मिर्जापुर: एक बार फिर गंगा की लहरें मिर्जापुर वासियों को नींद में उड़ाने लगी हैं. लोगों की रातों की नींद और दिन का चैन इन लहरों ने छीन लिया है. मिर्जापुर शहर गंगा किनारे बसा हुआ है और किनारे पर बसने वाले लोगों को डर है कि इस बार भी लहरों से कटान होगा और उनके मकानों का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा.
इसी कारण लोग डर के साए में जी रहे हैं. हर साल गंगा की लहरों से मिट्टी का कटान होता है. अब तक इन्हीं लहरों ने गंगा किनारे से कई घाटों और मकानों को अपने अंदर समाहित कर लिया है. मिर्जापुर में जैसे ही गंगा पहुंचती है. इनका स्वरूप अर्धचंद्राकार हो जाता है, जिसके चलते लहरें किनारों पर टकराती हैं और कटान होने लगता है. गंगा का जलस्तर बढ़ता रहा तो आने वाले दिनों में हालात विकट होंगे. गंगा किनारे के रिहायशी इलाकों में रहने वाले डर के साए में जीने को मजबूर हैं.