मिर्जापुर : उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव भले ही अगले साल हो, मगर चुनावी चर्चा में स्थानीय मुद्दे अभी से हावी होने शुरू हो गए हैं. इसे लेकर जनपद के युवा खिलाड़ियों से बात की गई. उनका कहना था कि मिर्जापुर का स्टेडियम कई सालों से निर्माणधीन है. हालांकि अब तक इस स्टेडियम में न तो खेलने का मैदान बन पाया है और न ही खिलाड़ियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था है.
आज तक जितनी भी सरकारें आईं, उनमें से किसी ने इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया. स्टेडियम को अपने से सही करके और नेटवाल गेम के लिए खुद के पैसों से पोल लगाकर वे लोग यहां खेलते हैं. पानी भी घर से लाना पड़ता है.
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वर्तमान योगी सरकार के बारे में इन युवा खिलाड़ियों का कहना है कि सरकार तो काम ठीक कर रही है लेकिन थोड़ा और काम करने की जरूरत है. गांव-गांव खेल मैदान हो जाए तो एक से बढ़कर एक खिलाड़ी मिर्जापुर समेत प्रदेश के सभी जिलों से निकलेंगे. इन लोगों ने स्टेडियम की स्थिति में सुधार कराने और पानी आदि की व्यवस्था कराने की मांग की.
बता दें कि मिर्जापुर में इकलौता स्टेडियम है जो सिटी ब्लॉक के जसोवर में स्थित है. यहां दस सालों से काम चल रहा है. मगर अभी तक काम पूरा नहीं हो पाया है. 10 साल में तीन मुख्यमंत्री बदले गए लेकिन मिर्जापुर का स्टेडियम बनकर अभी भी तैयार नहीं हो सका है.
देश के लिए पसीना बहा रहे इन खिलाड़ियों को आज भी कंकड़ और पत्थर से पटे मैदान में खेलना पड़ता है. यही नहीं, खिलाड़ी घर से पानी तक ला रहे हैं. अब इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रदेश सरकार ने मिर्जापुर के खिलाड़ियों के लिए कितना काम किया है. वह भी तब जबकि यहां से पांच विधायक और दो सांसद जनता ने चुनकर दिए हैं जिनमें दो मंत्री भी हैं.