मिर्जापुर: कोरोना वायरस को लेकर मंदिरों के कपाट बंद चल रहे है. विंध्याचल विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी का मंदिर का कपाट लॉकडाउन के पहले से ही बंद है. ऐसे में यहां के तीर्थपुरोहित ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर आर्थिक पैकेज की मांग की है. तीर्थ पुरोहित के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से विंध्याचल मंदिर बंद होने के कारण तीर्थ पुरोहित और अन्य समाज के लोगों को आजीविका चलाने में कठिनाई आ रही है. नवरात्र के पहले से ही मंदिर के कपाट बंद हैं. यहां के लोगों की एक ही आजीविका का मंदिर है. इन्हीं पर्यटकों के कारण पुरोहितों की आजीविका चलती है. मगर पर्यटक न आने से अब आजीविका चलाने में कठिनाई हो रही है.
भारत के प्रमुख धार्मिक मंदिरों में से एक विंध्याचल स्थित विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर से जुड़े तीर्थ पुरोहित कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन में मंदिर बंद होने के कारण परेशान हैं. लॉकडाउन में मंदिर बंद होने के कारण दर्शनार्थियों और पर्यटकों के नहीं आने से तीर्थ पुरोहितों के सामने आजीविका को लेकर संकट खड़ा हो गया है.
विंध्याचल के तीर्थ पुरोहित ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर आर्थिक पैकेज देने का अनुरोध किया है. तीर्थ पुरोहित का मानना है कि यहां लॉकडाउन से पहले लाखों दर्शनार्थी मंदिर पर दर्शन करने के लिए देश के कोने-कोने से आते थे, जिससे तीर्थ पुरोहितों, दुकानदारों और नाई समाज को राजस्व की प्राप्ति होती थी. मगर मंदिर बंद होने के कारण हजारों लोग जो मंदिर से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े थे, उनकी आमदनी बंद हो गई है, जिसके पास पैसा था, वह खत्म हो गया है. इस कारण इन लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है, क्योंकि यही एक मंदिर यहां के लोगों की आजीविका का साधन है.
मां विंध्यवासिनी का कपाट बंद होने से यहां की सारी दुकानें होटल बंद हैं और गलियों में सन्नाटा है. तीर्थ पुरोहित पंडा समाज लोगों के साथ नाई समाज, माली के अलावा यहां के अन्य दुकानदार परेशान हैं. इसी को लेकर पीएम मोदी से आर्थिक पैकेज की मांग को लेकर पत्र लिखा गया है. यहां के तीन प्रमुख मंदिर मां विन्ध्वासिनी का मंदिर, काली खो का मंदिर और अष्ठभुजा का मंदिर का कपाट नवरात्र के पहले से बंद हैं. 10,000 से ज्यादा लोग यहां पर प्रभावित हुए हैं. प्रधानमंत्री से अनुरोध है कि जैसे हर जगह आर्थिक पैकेज देकर सहायता की जा रही हैं. उसी तरह विंध्याचल के लोगों को भी आर्थिक पैकेज दें, जिससे यहां के लोगों का आजीविका चल सकें.