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मिर्जापुर: अष्टभुजा पहाड़ी के भैरवकुंड का पानी है जीवनदायिनी - water of bhairav ​​kund

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में विंध्य पर्वत पर विराजमान विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी का मंदिर है. यहां अष्टभुजा के पास एक भैरव कुंड है. इस कुंड में 12 महीना पानी पहाड़ों में रहता है. दूर-दूर से लोग यहां से पानी लेने आते हैं.

भैरव कुंड का पानी जीवनदायिनी है.
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Published : Aug 29, 2019, 2:58 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: विंध्याचल के अष्टभुजा पहाड़ी की तलहटी से 500 फीट नीचे जड़ी बूटियों से मिश्रित जल है. जिसका सेवन करने के लिए भैरव कुंड में भक्तों का जमावड़ा लगा. इस अमृत जल को पाने के लिए काफी दूर से लोग आते हैं. प्राचीनकाल से ही पहाड़ों से छनकर भैरवकुण्ड में पानी पहुंचता है.12 महीने इसी तरह पहाड़ पानी बना रहता है. लोगों का मानना है कि जड़ी बूटियों से मिश्रित जल पाचन शक्ति बढ़ाता है.

जीवनदायिनी है भैरव कुंड का पानी.

ये भी पढ़ें-मिर्जापुर: कृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर नशे में धुत पुलिसकर्मियों ने लगाए ठुमके

विंध्य पर्वत पर विराजमान भैरव कुंड-
मिर्जापुर विंध्य पर्वत के कौन नहीं जानता है. विंध्य पर्वत का छठा देखकर सब मोहित होते हैं. उसमें एक अष्टभुजा के पास भैरव कुंड है. इस कुंड में 12 महीना पानी पहाड़ों मे रहता है. कुंड के पानी पीने से शरीर की तकलीफें दूर होती है. दूर-दूर से लोग यहां से पानी लेने आते हैं. जब तक यहां पर रहते हैं उसी पानी का सेवन भी करते हैं. पहाड़ की तलहटी से करीब सैकड़ों फीट नीचे निकल रहे जड़ी-बूटी युक्त पानी को लेने के लिए कभी-कभी तो लंबी-लंबी लाइनें भी लगानी पड़ती है.

अमृत है भैरव कुंड का पानी-

लोगों का मानना है कि जड़ी बूटियों से युक्त पानी के सेवन से पाचन शक्ति ठीक रहती है. इसलिए यहां के पानी को लोग भर कर दूर-दूर तक ले जाते हैं. बिहार और बंगाल के सबसे ज्यादा लोग यहां आते हैं. सब लोग पानी को शरीर के लिए रामबाण बताते हैं. यहां तक कि कुछ लोग कई वर्षों से इस पानी को घर ले जाकर पीते हैं. प्राचीन काल से ही इस कुंड में पानी पहाड़ों से छनकर पहुंचता है. अनवरत पानी छन छन कर आता रहता है. गर्मी के मौसम में थोड़ा धीमा हो जाता है. अभी तक कभी यह कुंड सूखा नहीं है.

त्रिकोण के माध्यम से तीनों देवियों के दर्शन-

यहां पर लोग देश प्रदेश से दर्शन पूजन करने के लिए आते हैं. नवरात्र में तो संख्या लाखों में पहुंच जाती है. यहां पहाड़ पर बसी तीन देवियां मां विंध्यवासिनी, मां काली और मां अष्टभुजा तीनों देवियों का दर्शन त्रिकोण के माध्यम से होता है. श्रद्धालु कुंड के पानी का भी सेवन करके जाता है. विंध्य पर्वत पर हमेशा हैं दूर-दूर से पर्यटक आते हैं.

मिर्जापुर: विंध्याचल के अष्टभुजा पहाड़ी की तलहटी से 500 फीट नीचे जड़ी बूटियों से मिश्रित जल है. जिसका सेवन करने के लिए भैरव कुंड में भक्तों का जमावड़ा लगा. इस अमृत जल को पाने के लिए काफी दूर से लोग आते हैं. प्राचीनकाल से ही पहाड़ों से छनकर भैरवकुण्ड में पानी पहुंचता है.12 महीने इसी तरह पहाड़ पानी बना रहता है. लोगों का मानना है कि जड़ी बूटियों से मिश्रित जल पाचन शक्ति बढ़ाता है.

जीवनदायिनी है भैरव कुंड का पानी.

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विंध्य पर्वत पर विराजमान भैरव कुंड-
मिर्जापुर विंध्य पर्वत के कौन नहीं जानता है. विंध्य पर्वत का छठा देखकर सब मोहित होते हैं. उसमें एक अष्टभुजा के पास भैरव कुंड है. इस कुंड में 12 महीना पानी पहाड़ों मे रहता है. कुंड के पानी पीने से शरीर की तकलीफें दूर होती है. दूर-दूर से लोग यहां से पानी लेने आते हैं. जब तक यहां पर रहते हैं उसी पानी का सेवन भी करते हैं. पहाड़ की तलहटी से करीब सैकड़ों फीट नीचे निकल रहे जड़ी-बूटी युक्त पानी को लेने के लिए कभी-कभी तो लंबी-लंबी लाइनें भी लगानी पड़ती है.

