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मिर्जापुर में पावरलूम मशीनों की खटर पटर पर 'बिजली' ने लगाई रोक

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में पावरलूम बुनकरों की स्थिति बेहद खराब है. पहले उन्हें कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था तो अब पर्याप्त बिजली न मिलने से परेशानी और बढ़ गई है. देखिए यह स्पेशल रिपोर्ट...

mirzapur handloom industries special story
मिर्जापुर में पावरलूम फैक्ट्री.
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Published : Sep 5, 2020, 3:05 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटे जनपद मिर्जापुर में पावरलूम बुनकरों को पर्याप्त बिजली न मिलने से पावरलूम उद्योग चौपट हो रहा है. कभी बुनकर यहां की शान थे. इनके हाथों से बनी साड़ियां, दुपट्टे और ड्रेस मैटेरियल विदेशों तक जाया करते थे. हथकरघा छोड़कर पावर लूम पर बुनकरों ने काम करना शुरू किया तो लगा कि अब इनके दिन बहूरेंगे मगर बीते कुछ महीनों से स्थिति बुरी हो गई है.

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पावरलूम फैक्ट्री.

महज 100 से 150 रुपये का ही हो रहा काम
पर्याप्त बिजली न मिलने से बुनकर महज 100 से 150 रुपये का ही काम कर पा रहे हैं, जबकि बिजली मिल जाए तो यह 300 रुपये तक का काम कर ले जाएंगे. कमाई कम होने से परिवार का खर्च नहीं चल पा रहा है. बुनकरों को बिजली के लिए विशेष छूट दी गई है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें बिजली नहीं मिल पा रही है.

फेल साबित हो रहे सरकार के दावे
प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे बिजली देने के दावे लगातार किए जा रहे हैं मगर जमीनी हकीकत सरकारी दावों से उलट है. मिर्जापुर जिले के नारायणपुर, सीखड़ और मझवां ब्लॉक के गांव में बुनकर साड़ी, ड्रेस मैटेरियल और दुपट्टा का कारोबार करते हैं. यहां लगभग सैकड़ों पावर लूम स्थापित किए गए हैं. इसमें करीब 150 घरों को रोजगार मिला है. पावर लूम बिजली से चलते हैं. पावर लूम को पर्याप्त बिजली न मिलने से सरकारी दावे फेल नजर आ रहे हैं. वह भी तब, जब इन बुनकरों को बिजली के लिए विशेष छूट दी जाती है.

स्पेशल रिपोर्ट..

बिजली की समस्या से बुनकर परेशान
पावरलूम बुनकरों को 5 किलोवाट तक के कनेक्शन पर 130 यूनिट बिजली बिल 3.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से दिए जाते हैं. 6 से 75 किलो वाट तक के कनेक्शन पर भी बुनकरों को लाभ दिया जाता है. इन सबके बावजूद पर्याप्त बिजली न मिल पाने की वजह से अब यह कारोबार चौपट हो रहा है. बिजली की समस्या से बुनकर परेशान हैं.

बुनकरों ने बयां किया दर्द
जलालपुर के बुनकरों का कहना है कि हम लोगों ने हैंडलूम का कारोबार छोड़कर पावर लूम पर काम करना शुरू किया. एक वर्ष से ज्यादा हो गए. उम्मीद थी कि इसमें हैंडलूम से ज्यादा उत्पादन होगा और कम समय में ज्यादा कमाई होगी मगर पर्याप्त बिजली न मिल पाने के कारण जो साड़ी एक दिन में तैयार होनी चाहिए, उसमें 2 दिन लग जा रहे हैं. इस वजह से हम लोगों की कमाई अब आधी हो गई है.

mirzapur handloom industries special story
पावरलूम बुनकर.

बुनकरों का कहना है कि लॉकडाउन में सामान न मिल पाना और बिक्री न हो पाने के कारण तो मार झेल ही रहे हैं मगर अब बिजली न मिलने से परेशानी और बढ़ गई है. इधर तीन-चार महीने से बिजली की स्थिति बहुत खराब है. महज कुछ घंटों के लिए बिजली आती है, जिससे पूरी मशीन नहीं चल पा रही हैं. महज 100 से 150 रुपये की ही कमाई हो पा रही है, जिसके चलते परिवार चलाना अब मुश्किल हो रहा है. बिजली पर्याप्त मिल जाए तो हम लोगों की 70 प्रतिशत समस्या हल हो जाए.

