मिर्जापुर: राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिलाएं अपने खेतों में ट्रैक्टर चलाकर अच्छी उपज और आमदनी बढ़ाएंगी. इसके लिए कृषि विभाग की योजना फार्म मशीनरी बैंक के तहत दो स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 15-15 लाख के कृषि उपकरण दिए गए हैं, जिसमें 12 लाख की सब्सिडी है. एक फार्म मशीनरी से लगभग 250 महिलाओं को प्रत्यक्ष रूप से और आसपास के गांव को और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा. इस कृषि यंत्र का प्रयोग अपने खेतों में या दूसरे खेतों में जुताई कर महिला समूह अपने परिवार का लालन-पालन बड़े अच्छे से कर पाएंगी.
राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को मिले ट्रैक्टर
- राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिलाएं अपने खेतों में ट्रैक्टर चला कर अब अच्छी कमाई कर पाएंगी.
- इसके लिए कृषि विभाग की योजना फार्म मशीनरी बैंक के तहत जिले में 2 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 15-15 लाख के कृषि उपकरण दिए गए हैं.
- इसमें 12 लाख की सब्सिडी सरकार की तरफ से दी गई है.
- महिलाएं तीन लाख लगाकर अपने खेतों के साथ दूसरों के खेतों में भी जुताई कर अच्छी कमाई कर सकेंगी.
ये कृषि यंत्र मिले
कृषि यंत्रों में मुख्य रूप से ट्रैक्टर, जीरोटिल, लेजर लेवलर खेत को दूरबीन के साथ समतल करने का काम करता है, मल्चर जो चारा काटकर जमीन में मिला देता है. गुरबाज, प्लाऊ, हैप्पी सीडर हार्वेस्टर काटे गए फसल के बाद बिना जुताई की फसल बोने का काम करता है, दिए गए हैं.
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कृषि यंत्र मिले महिलाओं का कहना है कि हमें बहुत खुशी है कि हमें आजीविका मिशन के अंतर्गत यह संसाधन मिला है. हम इसे अपने समूह के साथ दूसरे का भी काम कर पाएंगे. इस यंत्र से ग्राम संगठनों के साथ पूरे महिला समूह को लाभ मिलेगा.
कृषि विभाग की योजना फार्म मशीनरी बैंक के तहत दो स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया गया है. किसी भी किसान को इतने महंगे यंत्र खरीदने में मुश्किल होती है. अब इस योजना के तहत कृषि यंत्र महिला समूह ले सकती हैं और अपने अवसर के साथ आय भी बढ़ा सकती हैं. एक समूह में 10 से 12 महिलाएं रहती हैं. एक फार्म मशीनरी से लगभग ढाई सौ महिलाओं को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा. इसके लिए अब और महिलाएं अप्लाई कर रही हैं. आगे महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी.
-प्रियंका निरंजन, सीडीओ