अमृत है भैरव कुंड का पानी-

लोगों का मानना है कि जड़ी बूटियों से युक्त पानी के सेवन से पाचन शक्ति ठीक रहती है. इसलिए यहां के पानी को लोग भर कर दूर-दूर तक ले जाते हैं. बिहार और बंगाल के सबसे ज्यादा लोग यहां आते हैं. सब लोग पानी को शरीर के लिए रामबाण बताते हैं. यहां तक कि कुछ लोग कई वर्षों से इस पानी को घर ले जाकर पीते हैं. प्राचीन काल से ही इस कुंड में पानी पहाड़ों से छनकर पहुंचता है. अनवरत पानी छन छन कर आता रहता है. गर्मी के मौसम में थोड़ा धीमा हो जाता है. अभी तक कभी यह कुंड सूखा नहीं है.

त्रिकोण के माध्यम से तीनों देवियों के दर्शन-

यहां पर लोग देश प्रदेश से दर्शन पूजन करने के लिए आते हैं. नवरात्र में तो संख्या लाखों में पहुंच जाती है. यहां पहाड़ पर बसी तीन देवियां मां विंध्यवासिनी, मां काली और मां अष्टभुजा तीनों देवियों का दर्शन त्रिकोण के माध्यम से होता है. श्रद्धालु कुंड के पानी का भी सेवन करके जाता है. विंध्य पर्वत पर हमेशा हैं दूर-दूर से पर्यटक आते हैं.

Intro:मिर्जापुर विंध्याचल के अष्टभुजा पहाड़ी की तलहटी से 500 फीट नीचे जड़ी बूटियों से मिश्रित जल का सेवन करने के लिए भैरव कुंड में भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है इस अमृत जल को पाने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं प्राचीनकाल से ही पहाड़ों से छनकर इस भैरवकुण्ड में पहुंचता है पानी। 12 महीने इसी तरह पहाड़ से रिश्ता रहता है पानी लोगों का मानना है कि जड़ी बूटियों से मिश्रित जल पाचन शक्ति बढ़ाता है शरीर के असाध्य रोग के लिए रामबाण साबित हो रहा है।


Body: मिर्जापुर विंध्य पर्वत के कौन नहीं जानता है पर्यटन की दृष्टि से हर कोई विंध्य पर्वत पर पहुंचना जाता है विंध्य पर्वत का छठा देखकर सब मोहित होते रहते हैं उसमें एक है अष्टभुजा के पास भैरव कुंड इस कुंड में 12 महीना पानी पहाड़ों से रिश्ता हुआ पहुंचता है इस कुंड के पानी पीने से शरीर की तकलीफें दूर होती है दूर-दूर से लोग आकर यहां से पानी मिलने भी जाते हैं और जब तक यहां पर आते हैं उसका सेवन भी करते रहते हैं। पहाड़ की तलहटी से करीब सैकड़ों फीट नीचे निकल रहे जड़ी-बूटी युक्त पानी को लेने के लिए कभी-कभी तो लंबी-लंबी लाइनें भी लगानी पड़ती है लोगों का मानना है कि जड़ी बूटियों से युक्त पानी के सेवन से पाचन शक्ति ठीक रहती है इसलिए यहां के पानी को लोग भर कर दूर दूर तक ले जाते हैं बिहार और बंगाल के सबसे ज्यादा लोग यहां आते हैं इस पानी का सेवन करने। पानी जो पीता है सब लोग पानी को शरीर के लिए रामबाण बताते हैं यहां तक कि कुछ लोग कई वर्षों से इस पानी को घर ले जाकर पीते हैं। बताया जाता है कि प्राचीन काल से ही इस कुंड में पानी पहाड़ों से छनकर पहुंचता है अनवरत पानी इसी तरह छन छन कर आता रहता है गर्मी के मौसम में थोड़ा धीमा हो जाता है अभी तक कभी यह कुंड सूखा नहीं है।

Bite-पिंटू-श्रद्धालु
Bite-पुष्प7-श्रद्धालु
Bite-मिट्ठू मिश्रा-तीर्थपुरोहित


Conclusion:हम आपको बता दें विंध्य पर्वत पर विराजमान है विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी का मंदिर यहां पर वैसे तो हमेशा लोग देश प्रदेश से दर्शन पूजन करने के लिए आते रहते हैं नवरात्र में तो संख्या लाखों में पहुंच जाती है प्रति पहाड़ पर बसे तीन देवियां मां विंध्यवासिनी मां काली मां अष्टभुजा श्रद्धालु यहां आता है तीनों देवियों का दर्शन त्रिकोण के माध्यम से करता है तो इस कुंड का भी पानी सेवन करके जरूर जाता है या लेकर ऐसा यहां के पुजारी बताते हैं। विंध्य पर्वत पर हमेशा पर्यटक आते हैं दूर-दूर से।

जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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