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जापान की धरती पर बिखरेगी मिर्जापुर के हुनर की चमक - स्वयं सहायता समूह की महिलाएं जाएंगी जापान

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले की महिलाओं को जापान जाने का मौका मिला है. यह महिलाएं स्वयं सहायता समूह के तहत फुटमेट और वॉल हैंगिंग बनाने का काम करती हैं. जापान में साल 2021 में लगने वाले मेले में इन स्वयं सहायता समूह के उत्पादों को आमंत्रित किया गया है.

जापान में पहचान
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Published : Nov 8, 2020, 1:42 PM IST

मिर्जापुर: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाओं के हाथों से तैयार किए गए वॉल हैंगिंग और फुटमेट अब अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी चमक बिखेरने जा रही है. जापान में 2021 के कालीन मेले के लिए मिर्जापुर के फुटमेट और वॉल हैंगिंग को चुना गया है. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा तैयार किए गए फुटमेट और वॉल हैंगिंग जापानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. यही कारण है कि विदेश में लगने वाले हस्तनिर्मित कालीन मेले में यहां के उत्पाद नजर आएंगे. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को उम्मीद है कि जापान से अच्छा ऑर्डर मिलेगा और कारोबार आगे बढ़ेगा.

महिलाओं के हुनर का जापान में बोलबाला.

ग्राम पंचायत खजूरी की गरीब प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के हाथों से बने कालीन के उत्पाद को जापान में लगने वाले 2021 के मेले के लिए चुना गया है. जापान के मेले में इस समूह को आमंत्रित किया गया है. इनके द्वारा तैयार की गई हस्तनिर्मित कालीन में वॉल हैंगिंग और फुटमेट के उत्पाद जापान में नजर आएंगे. इसके लिए तैयारी तेज कर दी गई है. ओडीओपी योजना में शामिल भदोही और मिर्जापुर की कालीन देश-विदेश में प्रसिद्ध है. अपने अच्छे डिजाइन के कारण हमेशा इनकी डिमांड रहती है. वहीं अब गांव की महिलाओं के हाथों से बने कालीन की जापान में लगने वाले मेले में भी डिमांड की गई है.

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काम से मिली पहचान.

देश के कई राज्यों में लग चुकी है प्रदर्शनी

प्रदेश सरकार की तरफ से शुरू की गई ओडीओपी योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गरीब प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कालीन दरी, वॉल हैंगिंग और फुटमेट शो-पीस का निर्माण करती हैं. इनके उत्पादों की देश के कई शहरों में डिमांड की जाती है. समूह की महिलाएं अभी तक सरस मेला में मेघालय, केरला, रायपुर, हैदराबाद, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और लखनऊ जैसे शहरों में अपने उत्पादों को बेच चुकी हैं. एक मेले में लगभग 80 हजार से 90 हजार तक की बिक्री होती है, जिसमें से इनको 30 से 35 हजार तक का लाभ मिलता है. इसके आलवा यह महिलाएं अपने आसपास के मार्केट में भी अपने उत्पाद बेचती हैं, जिससे इनकी 5000 से 6000 रुपए महीने की कमाई हो जाती है.

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विदेशों में बढ़ी मांग.

चूल्हा-चौका करने वाली महिलाओं को मिला अवसर

सिटी विकास खंड के खजूरी गांव की रहने वाली अफसाना बेगम गरीब प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष हैं. इसमें सितारा बेगम सचिव और रोशन आरा कोषाध्यक्ष हैं. इस समूह का गठन 16 फरवरी 2014 को हुआ था. इसमें 10 की संख्या में महिलाएं काम करती हैं. अफसाना बेगम ने बताया कि हमारे उत्पाद देश के कई राज्यों में सरस मेला के प्रदर्शनी में लगाए जा चुके हैं. वहां पर काफी मात्रा में बिक्री भी हुई है. अब हमें खुशी है कि जापान के कालीन मेले में भी अपना उत्पाद वॉल हैंगिंग और फुटमेट ले जाएंगे. वहां पर जाने से उत्पाद की डिमांड बढ़ेगी और ऑर्डर भी मिलेगा, जिससे हमारे साथ लगे दीदियों की भी इनकम में इजाफा होगा. अफसाना बेगम ने बताया कि पहले हम लोग घर पर रहते थे, चूल्हा चौका में बिजी रहते थे. मगर जब से NRLM से जुड़े हैं, तब से हमें कई जगह जाने का मौका मिल रहा है और कमाई भी हो रही है.

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जापान में होगी प्रदर्शनी.

विभाग के खर्च पर जाएंगी जापान

मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाएं लगातार विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी पहचान बना रही हैं. समूह की महिलाएं खुद को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही हैं. अब राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाओं को जापान के उत्पाद मेले में अपने उत्पाद लगाने का मौका मिला है. यह जनपद के लिए गर्व की बात है कि यहां का बना उत्पाद अब जापान तक अपनी पहचान बना सकेगा. वहां के कालीन मेले की प्रदर्शनी में यहां के उत्पादों को दिखाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि यहां से यह लोग जाकर अपना हुनर दिखाएंगे और साथ ही वहां के बने उत्पादों को भी देखेंगे. वहां के उत्पाद देखने के बाद यहां पर आकर और भी अच्छा उत्पाद तैयार किया जा सकेगा. साथ ही वहां पर जाने से और भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा. उन्होंने बताया कि यह महिलाएं अभी देश के कई राज्यों के कई जिलों में अपने हुनर की प्रदर्शनी लगा चुकी हैं. इनके आने जाने और रहने तक का खर्च MSME उठाएगा.

