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मिर्जापुर: कोरोना के चलते रक्षाबंधन पर नहीं दिख रही रौनक - रक्षाबंधन पर नहीं है बाजारों में रौनक

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में कोरोना के कारण इस बार बाजार से चमक गायब है. आलम ये है कि बहुत की कम लोग खरीदारी करने बाजार में नजर आ रहे हैं.

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रक्षाबंधन पर बाजारों से रौनक गायब.
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Published : Aug 1, 2020, 5:16 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: दो दिन बाद तीन अगस्त को देश में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा. हर साल रक्षाबंधन के 10 दिन पहले से ही बाजारों में खरीदारी करने वालों लोगों की भीड़ लगने लगती थी, लेकिन कोरोना के चलते इस बार बहुत ही कम लोग घरों से खरीदारी के लिए निकल रहे हैं. जिले में राखियों से सजी दुकानों पर बहुत ही कम लोग नजर आ रहे हैं. वहीं दुकानदारों के अनुसार जो भी ग्राहक राखी खरीदने आ रहे हैं, वह सस्ते दाम वाली राखियों की मांग कर रहे हैं. दुकानदारों ने बताया कि इस बार कोरोना के कारण नया स्टाॅक नहीं आया है, इसके चलते पुरानी बची राखियों को ही बेचा जा रहा है.

रक्षाबंधन पर बाजारों से रौनक गायब.


भाई-बहन के अटूट रिश्तों के प्रतीक रक्षाबंधन पर हर साल त्योहार से 15 दिन पहले राखी की दुकानें सजने लगती थी. रंग-बिरंगी राखियों से बाजार गुलजार होने लगता था. वहीं चाइनीज राखियों से भी बाजार गुलजार रहता था. दुकानदारों के अनुसार इस बार बाजार से चाइनीज राखियां गायब हैं. खरीदारों ने बताया कि चाइनीज राखी का पुराना स्टाक ग्राहकों को दिखाते हैं, तो वे लेने से ही मना कर देते हैं.

दुकानदार सुमन ने बताया कि इस बार कोरोना के कारण बाजारों में त्योहार का उत्साह नहीं दिखाई दे रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार राखियों के दाम में भी कुछ बढ़ोतरी की गई है. वहीं बाजारों में ग्राहक नहीं आने से दुकानदार परेशान भी हैं.


भाई के लिए राखी खरीदने बाजार में पहुंची रमा सोनी का कहना है कि इस बार पिछले साल की अपेक्षा राखियां महंगी हैं. इस कारण भाई की कलाई पर बांधने के लिए स्वदेशी राखियों की खरीदारी की है. उन्होंने बताया कि बाजार में सन्नाटा छाया हुआ है. त्योहार का रौनक बाजार में नहीं है. वहीं सरिता ने बताया कि इस बार बाजार में पुरानी राखियां ही मिल रही हैं. त्योहार पर इस बार कुछ नया नहीं आया है, इसलिए स्वदेशी राखी की खरीदारी की है.

मिर्जापुर: दो दिन बाद तीन अगस्त को देश में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा. हर साल रक्षाबंधन के 10 दिन पहले से ही बाजारों में खरीदारी करने वालों लोगों की भीड़ लगने लगती थी, लेकिन कोरोना के चलते इस बार बहुत ही कम लोग घरों से खरीदारी के लिए निकल रहे हैं. जिले में राखियों से सजी दुकानों पर बहुत ही कम लोग नजर आ रहे हैं. वहीं दुकानदारों के अनुसार जो भी ग्राहक राखी खरीदने आ रहे हैं, वह सस्ते दाम वाली राखियों की मांग कर रहे हैं. दुकानदारों ने बताया कि इस बार कोरोना के कारण नया स्टाॅक नहीं आया है, इसके चलते पुरानी बची राखियों को ही बेचा जा रहा है.

रक्षाबंधन पर बाजारों से रौनक गायब.


भाई-बहन के अटूट रिश्तों के प्रतीक रक्षाबंधन पर हर साल त्योहार से 15 दिन पहले राखी की दुकानें सजने लगती थी. रंग-बिरंगी राखियों से बाजार गुलजार होने लगता था. वहीं चाइनीज राखियों से भी बाजार गुलजार रहता था. दुकानदारों के अनुसार इस बार बाजार से चाइनीज राखियां गायब हैं. खरीदारों ने बताया कि चाइनीज राखी का पुराना स्टाक ग्राहकों को दिखाते हैं, तो वे लेने से ही मना कर देते हैं.

दुकानदार सुमन ने बताया कि इस बार कोरोना के कारण बाजारों में त्योहार का उत्साह नहीं दिखाई दे रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार राखियों के दाम में भी कुछ बढ़ोतरी की गई है. वहीं बाजारों में ग्राहक नहीं आने से दुकानदार परेशान भी हैं.


भाई के लिए राखी खरीदने बाजार में पहुंची रमा सोनी का कहना है कि इस बार पिछले साल की अपेक्षा राखियां महंगी हैं. इस कारण भाई की कलाई पर बांधने के लिए स्वदेशी राखियों की खरीदारी की है. उन्होंने बताया कि बाजार में सन्नाटा छाया हुआ है. त्योहार का रौनक बाजार में नहीं है. वहीं सरिता ने बताया कि इस बार बाजार में पुरानी राखियां ही मिल रही हैं. त्योहार पर इस बार कुछ नया नहीं आया है, इसलिए स्वदेशी राखी की खरीदारी की है.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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