मिर्जापुर: जिले में महिला के साथ दहेज प्रताड़ना का मामला सामने आया है. दहेज लोभियों ने महिला को न सिर्फ प्रताड़ित किया बल्कि बेटी के जन्म देने पर मायके से नहीं ला रहे हैं. पड़री के चपगहना गांव की रहने वाली महिला ने बेटी को जन्म दिया तो ससुरालियों ने उसको घर ले जाने से इन्कार कर दिया. कहा कि बेटे को जन्म दी होती तो विदाई कराकर ले जाते, लेकिन बेटी को जन्म दिया है नहीं लेने जाएंगे. कई बार ससुराल से विदाई कराने की गुहार लगाने के बाद महिला ने परिवार परामर्श केंद्र में न्याय की गुहार लगाई है.
सालों से कर रहे थे परेशान
एक तरफ ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा पूरे देश में चलाया जा रहा है और बेटी बेटा में कोई अंतर नहीं है. वहीं मिर्जापुर में बेटी पैदा होने पर ससुराल वालों ने विवाहिता को रखने से इंकार दिया है. मड़िहान दीपनगर के कदौरा गांव रहने वाली आरती प्रजापति की शादी करीब दो साल पहले पड़री गांव के मोहन के साथ हुई थी. शादी के बाद से ही विवाहिता आरती को ससुराल वालों ने दहेज के लिए परेशान करना शुरू कर दिया. पेट मे बच्चा होने पर उसे मायके पहुंचा दिया. मायके में उसने एक बेटी को जन्म दिया. बेटी पैदा हुए एक साल होने वाले हैं अभी तक ससुराल वाले उसकी विदाई कराकर घर नहीं ले गए और न ही उससे मिलने आए.
परिवार परामर्श केंद्र में न्याय की गुहार
ससुराल के लोगों का रवैया देखकर आरती ने उनको फोन कर विदाई न कराने का कारण पूछने लगी. महीनों से फोन कर कारण पूछती रही और एक दिन उसने कारण बताने की जिद पकड़ ली तो ससुराल वाले बताये कि बेटी को जन्म दी है, इसलिए नहीं ला रहे हैं. इसके बाद परिवार के लोगों ने पुलिस से इस समस्या का हल निकलवाने की गुहार लगाई. महिला ने परिवार परामर्श केंद्र में न्याय की गुहार लगाने बेटी के साथ पहुंची है.
गलतफहमी खत्म करने का होगा प्रयास
परिवार परामर्श पर पहुंचे एएसपी सिटी संजय कुमार ने ससुराल वालों को मामले की जानकारी के लिए बुलाने को कहा. दोनों पक्षों के सामने आने पर ही सच्चाई का पता चलेगा, इनके बीच उत्पन्न गलतफहमी को खत्म कराने का प्रयास किया जाएगा.