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शारदीय नवरात्रि 2022: हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है मां विंध्यवासिनी मंदिर, आधी रात से ही आने लगे भक्त

मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है. देश के 51 शक्तिपीठों में से एक विंध्याचल की देवी मां विंध्यवासिनी हैं. विंध्याचल की पहाड़ियों में गंगा की पवित्र धाराओं के पास मां विंध्यवासिनी बसी हैं. महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती के रूप में विराजमान हैं.

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मां विंध्यवासिनी मंदिर पर भक्तों का जनसैलाब
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Published : Sep 26, 2022, 10:49 AM IST

Updated : Sep 26, 2022, 10:55 PM IST

मिर्जापुर: आज से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो गई है. विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल धाम में स्थित मां विंध्यवासनी के दरबार में आधी रात से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया. मंगला आरती के बाद से श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी के दर्शन पूजन किए. नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री स्वरूप का श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन किया. मां के दर्शन के लिए लाइन में लगकर भक्त मां का जैकारा लगाते हुए मां के धाम में पहुंचे. पूरा मंदिर परिसर शंख, घंटा और घड़ियाल से गुंजायमान हो गया. जो भी भक्त मां के दरबार में अपनी मनोकामना लेकर आते हैं मां सभी की मुरादें पूरी करती हैं. यह नवरात्रि पूरे 9 दिन का पर्व है. देश भर से लाखों भक्त नौ दिन मां के दर्शन करेंगे. निर्माणाधीन विंध्य कॉरिडोर का कार्य चल रहा है. मां विंध्यवासिनी दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार सब कुछ बदला नजर आ रहा है. मेले की सुरक्षा को देखते हुए मेला क्षेत्र को 10 जोन, 21 सेक्टर में बांटा गया है. कड़ी सुरक्षा के बीच श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन कर रहे हैं.

विंध्याचल की पहाड़ियों में गंगा की पवित्र धाराओं के पास मां विंध्यवासिनी बसी हैं. महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती के रूप में विराजमान हैं. तीन किलोमीटर के दायरे में तीनों देवियां विराजमान हैं. केंद्र में मां विंध्यवासिनी हैं इसके बाद कालीखोह पहाड़ी पर महाकाली और अष्टभुजा पहाड़ी पर अष्टभुजी देवी विराजमान हैं. ऐसा माना जाता है कि तीनों देवियों के दर्शन किए बिना विंध्याचल की यात्रा अधूरी है. इसलिए जो भी श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी के दरबार में आता है वह त्रिकोण मार्ग पर चलकर पहले तीनों देवियों के मंदिरों का दर्शन करता है. आज नवरात्रि का पहला दिन है. पहले दिन भक्त शैलपुत्री स्वरूप का दर्शन पूजन कर रहे हैं. कहा जाता है कि सच्चे दिल से जो भी दरबार में आता है मां उसकी सभी मुरादें पूरी करती हैं.

पंडित अखिलेश चंद्र मिश्रा ने दी जानकारी
शारदीय नवरात्रि सोमवार से शुरू हो गया है. आज से लेकर पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग नौ शक्ति स्वरूपों की पूजा की जाएगी. नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू होकर 5 अक्टूबर तक चलेगी. नवरात्रि के पहले दिन देवी मां के निमित्त कलश स्थापना की जाती है. ऐसे में सोमवार को कलश स्थापना का सही समय पंडित अखिलेश चंद्र मिश्रा उर्फ राजन गुरु के अनुसार सुबह 9:54 से लेकर 11:45 तक है. घर में सुख शांति बनी रहे, बरक्कत हो और घर में हमेशा खुशियां रहें इसके लिए शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित करना चाहिए.इसे भी पढ़े-शारदीय नवरात्रि का पहला दिन आज, कलश स्थापना का सही वक्त और मंत्र जानेंमां विंध्यवासिनी मंदिर के साथ ही मां कालीखोह और मां अष्ठभुजा मंदिर को पहली बार विदेशी फूलों से सजाया गया है. फूल थाईलैंड के साथ ही देश के कई हिस्सों से आकर्षक फूलों को मंगाकर सजाया गया है. कोलकाता और बुलंदशहर के कारीगरों ने तीनों मंदिर परिसर की फूलों से सजावट की है. दरबार में पहली बार विदेशी फूलों से सजावट किए जाने पर श्रद्धालुओं के साथ स्थानीय लोग खुश नजर आ रहे हैं.

नौ दिन तक चलने वाले मेले में सुरक्षा के भी कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. नवरात्रि मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ होने की आशंका को देखते हुए मेले की पूरी व्यवस्था जिला प्रशासन ने की है. पूरा मेला क्षेत्र 10 जोन और 21 सेक्टरों में बांटा गया है. सभी जोनों में जोनल मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है. मेला क्षेत्र में से अधिक भीड़ एकत्र न हो सके इसके लिए जगह-जगह बैरियर लगाए गए हैं. इसके अलावा मेला क्षेत्र की निगरानी ड्रोन एवं सीसीटीवी कैमरों से की जा रही है. मेला सुरक्षा में अर्धसैनिक बल के जवानों के साथ ही दो हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को लगाया गया है. साथ ही सिविल पुलिस, जल पुलिस, यातायात पुलिस और घुड़सवार पुलिस के साथ ​​खुफिया एजेंसी के जवान भी तैनात किए गए हैं. सुचारू रूप से श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन कर रहे हैं.