'मिर्जापुर में 100 पावर लूम कर रहे काम'
हथकरघा उद्योग परिक्षेत्र वाराणसी के पावर लूम निरीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि जिले में हमारे यहां बुनकर हैंडलूम-पावरलूम पर काम करते हैं. वाराणसी के पास जनपद मिर्जापुर के मझवां, सीकड़ और नारायणपुर ब्लॉक में भी बुनकर काम करते हैं. वाराणसी से नजदीक होने के कारण यहां पर भी बुनकरों को लाभ दिया जा रहा है. क्योंकि वाराणसी नजदीक होने कारण इन्हें रॉ मैटेरियल मिल जाता है और ये अपने उत्पादन के माल को भी आसानी से बेच लेते हैं. यहां पर लगभग 100 पावर लूम काम कर रहे हैं. इसमें करीब 150 कारीगर लगे हैं और इनके परिवार हैंडलूम की जगह पावर लूम पर नई पीढ़ियां ज्यादा काम में जुड़ रहे हैं.

'बुनकरों को बिजली में दी गई छूट'
पावर लूम निरीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि हैंडलूम में ज्यादा मेहनत लगती थी और कमाई कम होती है. पावर लूम में मेहनत कम है और कमाई ज्यादा है. उन्होंने बताया कि इन बुनकरों को बिजली के लिए विशेष छूट दी जाती है. पावर लूम बुनकरों को 5 किलो वाट तक के कनेक्शन पर 130 यूनिट बिजली बिल 3.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से दिए जाते हैं. 6 से 75 किलोवाट तक के कनेक्शन पर भी बुनकरों को लाभ दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: मिर्जापुर में अंतिम सांसें गिन रहा हथकरघा उद्योग, नई पीढ़ियों ने किया तौबा...

'प्रधानमंत्री मुद्रा बुनकर योजना से बुनकरों को मिल रहा लाभ'
मनोज कुमार ने बताया कि बुनकरों को भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री बुनकर मुद्रा योजना के अंतर्गत 51 हजार से लेकर 10 लाख तक का बिना गारंटी का लोन दिया जा रहा है. सात प्रतिशत भारत सरकार बैंकों को देती है. उन्होंने बताया कि 10 हजार की मार्जिन मनी भी इन बुनकरों को दिया जा रहा है. अभी तक यहां पर 300 बुनकरों को प्रधानमंत्री बुनकर मुद्रा योजना से लाभ दिया जा चुका है.

मिर्जापुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटे जनपद मिर्जापुर में पावरलूम बुनकरों को पर्याप्त बिजली न मिलने से पावरलूम उद्योग चौपट हो रहा है. कभी बुनकर यहां की शान थे. इनके हाथों से बनी साड़ियां, दुपट्टे और ड्रेस मैटेरियल विदेशों तक जाया करते थे. हथकरघा छोड़कर पावर लूम पर बुनकरों ने काम करना शुरू किया तो लगा कि अब इनके दिन बहूरेंगे मगर बीते कुछ महीनों से स्थिति बुरी हो गई है.

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पावरलूम फैक्ट्री.

महज 100 से 150 रुपये का ही हो रहा काम
पर्याप्त बिजली न मिलने से बुनकर महज 100 से 150 रुपये का ही काम कर पा रहे हैं, जबकि बिजली मिल जाए तो यह 300 रुपये तक का काम कर ले जाएंगे. कमाई कम होने से परिवार का खर्च नहीं चल पा रहा है. बुनकरों को बिजली के लिए विशेष छूट दी गई है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें बिजली नहीं मिल पा रही है.

फेल साबित हो रहे सरकार के दावे
प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे बिजली देने के दावे लगातार किए जा रहे हैं मगर जमीनी हकीकत सरकारी दावों से उलट है. मिर्जापुर जिले के नारायणपुर, सीखड़ और मझवां ब्लॉक के गांव में बुनकर साड़ी, ड्रेस मैटेरियल और दुपट्टा का कारोबार करते हैं. यहां लगभग सैकड़ों पावर लूम स्थापित किए गए हैं. इसमें करीब 150 घरों को रोजगार मिला है. पावर लूम बिजली से चलते हैं. पावर लूम को पर्याप्त बिजली न मिलने से सरकारी दावे फेल नजर आ रहे हैं. वह भी तब, जब इन बुनकरों को बिजली के लिए विशेष छूट दी जाती है.

