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चाइनीज सामान के बहिष्कार से कुम्हारों में जगी अच्छी आय की आस

यूपी के मिर्जापुर के कुम्हारों में इस साल दीयों की बिक्री को लेकर काफी उत्साह है. कुम्हारों का कहना है कि चाइनीज सामान के बहिष्कार से इस बार अच्छी आय की उम्मीद है. दीयों के ऑर्डर आने शुरू हो गए हैं.

चाक चलाता कुम्हार.
चाक चलाता कुम्हार.
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Published : Nov 4, 2020, 12:45 PM IST

मिर्जापुर : इस वर्ष कोरोना काल में दीपावली के पर्व पर चीन के बने बिजली के सामान की बिक्री बाजार में कम होने से मिर्जापुर के कुम्हारों को उम्मीद जगी है. इन्हें भरोसा है कि दीपावली में मिट्टी के दीए की मांग बढ़ेगी. यही वजह है कि इलाके के कुम्हार दिए के निर्माण में रात दिन लगे हुए हैं. कुम्हारों का कहना है कि चीनी सामानों के बहिष्कार के कारण बाजार अच्छा दिख रहा है. ऑर्डर मिलने शुरू हो गए हैं. ऑर्डर के हिसाब से वो तैयार नहीं कर पा रहे हैं. वैसे तो दीपक की खरीद लोग दीपावली के 5 से 7 दिन पहले ही करते हैं लेकिन इस बार अभी से बिक्री हो रही है.

चाइनीज झालरों के बहिष्कार से दीयाें की बिक्री तेज

भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर देश में चीनी सामानों के बहिष्कार के बाद कुम्हारों को इस दीपावली पर दीया की बिक्री ज्यादा होने की उम्मीद है. भले ही लाइट शहर के आलीशान भवनों को रोशनी से चकाचौंध करती हो. भले ही हाईटेक युग में एक से बढ़कर एक रंगीन झालर अपनी खूबसूरती बिखेरती हैं. मगर मिट्टी के दीए का अलग ही महत्व है. मिट्टी का दिया घरों में रोशनी के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा शहरों में भी जलाए जाते हैं. परंपरा के जीवित रहने के कारण ही कुम्हारों के आंगन में आज भी चाक पर दिए बनाए जाते हैं. दीपावली पर चीन में बनीं बिजली की झालरों दीयों ने मिट्टी के दीयों की मांग घटा दी थी. इसलिए कुम्हारों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ रहा था. मगर इस बार चीनी सामान के बहिष्कार के कारण बाजार में मिट्टी के दीयों की अच्छी खपत दिख रही है.

इस दीपावली में बढ़ी दीयों की मांग.

इस साल मिल रहा अच्छा ऑर्डर

मिर्जापुर के महुवरिया क्षेत्र में पुस्तैनी काम करने वाले कुम्हार दीया बनाते हैं. इनका मानना है कि चाइनीज लाइट व रोशनी की अन्य चीजों के प्रति क्रेज इस बार कम हुआ है. ऐसे में दीपावली पर बेहतर व्यापार की उम्मीद है. पिछले साल की अपेक्षा इस साल आर्डर अच्छा मिल रहा है. दीपावली के पहले ही दिया की बिक्री शुरू हो गयी है. आर्डर के हिसाब से बना नहीं पा रहे हैं. यह सब चीन के सामान के बहिष्कार के कारण हो रहा है.

कुम्हारों को खूब मिल रहे ऑर्डर.
कुम्हारों को खूब मिल रहे ऑर्डर.

कुम्हारों की होगी अच्छी दीपावली

दीपावली पर पर माता लक्ष्मी के आगमन की खुशी और उनका स्वागत करने के लिए घरों को रोशनी से नहला दिया जाता है. चाइनीज लाइट से घर रोशन करने वाले इस बार कोरोना और भारत चीन विवाद के कारण लोग चाइनीज लाइट का बहिष्कार कर रहे हैं. दीया के दीप जलाकर दीपावली मनाने की तैयारी है. इससे कुम्हारों में खासा उत्साह है. उनकी माने तो वर्षों से चाइनीज लाइटें फिर कोरोना ने आर्थिक स्थिति बिगाड़ दी है लेकिन इस दीपावली में दीया की बिक्री उत्साहित कर रही है. कुम्हारों को उम्मीद है कि इस बार दिपावली अच्छी होगी. इसी को लेकर परिवार के साथ रात दिन दीया बना रहे हैं.