यह भी पढ़े-या देवी सर्वभुतेषु... नवरात्रि के प्रथम दिन माता शैलपुत्री की ऐसे करें पूजन, चढ़ाएं यह अतिप्रिय चीजें

मिर्जापुर: आज से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो गई है. विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल धाम में स्थित मां विंध्यवासनी के दरबार में आधी रात से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया. मंगला आरती के बाद से श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी के दर्शन पूजन किए. नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री स्वरूप का श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन किया. मां के दर्शन के लिए लाइन में लगकर भक्त मां का जैकारा लगाते हुए मां के धाम में पहुंचे. पूरा मंदिर परिसर शंख, घंटा और घड़ियाल से गुंजायमान हो गया. जो भी भक्त मां के दरबार में अपनी मनोकामना लेकर आते हैं मां सभी की मुरादें पूरी करती हैं. यह नवरात्रि पूरे 9 दिन का पर्व है. देश भर से लाखों भक्त नौ दिन मां के दर्शन करेंगे. निर्माणाधीन विंध्य कॉरिडोर का कार्य चल रहा है. मां विंध्यवासिनी दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार सब कुछ बदला नजर आ रहा है. मेले की सुरक्षा को देखते हुए मेला क्षेत्र को 10 जोन, 21 सेक्टर में बांटा गया है. कड़ी सुरक्षा के बीच श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन कर रहे हैं.

विंध्याचल की पहाड़ियों में गंगा की पवित्र धाराओं के पास मां विंध्यवासिनी बसी हैं. महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती के रूप में विराजमान हैं. तीन किलोमीटर के दायरे में तीनों देवियां विराजमान हैं. केंद्र में मां विंध्यवासिनी हैं इसके बाद कालीखोह पहाड़ी पर महाकाली और अष्टभुजा पहाड़ी पर अष्टभुजी देवी विराजमान हैं. ऐसा माना जाता है कि तीनों देवियों के दर्शन किए बिना विंध्याचल की यात्रा अधूरी है. इसलिए जो भी श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी के दरबार में आता है वह त्रिकोण मार्ग पर चलकर पहले तीनों देवियों के मंदिरों का दर्शन करता है. आज नवरात्रि का पहला दिन है. पहले दिन भक्त शैलपुत्री स्वरूप का दर्शन पूजन कर रहे हैं. कहा जाता है कि सच्चे दिल से जो भी दरबार में आता है मां उसकी सभी मुरादें पूरी करती हैं.

पंडित अखिलेश चंद्र मिश्रा ने दी जानकारी
शारदीय नवरात्रि सोमवार से शुरू हो गया है. आज से लेकर पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग नौ शक्ति स्वरूपों की पूजा की जाएगी. नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू होकर 5 अक्टूबर तक चलेगी. नवरात्रि के पहले दिन देवी मां के निमित्त कलश स्थापना की जाती है. ऐसे में सोमवार को कलश स्थापना का सही समय पंडित अखिलेश चंद्र मिश्रा उर्फ राजन गुरु के अनुसार सुबह 9:54 से लेकर 11:45 तक है. घर में सुख शांति बनी रहे, बरक्कत हो और घर में हमेशा खुशियां रहें इसके लिए शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित करना चाहिए.इसे भी पढ़े-शारदीय नवरात्रि का पहला दिन आज, कलश स्थापना का सही वक्त और मंत्र जानेंमां विंध्यवासिनी मंदिर के साथ ही मां कालीखोह और मां अष्ठभुजा मंदिर को पहली बार विदेशी फूलों से सजाया गया है. फूल थाईलैंड के साथ ही देश के कई हिस्सों से आकर्षक फूलों को मंगाकर सजाया गया है. कोलकाता और बुलंदशहर के कारीगरों ने तीनों मंदिर परिसर की फूलों से सजावट की है. दरबार में पहली बार विदेशी फूलों से सजावट किए जाने पर श्रद्धालुओं के साथ स्थानीय लोग खुश नजर आ रहे हैं.

नौ दिन तक चलने वाले मेले में सुरक्षा के भी कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. नवरात्रि मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ होने की आशंका को देखते हुए मेले की पूरी व्यवस्था जिला प्रशासन ने की है. पूरा मेला क्षेत्र 10 जोन और 21 सेक्टरों में बांटा गया है. सभी जोनों में जोनल मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है. मेला क्षेत्र में से अधिक भीड़ एकत्र न हो सके इसके लिए जगह-जगह बैरियर लगाए गए हैं. इसके अलावा मेला क्षेत्र की निगरानी ड्रोन एवं सीसीटीवी कैमरों से की जा रही है. मेला सुरक्षा में अर्धसैनिक बल के जवानों के साथ ही दो हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को लगाया गया है. साथ ही सिविल पुलिस, जल पुलिस, यातायात पुलिस और घुड़सवार पुलिस के साथ ​​खुफिया एजेंसी के जवान भी तैनात किए गए हैं. सुचारू रूप से श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन कर रहे हैं.


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Last Updated : Sep 26, 2022, 10:55 PM IST
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