मिर्जापुर: सीएम योगी की सख्त चेतावनी के बावजूद जिले में धान क्रय केंद्रों पर किसानों को परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है. अन्नदाता कहे जाने वाले किसान एक-दो बार नहीं हफ्तों से चक्कर लगा रहे हैं. कहीं क्रय केंद्रों पर बोरे नहीं हैं तो कहीं लेबर नहीं हैं. साथ ही कहीं कांटे कम होने के बहाने बनाकर केंद्र प्रभारी किसानों को इधर से उधर भटका रहे हैं. धान खरीद की सुस्त प्रक्रिया से किसानों का दर्जनों ट्राली धान क्रय केंद्रों पर बिक्री का इंतजार कर रहा है. ऐसा नहीं है कि यहां धान नहीं खरीदा जा रहा है. बताया जा रहा है कि पहुंच वाले किसानों का ही धान खरीदा जा रहा है.
धीमी गति से हो रही धान की खरीदारी
लालगंज तहसील अंतर्गत धान क्रय केंद्रों पर धान खरीद की सुस्त प्रक्रिया से किसानों का दर्जनों ट्राली धान क्रय केंद्रों पर बिक्री का इंतजार कर रहा है. कहीं लेबर और कांटे कम होने तो कहीं बोरे कम होने के कारण क्षेत्र के किसान परेशान हैं. धान खरीद को लेकर लालगंज तहसील क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे जिले में यही हाल है, लेकिन व्यापारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है. क्षेत्र के छोटे किसान अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं तो व्यापारियों द्वारा सिस्टम के साथ कई ट्रॉली धान क्रय केंद्र पर तौल होने की भी चर्चा है.
क्रय केंद्रों पर गुजर रहीं किसानों की रातें
किसानों की रातें हफ्ते भर से क्रय केंद्र पर गुजर रहीं हैं. क्षेत्र में सुस्त धान खरीद व क्रय केंद्रों की कमी किसानों को इस बार परेशान कर रही है. सर्द रातों में किसान क्रय केंद्र पर रहने को मजबूर हैं. गौरतलब है कि लालगंज क्षेत्र के साथ पूरे जनपद में धान क्रय केंद्रों की कमी होने से क्षेत्रीय किसान परेशान हैं. किसान का दर्जनों ट्राली धान क्रय केंद्र पर अपनी बारी का इंतजार कर रहा है. धान खरीद की सुस्त प्रक्रिया इन अन्नदाताओं पर भारी पड़ रही है. ट्रैक्टर से बिक्री को आई ट्रालियों की रखवाली करने में किसानों की सर्द रातें क्रय केंद्र पर गुजर रही हैं. लाख कोशिशों के बावजूद लालगंज तहसील के किसानों को धान की बिक्री के लिए समस्याओं से जूझना पड़ रहा है.
ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में खुली पोल
ईटीवी भारत के धान खरीद की जांच-पड़ताल में लालगंज किसान सेवा सहकारी समिति क्रय केंद्र का बुरा हाल है. यहां 175 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, लेकिन 20 दिन में महज पांच किसानों से धान की खरीद की गई है. यहां पर सरकार के दावे की पोल खुलती नजर आ रही है. बोरियां और लेबर के साथ मशीन की दिक्कत होने से हफ्तों से किसान चक्कर लगा रहे हैं. केंद्र प्रभारी का कहना है कि मशीन न होने के कारण समस्या आ रही थी. दो दिन मशीन आए हुए हैं. एक जगह अब दो काटे चलेंगे, जिससे 1200 क्विंटल प्रतिदिन धान की खरीद की जाएगी. अब धान खरीद को कवर कर लिया जाएगा. यहां लेबरों की कमी नहीं है. लेबरों की व्यवस्था भी कर ली जाएगी.
किसानों को फोन पर दी जाएगी जानकारी
बता दें कि जिले में धान खरीद की समस्या केवल एक क्रय केंद्र पर नहीं है. यही हाल राजकीय धान क्रय केंद्र बलिया खुर्द का भी है. यहां पर पांच नवंबर से क्रय केंद्र खोला गया है. अभी तक मात्र 30 किसानों से धान लिया गया है, जबकि केंद्र प्रभारी कहना है कि मंगलवार और शुक्रवार को लघु सीमांत किसानों को छूट दी जाती है. इस दिन 25 क्विंटल के नीचे वाले किसानों से धान खरीद की जाती है. वहीं चक्कर लगा रहे किसानों के बारे में जब पूछा गया तो प्रभारी का कहना था कि टोकन जारी कर दिया गया है. जब नंबर आएगा तो किसानों को फोन जाएगा. यहां किसान प्रतिदिन आ रहे हैं. यह इनकी समस्या है, यहां ये लोग क्यों आ रहे हैं.
खाद्य एवं रसद आयुक्त भी कर चुके हैं निरीक्षण
जिले में खाद्य एवं रसद आयुक्त मनीष चौहान ने 24 नवंबर को कई ब्लॉकों में क्रय केंद्रों पर अपर जिलाधिकारी, आरएफसी, एसडीएम, आरएमओ, डीएफएमओ सहित अन्य अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया था. उन्होंने नोडल अधिकारियों को फटकार लगातर हुए कढ़ाई से उपस्थिति को कहा था. उन्होंने कहा था कि प्रत्येक केंद्र पर 600 क्विंटल धान की खरीद प्रतिदिन प्राथमिकता के आधार पर की जाए. लघु सीमांत किसानों को विशेष निर्देश दिया. इसके बावजूद भी उनके आदेशों का असर क्रय केंद्रों पर देखने को नहीं मिल रहा है.
किसानों की शिकायत करेंगे दूर
जिला खाद्य विपणन अधिकारी धनंजय सिंह ने बताया कि जनपद में 958 किसानों से 50.27 क्विंटल के औसत से अब तक 4816.60 एमटी की खरीद कुल 65 केंद्रों पर हो चुकी है, जबकि पिछले वर्ष 24 नवंबर को 90.28 के औसत से कुल 626 किसानों से 5951.62 एमटी खरीद हुई थी. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष प्रति किसान खरीद लगभग आधी हुई है. किसानों की संख्या लगभग दोगुनी होने से स्पष्ट है कि जिलाधिकारी द्वारा लघु सीमांत कृषकों को समर्थन मूल्य योजना का अधिक लाभ पहुंचाने के लिए एक किसान से अधिकतम 100 क्विंटल की खरीद का निर्णय का सकारात्मक असर दिख रहा है, जो जहां कमियां हैं उसको जल्द दूर कर लिया जाएगा. किसी को कोई शिकायत करने का मौका नहीं दिया जाएगा.
15 से 16 क्रय केंद्र खोलने की योजना
जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने बताया कि जनपद में कुल 65 धान क्रय केंद्र संचालित हैं. इन सभी केंद्रों पर दो-दो कांटे हैं, जहां पर 600 क्विंटल प्रतिदिन खरीदारी हो सकती है. सभी लेखपालों और नोडल अधिकारियों से कहा गया है कि गांव-गांव जाकर छोटे-बड़े किसानों को पर्ची बांटे और यह किसान क्रय केंद्र पर ही आकर धान बेंचे. 65 की संख्या अभी कम है. हम लोग 15 से 16 और क्रय केंद्र खोलने जा रहे हैं, जो सिर्फ छोटे किसानों के लिए होंगे. किसानों को कोई समस्या हो तो एडीएम, आरएमओ और हमें खुद फोन कर समस्या बता सकते हैं. समस्या का निदान किया जाएगा.