मिर्जापुर: प्रदेश भर में महिला उत्पीड़न रोकने और उनको सुरक्षा प्रदान करने के लिए वन स्टॉप सेंटर खोला गया है. महिलाओं-छात्राओं को सहायता देने के लिए 181 नंबर भी जारी किया गया है. शासन से भुगतान न किए जाने पर निजी एजेंसी कंपनी ने अपनी गाड़ी वापस ले ली है, जिससे 181 नंबर पर शिकायत आने पर टीम मौके पर नहीं जा पा रही है.
निजी एजेंसी कंपनी ने ली गाड़ी वापस
- महिलाओं को सहायता देने के लिए केंद्र सरकार ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत वन स्टॉप सेंटर खोला है.
- हिंसा और यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को चिकित्सा, कानूनी और काउंसलिंग की सुविधा मुहैया की जाती है.
- हर वन स्टॉप सेंटर पर एक निजी एजेंसी द्वारा गाड़ी मुहैया कराई गई थी.
- शासन से भुगतान न होने के कारण निजी एजेंसी ने गाड़ियों को प्रदेश भर से वापस ले लिया है.
- इससे वन स्टॉप सेंटर की टीम काम नहीं कर पा रही है.
- पीड़िताओं को 181 की बजाय 112 नंबर पर कॉल कर सहायता प्राप्त करने की सलाह दी जा रही है.
- गाड़ी वापस लिये जाने से पांच महीने से टीम मौके पर नहीं जा पा रही है.
- गाड़ी न होने के कारण ऑफिस और आसपास ही टीम काम कर रही है.
- जनपद में 181 पर लगभग 500 से ज्यादा शिकायतें मिल चुकी हैं, जिसमें से अधिकांश का निस्तारण किया जा चुका है.
181 पर शिकायत करने पर एक टीम पुलिस के साथ वहां जाकर पीड़ित की मदद करने का काम करती है. वन स्टॉप सेंटर की टीम मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को समझाने बुझाने काम करती है. इसके साथ ही नहीं मानने पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का काम भी करती है, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पा रहा है.
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प्रदेश भर में इस सेंटर को दिए गए वाहन को शासन द्वारा भुगतान कई महीने से नहीं किया जा रहा था, जिससे एजेंसी को वाहन का संचालन करने में दिक्कत पैदा हो रही थी. बार-बार शासन को मामले से अवगत कराते हुए भुगतान करने की मांग करने के बावजूद पैसा नहीं दिया गया तो एजेंसी ने वाहन को वापस ले लिया.
शासन स्तर से एक एजेंसी से गाड़ियां अनुबंध की गई थी, जिसका भुगतान शासन से किया जाता था. पिछले 5 महीने से उनका भुगतान नहीं होने के कारण एजेंसी ने सभी गाड़ी को वापस ले ली है. इससे टीम को मौके पर जाकर मामले का निस्तारण करने में परेशानी आ रही है. टीम कार्यालय या आसपास ही काम कर पा रही है. शासन को अवगत करा दिया गया है.
-गिरीश चंद्र दुबे, जिला प्रोबेशन अधिकारी