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मिर्जापुर के चुनार की बनी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां विदेशों तक होती है सप्लाई - mirzapur today news

मिर्जापुर के चुनार में बनने वाली लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की मांग प्रदेश में ही नहीं विदेशों में भी है. बहुत कम पूंजी लगाकर बनी लक्ष्मी-गणेश की मूर्ती दिपावली के समय लोगों के घर-घर पहुंच जाती हैं, लेकिन यहां बनने वाने ज्यादातर मूर्तियां और खिलौने पहले कोयला और रॉ मटेरियल न मिलने से समाप्त हो गए. अब जीएसटी से मूर्तियां और खिलौने में भी परेशानी आना शुरू हो गया है.

लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां विदेशों तक होती है सप्लाई.
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Published : Sep 8, 2019, 10:12 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुरः जिले के चुनार में बनने वाली लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति कई प्रदेश में बिक्री के लिए जाता है. यहां के लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति की मांग नेपाल में भी है. बहुत कम पूंजी में 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक लगाकर कारोबारी दीपावली पर लक्ष्मी गणेश बनाते है जो लोगों के घर घर पहुंच जाते हैं.

लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां विदेशों तक होती है सप्लाई.

इसे भी पढ़ें- बलरामपुर: शरारती तत्वों ने खंडित की भगवान की मूर्ति

कई सालों से गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां की जाती है तैयार

चुनार में कई सालों से गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां यहां के कारोबारी बनाते हैं. यहां पर लगभग 250 से 300 तक मूर्ती बनाने की यूनिट अभी काम कर रही हैं. इसमें छोटे से लेकर बड़े कारोबारियों तक काम कर रहे हैं. यहां की मूर्तियां छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार के साथ नेपाल में भी सप्लाई किया जाता है. ज्यादातर कारोबारी गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां घर-घर पहुंचाते हैं.

इसे भी पढ़ें- 'गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ' जयकारों से गूंजा गोमती नदी का घाट

जीएसटी से हो रही लोगों को परेशानी

कारोबारी अखिल जोशी का कहना है कि इस व्यापार से बहुत लोग जुड़े हैं. एक लंबा रोजगार है जीएसटी ना हो तो हम लोगों के लिए अच्छा होगा. हम लोग लक्ष्मी-गणेश बनाते हैं. ज्यादातर बिहार में मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ में और नेपाल में यहां की मूर्तियां जाती हैं. जीएसटी होने से छोटे व्यापारी को बहुत दिक्कत होती है सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.

पहले चलता था पाटरी उद्योग

पहले यहां पर पाटरी उद्योग चलता था. कोयले की सप्लाई न होने से और रॉ मटेरियल न मिलने से धीरे धीरे यह उद्योग पूरी तरह से बंद हो गया है. उसके जगह प्लास्टर ऑफ पेरिस ले लिया. यहां के मूर्तियों के साथ बर्तन भी फेमस है चीनी मिट्टी का जो पहले बनता था. वह भी प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनने लगा है, लेकिन ज्यादातर अब मूर्तियां और खिलौने का कारोबार किया जा रहा है. पहले कोयला और रॉ मटेरियल न मिलने से पाटरी उद्योग समाप्त हो गया. अब जीएसटी से मूर्तियां और खिलौने में भी परेशानी आना शुरू हो गया है.

मिर्जापुरः जिले के चुनार में बनने वाली लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति कई प्रदेश में बिक्री के लिए जाता है. यहां के लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति की मांग नेपाल में भी है. बहुत कम पूंजी में 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक लगाकर कारोबारी दीपावली पर लक्ष्मी गणेश बनाते है जो लोगों के घर घर पहुंच जाते हैं.

लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां विदेशों तक होती है सप्लाई.

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कई सालों से गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां की जाती है तैयार

चुनार में कई सालों से गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां यहां के कारोबारी बनाते हैं. यहां पर लगभग 250 से 300 तक मूर्ती बनाने की यूनिट अभी काम कर रही हैं. इसमें छोटे से लेकर बड़े कारोबारियों तक काम कर रहे हैं. यहां की मूर्तियां छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार के साथ नेपाल में भी सप्लाई किया जाता है. ज्यादातर कारोबारी गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां घर-घर पहुंचाते हैं.