स्पेशल रिपोर्ट..

बिजली की समस्या से बुनकर परेशान
पावरलूम बुनकरों को 5 किलोवाट तक के कनेक्शन पर 130 यूनिट बिजली बिल 3.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से दिए जाते हैं. 6 से 75 किलो वाट तक के कनेक्शन पर भी बुनकरों को लाभ दिया जाता है. इन सबके बावजूद पर्याप्त बिजली न मिल पाने की वजह से अब यह कारोबार चौपट हो रहा है. बिजली की समस्या से बुनकर परेशान हैं.

बुनकरों ने बयां किया दर्द
जलालपुर के बुनकरों का कहना है कि हम लोगों ने हैंडलूम का कारोबार छोड़कर पावर लूम पर काम करना शुरू किया. एक वर्ष से ज्यादा हो गए. उम्मीद थी कि इसमें हैंडलूम से ज्यादा उत्पादन होगा और कम समय में ज्यादा कमाई होगी मगर पर्याप्त बिजली न मिल पाने के कारण जो साड़ी एक दिन में तैयार होनी चाहिए, उसमें 2 दिन लग जा रहे हैं. इस वजह से हम लोगों की कमाई अब आधी हो गई है.

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पावरलूम बुनकर.

बुनकरों का कहना है कि लॉकडाउन में सामान न मिल पाना और बिक्री न हो पाने के कारण तो मार झेल ही रहे हैं मगर अब बिजली न मिलने से परेशानी और बढ़ गई है. इधर तीन-चार महीने से बिजली की स्थिति बहुत खराब है. महज कुछ घंटों के लिए बिजली आती है, जिससे पूरी मशीन नहीं चल पा रही हैं. महज 100 से 150 रुपये की ही कमाई हो पा रही है, जिसके चलते परिवार चलाना अब मुश्किल हो रहा है. बिजली पर्याप्त मिल जाए तो हम लोगों की 70 प्रतिशत समस्या हल हो जाए.

'मिर्जापुर में 100 पावर लूम कर रहे काम'
हथकरघा उद्योग परिक्षेत्र वाराणसी के पावर लूम निरीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि जिले में हमारे यहां बुनकर हैंडलूम-पावरलूम पर काम करते हैं. वाराणसी के पास जनपद मिर्जापुर के मझवां, सीकड़ और नारायणपुर ब्लॉक में भी बुनकर काम करते हैं. वाराणसी से नजदीक होने के कारण यहां पर भी बुनकरों को लाभ दिया जा रहा है. क्योंकि वाराणसी नजदीक होने कारण इन्हें रॉ मैटेरियल मिल जाता है और ये अपने उत्पादन के माल को भी आसानी से बेच लेते हैं. यहां पर लगभग 100 पावर लूम काम कर रहे हैं. इसमें करीब 150 कारीगर लगे हैं और इनके परिवार हैंडलूम की जगह पावर लूम पर नई पीढ़ियां ज्यादा काम में जुड़ रहे हैं.

'बुनकरों को बिजली में दी गई छूट'
पावर लूम निरीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि हैंडलूम में ज्यादा मेहनत लगती थी और कमाई कम होती है. पावर लूम में मेहनत कम है और कमाई ज्यादा है. उन्होंने बताया कि इन बुनकरों को बिजली के लिए विशेष छूट दी जाती है. पावर लूम बुनकरों को 5 किलो वाट तक के कनेक्शन पर 130 यूनिट बिजली बिल 3.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से दिए जाते हैं. 6 से 75 किलोवाट तक के कनेक्शन पर भी बुनकरों को लाभ दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: मिर्जापुर में अंतिम सांसें गिन रहा हथकरघा उद्योग, नई पीढ़ियों ने किया तौबा...

'प्रधानमंत्री मुद्रा बुनकर योजना से बुनकरों को मिल रहा लाभ'
मनोज कुमार ने बताया कि बुनकरों को भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री बुनकर मुद्रा योजना के अंतर्गत 51 हजार से लेकर 10 लाख तक का बिना गारंटी का लोन दिया जा रहा है. सात प्रतिशत भारत सरकार बैंकों को देती है. उन्होंने बताया कि 10 हजार की मार्जिन मनी भी इन बुनकरों को दिया जा रहा है. अभी तक यहां पर 300 बुनकरों को प्रधानमंत्री बुनकर मुद्रा योजना से लाभ दिया जा चुका है.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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