दीयों की बिक्री कर रही उत्साहित.
दीयों की बिक्री कर रही उत्साहित.

मिर्जापुर : इस वर्ष कोरोना काल में दीपावली के पर्व पर चीन के बने बिजली के सामान की बिक्री बाजार में कम होने से मिर्जापुर के कुम्हारों को उम्मीद जगी है. इन्हें भरोसा है कि दीपावली में मिट्टी के दीए की मांग बढ़ेगी. यही वजह है कि इलाके के कुम्हार दिए के निर्माण में रात दिन लगे हुए हैं. कुम्हारों का कहना है कि चीनी सामानों के बहिष्कार के कारण बाजार अच्छा दिख रहा है. ऑर्डर मिलने शुरू हो गए हैं. ऑर्डर के हिसाब से वो तैयार नहीं कर पा रहे हैं. वैसे तो दीपक की खरीद लोग दीपावली के 5 से 7 दिन पहले ही करते हैं लेकिन इस बार अभी से बिक्री हो रही है.

चाइनीज झालरों के बहिष्कार से दीयाें की बिक्री तेज

भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर देश में चीनी सामानों के बहिष्कार के बाद कुम्हारों को इस दीपावली पर दीया की बिक्री ज्यादा होने की उम्मीद है. भले ही लाइट शहर के आलीशान भवनों को रोशनी से चकाचौंध करती हो. भले ही हाईटेक युग में एक से बढ़कर एक रंगीन झालर अपनी खूबसूरती बिखेरती हैं. मगर मिट्टी के दीए का अलग ही महत्व है. मिट्टी का दिया घरों में रोशनी के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा शहरों में भी जलाए जाते हैं. परंपरा के जीवित रहने के कारण ही कुम्हारों के आंगन में आज भी चाक पर दिए बनाए जाते हैं. दीपावली पर चीन में बनीं बिजली की झालरों दीयों ने मिट्टी के दीयों की मांग घटा दी थी. इसलिए कुम्हारों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ रहा था. मगर इस बार चीनी सामान के बहिष्कार के कारण बाजार में मिट्टी के दीयों की अच्छी खपत दिख रही है.

इस दीपावली में बढ़ी दीयों की मांग.

इस साल मिल रहा अच्छा ऑर्डर

मिर्जापुर के महुवरिया क्षेत्र में पुस्तैनी काम करने वाले कुम्हार दीया बनाते हैं. इनका मानना है कि चाइनीज लाइट व रोशनी की अन्य चीजों के प्रति क्रेज इस बार कम हुआ है. ऐसे में दीपावली पर बेहतर व्यापार की उम्मीद है. पिछले साल की अपेक्षा इस साल आर्डर अच्छा मिल रहा है. दीपावली के पहले ही दिया की बिक्री शुरू हो गयी है. आर्डर के हिसाब से बना नहीं पा रहे हैं. यह सब चीन के सामान के बहिष्कार के कारण हो रहा है.

कुम्हारों को खूब मिल रहे ऑर्डर.
कुम्हारों को खूब मिल रहे ऑर्डर.

कुम्हारों की होगी अच्छी दीपावली

दीपावली पर पर माता लक्ष्मी के आगमन की खुशी और उनका स्वागत करने के लिए घरों को रोशनी से नहला दिया जाता है. चाइनीज लाइट से घर रोशन करने वाले इस बार कोरोना और भारत चीन विवाद के कारण लोग चाइनीज लाइट का बहिष्कार कर रहे हैं. दीया के दीप जलाकर दीपावली मनाने की तैयारी है. इससे कुम्हारों में खासा उत्साह है. उनकी माने तो वर्षों से चाइनीज लाइटें फिर कोरोना ने आर्थिक स्थिति बिगाड़ दी है लेकिन इस दीपावली में दीया की बिक्री उत्साहित कर रही है. कुम्हारों को उम्मीद है कि इस बार दिपावली अच्छी होगी. इसी को लेकर परिवार के साथ रात दिन दीया बना रहे हैं.

दीयों की बिक्री कर रही उत्साहित.
दीयों की बिक्री कर रही उत्साहित.
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