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मिर्जापुर: लॉकडाउन में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को मिला रोजगार, घर पर बना रहीं मास्क - लॉकडाउन न्यूज

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में लॉकडाउन में भी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में कार्यरत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को घर बैठे रोजगार मिल रहा है. यहां की महिलाएं घर मास्क बनाकर पैसे कमा रही हैं.

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स्वयं सहायता समूह की महिलाएं घर में बना रहीं मास्क.
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Published : Apr 17, 2020, 1:10 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: जिले में कोरोना वायरस से बचाव को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन किया गया, जिसके चलते कामकाज ठप है. वहीं इस लॉकडाउन ने कई महिलाओं को रोजगार भी दिया है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में कार्यरत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को घर पर ही रोजगार मिल रहा है. यहां पर महिलाएं कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए घर पर मास्क बनाकर पैसे कमा रही हैं. सस्ते दरों में यह मास्क ग्रामीण इलाकों में उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने इन महिलाओं को मास्क बनाने का ऑर्डर दिया है. इस काम से घर में ही महिलाओं को कमाई करने का मौका भी मिल रहा है.

स्वयं सहायता समूह की महिलाएं घर में बना रहीं मास्क.

महिलाओं को घर बैठे मिल रहा काम
कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरकार ने हर व्यक्ति के लिए मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है. लेकिन डिमांड बढ़ने से बाजार में इसकी कमी हो गई है. जिसको देखते हुए सरकार ने खादी के कपड़ों से मास्क बनाने के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाओं से सहयोग लियाी है. यहां मास्क बनाने में सिलाई, कढ़ाई, कटाई में दक्ष जिले की लगभग 3800 स्वयं सहायता समूह की महिलाएं को इस काम में लगाया गया हैं.

मास्क बनाकर कमाई कर रहीं महिलाएं
आपको बता दें कि इन महिलाओं को 7000 मीटर खादी का कपड़ा उपलब्ध कराया गया है, जिससे यह महिलाएं रात-दिन मिलकर डबल लेयर के मास्क बनाने में जुटी हुई है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इन लोगों को 4 रुपये प्रति मास्क के रूप में आमदनी कर रही हैं. इस माध्यम से लॉकडाउन में घर पर रहकर इन महिलाओं को सरकार रोजगार दे रही है. मास्क बनने के बाद यह 13.60 रूपया में ग्रामीण इलाकों में लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है.

खादी के कपड़े से बनाया जा रहा मास्क
जागृति प्रेरणा महिला संकुल समिति गैपुरा विकास खंड छानबे की महिलाओं से जब ईटीवी भीरत ने बात की तो उनका कहना था कि पहले हम लोग कैंटीन से लेकर मार्केटिंग, जूट बैग, अचार बनाने में जुटे थे लेकिन लॉकडाउन के चलते यह सभी काम ठप हो गए, अब खादी के कपड़ों से मास्क बनाने के लिए हम लोगों को रोजगार मिला है. बड़े पैमाने पर हम लोग मास्क बना रहे हैं. इससे हमारी कुछ कमाई भी हो जा रही है और लॉकडाउन के दौरान घर में बैठकर काम भी मिल रहा है.

खादी भंडार द्वारा 7000 मीटर उपलब्ध कराए गए कपड़े से मास्क बनाया जा रहा है. बड़े पैमाने पर जो राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यरत स्वयं सहायता समूह की महिलाएं हैं वह यह मास्क बना रही हैं. इस लॉकडाउन में महिलाओं को घर पर ही रोजगार भी मिल गया है. लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए यह मास्क किफायती दरों पर गांवों में उपलब्ध कराया जा रहा है.
अविनाश सिंह, सीडीओ

मिर्जापुर: जिले में कोरोना वायरस से बचाव को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन किया गया, जिसके चलते कामकाज ठप है. वहीं इस लॉकडाउन ने कई महिलाओं को रोजगार भी दिया है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में कार्यरत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को घर पर ही रोजगार मिल रहा है. यहां पर महिलाएं कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए घर पर मास्क बनाकर पैसे कमा रही हैं. सस्ते दरों में यह मास्क ग्रामीण इलाकों में उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने इन महिलाओं को मास्क बनाने का ऑर्डर दिया है. इस काम से घर में ही महिलाओं को कमाई करने का मौका भी मिल रहा है.

स्वयं सहायता समूह की महिलाएं घर में बना रहीं मास्क.

महिलाओं को घर बैठे मिल रहा काम
कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरकार ने हर व्यक्ति के लिए मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है. लेकिन डिमांड बढ़ने से बाजार में इसकी कमी हो गई है. जिसको देखते हुए सरकार ने खादी के कपड़ों से मास्क बनाने के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाओं से सहयोग लियाी है. यहां मास्क बनाने में सिलाई, कढ़ाई, कटाई में दक्ष जिले की लगभग 3800 स्वयं सहायता समूह की महिलाएं को इस काम में लगाया गया हैं.

मास्क बनाकर कमाई कर रहीं महिलाएं
आपको बता दें कि इन महिलाओं को 7000 मीटर खादी का कपड़ा उपलब्ध कराया गया है, जिससे यह महिलाएं रात-दिन मिलकर डबल लेयर के मास्क बनाने में जुटी हुई है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इन लोगों को 4 रुपये प्रति मास्क के रूप में आमदनी कर रही हैं. इस माध्यम से लॉकडाउन में घर पर रहकर इन महिलाओं को सरकार रोजगार दे रही है. मास्क बनने के बाद यह 13.60 रूपया में ग्रामीण इलाकों में लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है.

खादी के कपड़े से बनाया जा रहा मास्क
जागृति प्रेरणा महिला संकुल समिति गैपुरा विकास खंड छानबे की महिलाओं से जब ईटीवी भीरत ने बात की तो उनका कहना था कि पहले हम लोग कैंटीन से लेकर मार्केटिंग, जूट बैग, अचार बनाने में जुटे थे लेकिन लॉकडाउन के चलते यह सभी काम ठप हो गए, अब खादी के कपड़ों से मास्क बनाने के लिए हम लोगों को रोजगार मिला है. बड़े पैमाने पर हम लोग मास्क बना रहे हैं. इससे हमारी कुछ कमाई भी हो जा रही है और लॉकडाउन के दौरान घर में बैठकर काम भी मिल रहा है.

खादी भंडार द्वारा 7000 मीटर उपलब्ध कराए गए कपड़े से मास्क बनाया जा रहा है. बड़े पैमाने पर जो राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यरत स्वयं सहायता समूह की महिलाएं हैं वह यह मास्क बना रही हैं. इस लॉकडाउन में महिलाओं को घर पर ही रोजगार भी मिल गया है. लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए यह मास्क किफायती दरों पर गांवों में उपलब्ध कराया जा रहा है.
अविनाश सिंह, सीडीओ

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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