मुरादाबाद: गर्मियों के मौसम में कूलर-पंखे का कारोबार काफी डिमांड में होता है और कूलर कारोबारियों के लिए मार्च से जून तक का महीना सबसे अहम होता है. इस साल मार्च के शुरुआती दिनों में बारिश से जहां गर्मियां देर से शुरू हुई, वहीं महीने के आखिर में कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन लागू हो गया.
दिसम्बर में ही शुरु कर दिया था कूलर बनाना
कारोबारियों ने गर्मियों के सीजन के लिए दिसम्बर के महीने से ही तैयारी शुरू कर दी थी और बड़े पैमाने पर कूलर बनाने शुरू कर दिए थे. कारोबार के लिए कारोबारियों ने बैंक से लोन लेने के साथ अपनी जमा पूंजी भी लगाई हुई है. लेकिन इस साल अभी तक कूलर की बिक्री शुरू नहीं हो पाई है. गर्मियों के मौसम में कूलर नहीं बिकने से कारोबारियों को पूरे साल मुश्किल झेलनी पड़ेगी और उनके सामने आर्थिक संकट भी बना रहेगा.
भटावली में घरों में बनाए जाते हैं कूलर
जनपद के भटावली गांव में लोग बड़े पैमाने पर कूलर तैयार करते है और यहां ज्यादातर घरों में कूलर बनाये जाते है. कारोबारियों के घर में तैयार कूलर का स्टॉक रखा हुआ है, लेकिन खरीदार दूर-दूर तक नजर नहीं आते. लॉकडाउन से कारोबारी तैयार कूलरों को दुकान तक नहीं ले जा सकते और कूलर तैयार करने वाले मजदूर घरों में खाली बैठे है.
लॉकडाउन ने किया खेल खराब
कारोबारियों की चिंता यह है कि अगर लॉकडाउन आगे बढ़ता है तो जून में मानसून शुरू हो जाएगा और उसके बाद कूलर बिक्री के लिए अगले साल का इंतजार करना पड़ेगा. ज्यादातर कारोबारी बैंक की किस्त चुकाने और परिवार के पालन-पोषण को लेकर चिंतित है.