मिर्जापुर: समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता और राज्यसभा सांसद अमर सिंह का शनिवार की सुबह निधन हो गया. वे काफी समय से बीमार चल रहे थे. अमर सिंह का मिर्जापुर के विंध्याचल स्थित विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी से गहरा नाता था. वे हर नवरात्र में मां विंध्यवासिनी के दरबार में पहुंचकर हाजिरी लगाते थे. साथ ही 9 कन्याओं का पूजन करते थे. इसके अलावा दूरदराज से आए श्रद्धालुओं के लिए नवरात्र में 9 दिन तक अमर सिंह फैंन एसोसिएशन की तरफ से लंगर चलाया जाता था. खास बात यह है कि 2007 से वे 51 जोड़ी गरीब कन्याओं की शादियां भी कराते थे. उनके निधन की सूचना मिलने पर विंध्याचलवासी काफी दुखी हैं. अमर सिंह के निधन पर लोग उन्हें अलग-अलग तरह से याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं.
51 जोड़ियों की शादियां
अमर सिंह को दर्शन-पूजन कराने वाले पंडा राजन पाठक का कहना है कि अमर सिंह हमेशा विंध्याचल में आते-जाते थे. मां का दर्शन-पूजन किया करते थे. कन्याओं का भी पूजन-अर्चन किया करते थे. 51 जोड़ियों की शादियां कराते थे. आज उनके न रहने से हम लोग बहुत दुखी हैं. मां से प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति दें. साथ ही परिवार को इस दुख की घड़ी में सहन शक्ति प्रदान करें. यहां पर उनके दो स्थान हैं, एक अमर सिंह फैंस एसोसिएशन जहां नवरात्र में लंगर चलता है, दूसरा वृद्धा आश्रम प्रस्तावित गौशाला है, जहां पर अमर सिंह पहुंचकर हवन-पूजन करते थे. गौशाला में गायों को घास भी खिलाते थे. दोनों जगहों पर उनके निधन की सूचना मिलने पर कर्मचारी दुखी हैं.
अमिताभ बच्चन के करीबी मित्र
आपको बता दें कि 2007 में बच्चन परिवार के करीबी मित्र और समाजवादी पार्टी के नेता अमर सिंह के 51 साल पूरे होने की खुशी में बच्चन परिवार हेलीकॉप्टर से मिर्जापुर पहुंचा था. सबने मां विंध्यवासिनी का पूजा-अर्चन किया था. साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार के भी लोगों ने दर्शन-पूजन किया था. इसके अलावा अभिषेक और ऐश्वर्या ने मां के चरणों में सिंदूर चढ़ाकर उनसे आशीर्वाद लिया था. अमर सिंह की तरफ से उस दिन 51 जोड़ियों की शादी भी कराई गई थी. कन्यादान अमिताभ बच्चन, मुलायम सिंह यादव ने किया था. अमर सिंह के साथ उनकी पत्नी पंकजा कुमारी सिंह, दोनों बेटियां दिशा और दृष्टि भी मौजूद थीं. तब से यह शादियां होती चली आ रही हैं. आज भी नवरात्र में लंगर चलता है. अमर सिंह अभी भी आते थे, मगर अब निधन हो जाने से समूचे विंध्य क्षेत्र में शोक की लहर है.