने रिश्तेदारों को जानकारी दी, लेकिन लॉकडाउन के चलते कोई भी रिश्तेदार अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाया. घर में आर्थिक तंगी थी, लिहाजा पड़ोस में रहने वाले अशोक राघव ने मानसी की मदद की और अंतिम संस्कार की तैयारी करवाई. शव को मुखग्नि देने के लिए जब रिश्तेदार नहीं पहुंचे, तो मानसी ने बेटे का फर्ज अदा करते हुए मुखाग्नि दी.

बेटी ने पिता को दी मुखाग्नि.
बेटी ने पिता को दी मुखाग्नि.

इसे भी पढ़ें-मुरादाबाद: मुख्यमंत्री ने दिया मदद का आश्वासन, जाहिद के छलके आंसू

अंतिम संस्कार के दौरान भी बहुत कम लोग लॉकडाउन के चलते श्मशान पहुंचे. पिता के शव को मुखाग्नि देते हुए मानसी रोती रही और स्थानीय लोग उसे ढांढस बढ़ाते रहे. मानसी ने इस दौरान अंतिम संस्कार से पहले होने वाली सभी रस्मों को भी अदा किया. पिता की मौत के बाद अकेली रह गयी मानसी के सामने खुद को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है. लॉकडाउन के दौरान पिता की मौत से मानसी के सामने कई समस्या पैदा हो गयी है, लेकिन अपना फर्ज निभाने में वह किसी भी तरह पीछे नहीं रहना चाहती. मानसी प्रेरणा है उन लोगों के लिए जो बेटों के सामने बेटियों को कम आंकते नजर आते हैं.

Last Updated : Apr 5, 2020, 3:04 PM IST
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