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जीएसटी से हो रही लोगों को परेशानी

कारोबारी अखिल जोशी का कहना है कि इस व्यापार से बहुत लोग जुड़े हैं. एक लंबा रोजगार है जीएसटी ना हो तो हम लोगों के लिए अच्छा होगा. हम लोग लक्ष्मी-गणेश बनाते हैं. ज्यादातर बिहार में मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ में और नेपाल में यहां की मूर्तियां जाती हैं. जीएसटी होने से छोटे व्यापारी को बहुत दिक्कत होती है सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.

पहले चलता था पाटरी उद्योग

पहले यहां पर पाटरी उद्योग चलता था. कोयले की सप्लाई न होने से और रॉ मटेरियल न मिलने से धीरे धीरे यह उद्योग पूरी तरह से बंद हो गया है. उसके जगह प्लास्टर ऑफ पेरिस ले लिया. यहां के मूर्तियों के साथ बर्तन भी फेमस है चीनी मिट्टी का जो पहले बनता था. वह भी प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनने लगा है, लेकिन ज्यादातर अब मूर्तियां और खिलौने का कारोबार किया जा रहा है. पहले कोयला और रॉ मटेरियल न मिलने से पाटरी उद्योग समाप्त हो गया. अब जीएसटी से मूर्तियां और खिलौने में भी परेशानी आना शुरू हो गया है.

Intro:मिर्जापुर के चुनार में बनने वाली लक्ष्मी गणेश की मूर्ति कई प्रदेश में बिक्री के लिए जाता है यहां के लक्ष्मी गणेश की मूर्ति की मांग नेपाल में भी रहती है बहुत कम पूंजी में 50 हजार से लेकर 10 लाख रूपये तक लगाकर कारोबारी दीपावली के लक्ष्मी गणेश बनाकर घर घर पहुंच जाते हैं लेकिन इस छोटे कारोबारियों पर जीएसटी होने से परेशानी हो रही है ब्यापारियों की मांग है कि इसमें जीएसटी ना हो तो हम लोगों के लिए बहुत अच्छा होगा।


Body:चुनार में कई सालों से गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां यहां के कारोबारियों के द्वारा बनाया जाता है लगभग यहां पर 250 से 300 तक यूनिट अभी काम कर रही हैं। इसमें छोटे से लेकर बड़े कारोबारियों तक काम कर रहे हैं यहां की मूर्तियां छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश बिहार के साथ नेपाल में भी सप्लाई किया जाता है। ज्यादातर मूर्तियां गणेश लक्ष्मी की घर-घर पहुंचाते हैं। छोटे व्यापारियों पर जीएसटी हो जाने से परेशानी हो रही है इन लोगों का मांग है कि इसमें जीएसटी ना हो तो अच्छा होगा क्योंकि इसमें बहुत छोटे छोटे व्यापारी काम करते हैं 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक के बजट लगाकर काम करते हैं। दीपावली आने के समय ही इन कारोबारियों का लक्ष्मी गणेश की बिक्री तेज हो जाती है बाकी महीना बहुत मंदा रहता है 1 वर्ष इसी तरह बनाते रहते हैं।
कारोबारी अखिल जोशी का कहना है कि इसमें बहुत लोग जुड़े हैं एक लंबा रोजगार है जीएसटी ना हो तो हम लोगों के लिए अच्छा होगा हम लोग दिवाली के लक्ष्मी गणेश बनाते हैं जो मिट्टी का लक्ष्मी गणेश बनता है उसका एक है। हम लोग घर घर लक्ष्मी गणेश की मूर्ति देते हैं ज्यादातर बिहार में मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ में और नेपाल में यहां की मूर्तियां जाती हैं इस पर जीएसटी होने से छोटे व्यापारी जो हैं उनको बहुत दिक्कत होती है सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

Bite-अखिल जोशी-कारोबारी


Conclusion:हम आपको बता दें यहां पर पाटरी उद्योग चलता था कोयले की सप्लाई न होने से और रा मटेरियल न मिलने से धीरे धीरे यह उद्योग पूरी तरह से बंद हो गया है उसके जगह प्लास्टर ऑफ पेरिस ले लिया है। यहां के मूर्तियों के साथ बर्तन भी फेमस है चीनी मिट्टी का जो पहले बनता था वह भी प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनने लगा है। लेकिन ज्यादातर अब मूर्तियां और खिलौने का कारोबार किया जा रहा है कारोबारियों के लिए जीएसटी होने से अब दूसरा मार झेल रहे हैं पहले कोयला और रा मटेरियल न मिलने से पाटरी उद्योग समाप्त हो गया अब जीएसटी से मूर्तियां और खिलौने में भी परेशानी आना शुरू हो गया है।

जयप्रकाश सिंह
मिर्जापुर
9453881630
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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