मिर्जापुर: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाओं के हाथों से तैयार किए गए वॉल हैंगिंग और फुटमेट अब अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी चमक बिखेरने जा रही है. जापान में 2021 के कालीन मेले के लिए मिर्जापुर के फुटमेट और वॉल हैंगिंग को चुना गया है. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा तैयार किए गए फुटमेट और वॉल हैंगिंग जापानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. यही कारण है कि विदेश में लगने वाले हस्तनिर्मित कालीन मेले में यहां के उत्पाद नजर आएंगे. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को उम्मीद है कि जापान से अच्छा ऑर्डर मिलेगा और कारोबार आगे बढ़ेगा.

महिलाओं के हुनर का जापान में बोलबाला.

ग्राम पंचायत खजूरी की गरीब प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के हाथों से बने कालीन के उत्पाद को जापान में लगने वाले 2021 के मेले के लिए चुना गया है. जापान के मेले में इस समूह को आमंत्रित किया गया है. इनके द्वारा तैयार की गई हस्तनिर्मित कालीन में वॉल हैंगिंग और फुटमेट के उत्पाद जापान में नजर आएंगे. इसके लिए तैयारी तेज कर दी गई है. ओडीओपी योजना में शामिल भदोही और मिर्जापुर की कालीन देश-विदेश में प्रसिद्ध है. अपने अच्छे डिजाइन के कारण हमेशा इनकी डिमांड रहती है. वहीं अब गांव की महिलाओं के हाथों से बने कालीन की जापान में लगने वाले मेले में भी डिमांड की गई है.

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काम से मिली पहचान.

देश के कई राज्यों में लग चुकी है प्रदर्शनी

प्रदेश सरकार की तरफ से शुरू की गई ओडीओपी योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गरीब प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कालीन दरी, वॉल हैंगिंग और फुटमेट शो-पीस का निर्माण करती हैं. इनके उत्पादों की देश के कई शहरों में डिमांड की जाती है. समूह की महिलाएं अभी तक सरस मेला में मेघालय, केरला, रायपुर, हैदराबाद, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और लखनऊ जैसे शहरों में अपने उत्पादों को बेच चुकी हैं. एक मेले में लगभग 80 हजार से 90 हजार तक की बिक्री होती है, जिसमें से इनको 30 से 35 हजार तक का लाभ मिलता है. इसके आलवा यह महिलाएं अपने आसपास के मार्केट में भी अपने उत्पाद बेचती हैं, जिससे इनकी 5000 से 6000 रुपए महीने की कमाई हो जाती है.

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विदेशों में बढ़ी मांग.

चूल्हा-चौका करने वाली महिलाओं को मिला अवसर

सिटी विकास खंड के खजूरी गांव की रहने वाली अफसाना बेगम गरीब प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष हैं. इसमें सितारा बेगम सचिव और रोशन आरा कोषाध्यक्ष हैं. इस समूह का गठन 16 फरवरी 2014 को हुआ था. इसमें 10 की संख्या में महिलाएं काम करती हैं. अफसाना बेगम ने बताया कि हमारे उत्पाद देश के कई राज्यों में सरस मेला के प्रदर्शनी में लगाए जा चुके हैं. वहां पर काफी मात्रा में बिक्री भी हुई है. अब हमें खुशी है कि जापान के कालीन मेले में भी अपना उत्पाद वॉल हैंगिंग और फुटमेट ले जाएंगे. वहां पर जाने से उत्पाद की डिमांड बढ़ेगी और ऑर्डर भी मिलेगा, जिससे हमारे साथ लगे दीदियों की भी इनकम में इजाफा होगा. अफसाना बेगम ने बताया कि पहले हम लोग घर पर रहते थे, चूल्हा चौका में बिजी रहते थे. मगर जब से NRLM से जुड़े हैं, तब से हमें कई जगह जाने का मौका मिल रहा है और कमाई भी हो रही है.

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जापान में होगी प्रदर्शनी.

विभाग के खर्च पर जाएंगी जापान

मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाएं लगातार विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी पहचान बना रही हैं. समूह की महिलाएं खुद को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही हैं. अब राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाओं को जापान के उत्पाद मेले में अपने उत्पाद लगाने का मौका मिला है. यह जनपद के लिए गर्व की बात है कि यहां का बना उत्पाद अब जापान तक अपनी पहचान बना सकेगा. वहां के कालीन मेले की प्रदर्शनी में यहां के उत्पादों को दिखाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि यहां से यह लोग जाकर अपना हुनर दिखाएंगे और साथ ही वहां के बने उत्पादों को भी देखेंगे. वहां के उत्पाद देखने के बाद यहां पर आकर और भी अच्छा उत्पाद तैयार किया जा सकेगा. साथ ही वहां पर जाने से और भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा. उन्होंने बताया कि यह महिलाएं अभी देश के कई राज्यों के कई जिलों में अपने हुनर की प्रदर्शनी लगा चुकी हैं. इनके आने जाने और रहने तक का खर्च MSME उठाएगा.

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