मिर्जापुर: जिले में ठंड से लोगों को बचाने के लिए दो सहेलियों ने आगे बढ़कर एक अनोखी पहल शुरू की है. ये छात्राएं लोगों से पुराने कपड़े और स्वेटर इकट्ठा कर गरीबों तक पहुंचा रही हैं. हम बात कर रहे हैं मिर्जापुर की रहने वाली शिखा मिश्रा और पूर्णिमा सिंह की, जो प्रधानमंत्री की बातों से प्रेरित होकर ठंड में जरूरतमंद लोगों को कपड़ा उपलब्ध कराने में जुटी हैं. इनका उद्देश्य है कि ठंड में कोई बिना कपड़ों के न रहने पाए. इन दोनों सहेलियों को जरूरतमंद लोग जहां दुआ दे रहे हैं, वहीं मिर्जापुर के लोग इनके कार्यों की सराहना कर रहे हैं.
जरूरतमंदों के लिए कर रही हैं अपील
सर्दी शुरू होते ही सर्दी से बचाव के लिए अभियान शुरू हो गया है. शहर के बरिया घाट पर सर्द हवाओं से बचाव के लिए कपड़े उपलब्ध कराए जा रहे हैं. मिर्जापुर की दो सहेलियां मिलकर शहर के जरूरतमंद और फुटपाथ पर रहने वाले लोगों को कपड़े मुहैया कराने के लिए कपड़े इकट्ठा कर रही हैं. बेसहारा एवं जरूरतमंदों को सर्दी से राहत दिलाने के उद्देश्य से उन्होंने इस अभियान की शुरुआत की है. शिखा मिश्रा और पूर्णिमा सिंह की अपील पर जिले के लोग अपने घरों में पड़े पुराने कपड़े और गर्म कपड़े दान कर रहे हैं. लोग खुद घरों से निकलकर इन दोनों युवतियों के पास कपड़े पहुंचा रहे हैं.
प्रधानमंत्री की बातों से हुईं प्रेरित
कड़कड़ाती ठंड के इस मौसम में ऐसे कई जरूरतमंद हैं, जिन्हें कपड़ों की बहुत अधिक जरूरत होती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों से प्रेरित होकर यह दोनों सहेलियां लोगों को मदद के लिए घर से बाहर आई हैं. इन सहेलियों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 'कोई तुम्हारे देश में ठंड से न मरने पाए'. इसी को देखते हुए हम लोगों ने ठंड में उन्हें कपड़ा पहुंचाने का अभियान शुरू किया है. आप भी इसमें शामिल होकर कपड़ा दान कर सकते हैं, जिससे ठिठुरती ठंड में कई लोगों को राहत पहुंचाई जा सके.
उनका कहना है कि अगर आपके पास ऐसे कपड़े हैं, जो आप यूज नहीं कर रहे हैं तो इन कपड़ों को आप इस अभियान के तहत दान दे सकते हैं. अभी फिलहाल 2 दिन लोगों से कपड़ा मांगने का काम किया जा रहा है और कपड़ा इकट्ठा किया जा रहा है. इस दो दिन में जो भी जरूरतमंद आ रहे हैं, उन्हें कपड़ा दिया जा रहा है. आगे कोशिश है कि पूरी ठंड में जहां भी इस तरह के लोग मिलेंगे, उन्हें हम लोग कपड़ा उपलब्ध कराएंगे ताकि हमारे जनपद में कोई भी बिना कपड़े के ठंड से मरने न पाए.
कौन हैं दोनों सहेलियां
शहर के महुवरिया की रहने वाली शिखा मिश्रा और पूर्णिमा सिंह बचपन की दोस्त हैं. शिखा मिश्रा बीएचयू से एमए और पूर्णिमा सिंह नगर के केबी पीजी कॉलेज से एमएससी कर रही हैं. कोरोना महामारी में भी यह लोग गरीब बच्चों को बारिया घाट पर पढ़ाने की कार्य करती हैं. इसके साथ ही यह अपने पास चलती-फिरती लाइब्रेरी भी रखती हैं. जो लोग पढ़ना चाहते हैं, उन्हें यह लोग पुस्तकें भी उपलब्ध कराती हैं.
यहीं पर इनको लगा कि इन बच्चों के साथ इनके परिवार को भी सर्दी में बचाने के लिए क्यों न कपड़े उपलब्ध कराए जाएं. इसी सोच के साथ दोनों सहेलियों ने सोशल पर एक अभियान चलाया. अभियान के तहत जिनके पास गर्म कपड़े या यूज किए कपड़े थे, उसे दान करने की अपील की गई. इनकी अपील के बाद लोग अपने घरों से कपड़े ले आकर यहां पर दान कर रहे हैं और यह लोग जरूरतमंद लोगों तक कपड़े पहुंचा रहे हैं. इनके इस कार्य की जनपद में जमकर सराहना हो रही है.