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मिर्जापुर: भुगतान न होने पर एजेंसी ने प्रदेश भर से वन स्टॉप सेंटर की गाड़ियों को लिया वापस - सीएम योगी आदित्यनाथ

महिलाओं की सहायता के लिए मिर्जापुर में वन स्टॉप सेंटर खोला गया है. सेंटर पर एक निजी एजेंसी द्वारा गाड़ी मुहैया कराई गई थी, जिससे टीम मौके पर पहुंचकर मामले का निस्तारण करती है. शासन द्वारा भुगतान नहीं किए जाने पर एजेंसी ने प्रदेशभर से सभी गाड़ियों को वापस ले लिया है, जिससे काफी दिक्कत हो रही.

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गाड़ी न होने पर वन स्टॉप सेंटर टीम को हो रही परेशानी.
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Published : Dec 28, 2019, 12:09 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: प्रदेश भर में महिला उत्पीड़न रोकने और उनको सुरक्षा प्रदान करने के लिए वन स्टॉप सेंटर खोला गया है. महिलाओं-छात्राओं को सहायता देने के लिए 181 नंबर भी जारी किया गया है. शासन से भुगतान न किए जाने पर निजी एजेंसी कंपनी ने अपनी गाड़ी वापस ले ली है, जिससे 181 नंबर पर शिकायत आने पर टीम मौके पर नहीं जा पा रही है.

गाड़ी न होने पर वन स्टॉप सेंटर टीम को हो रही परेशानी.


निजी एजेंसी कंपनी ने ली गाड़ी वापस

  • महिलाओं को सहायता देने के लिए केंद्र सरकार ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत वन स्टॉप सेंटर खोला है.
  • हिंसा और यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को चिकित्सा, कानूनी और काउंसलिंग की सुविधा मुहैया की जाती है.
  • हर वन स्टॉप सेंटर पर एक निजी एजेंसी द्वारा गाड़ी मुहैया कराई गई थी.
  • शासन से भुगतान न होने के कारण निजी एजेंसी ने गाड़ियों को प्रदेश भर से वापस ले लिया है.
  • इससे वन स्टॉप सेंटर की टीम काम नहीं कर पा रही है.
  • पीड़िताओं को 181 की बजाय 112 नंबर पर कॉल कर सहायता प्राप्त करने की सलाह दी जा रही है.
  • गाड़ी वापस लिये जाने से पांच महीने से टीम मौके पर नहीं जा पा रही है.
  • गाड़ी न होने के कारण ऑफिस और आसपास ही टीम काम कर रही है.
  • जनपद में 181 पर लगभग 500 से ज्यादा शिकायतें मिल चुकी हैं, जिसमें से अधिकांश का निस्तारण किया जा चुका है.

181 पर शिकायत करने पर एक टीम पुलिस के साथ वहां जाकर पीड़ित की मदद करने का काम करती है. वन स्टॉप सेंटर की टीम मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को समझाने बुझाने काम करती है. इसके साथ ही नहीं मानने पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का काम भी करती है, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पा रहा है.

इसे भी पढ़ें:- वाराणसीः माता-पिता 9 दिनों से जेल में बंद, मासूम बच्ची का बुरा हाल

प्रदेश भर में इस सेंटर को दिए गए वाहन को शासन द्वारा भुगतान कई महीने से नहीं किया जा रहा था, जिससे एजेंसी को वाहन का संचालन करने में दिक्कत पैदा हो रही थी. बार-बार शासन को मामले से अवगत कराते हुए भुगतान करने की मांग करने के बावजूद पैसा नहीं दिया गया तो एजेंसी ने वाहन को वापस ले लिया.

शासन स्तर से एक एजेंसी से गाड़ियां अनुबंध की गई थी, जिसका भुगतान शासन से किया जाता था. पिछले 5 महीने से उनका भुगतान नहीं होने के कारण एजेंसी ने सभी गाड़ी को वापस ले ली है. इससे टीम को मौके पर जाकर मामले का निस्तारण करने में परेशानी आ रही है. टीम कार्यालय या आसपास ही काम कर पा रही है. शासन को अवगत करा दिया गया है.
-गिरीश चंद्र दुबे, जिला प्रोबेशन अधिकारी

मिर्जापुर: प्रदेश भर में महिला उत्पीड़न रोकने और उनको सुरक्षा प्रदान करने के लिए वन स्टॉप सेंटर खोला गया है. महिलाओं-छात्राओं को सहायता देने के लिए 181 नंबर भी जारी किया गया है. शासन से भुगतान न किए जाने पर निजी एजेंसी कंपनी ने अपनी गाड़ी वापस ले ली है, जिससे 181 नंबर पर शिकायत आने पर टीम मौके पर नहीं जा पा रही है.

गाड़ी न होने पर वन स्टॉप सेंटर टीम को हो रही परेशानी.


निजी एजेंसी कंपनी ने ली गाड़ी वापस

  • महिलाओं को सहायता देने के लिए केंद्र सरकार ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत वन स्टॉप सेंटर खोला है.
  • हिंसा और यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को चिकित्सा, कानूनी और काउंसलिंग की सुविधा मुहैया की जाती है.
  • हर वन स्टॉप सेंटर पर एक निजी एजेंसी द्वारा गाड़ी मुहैया कराई गई थी.
  • शासन से भुगतान न होने के कारण निजी एजेंसी ने गाड़ियों को प्रदेश भर से वापस ले लिया है.
  • इससे वन स्टॉप सेंटर की टीम काम नहीं कर पा रही है.
  • पीड़िताओं को 181 की बजाय 112 नंबर पर कॉल कर सहायता प्राप्त करने की सलाह दी जा रही है.
  • गाड़ी वापस लिये जाने से पांच महीने से टीम मौके पर नहीं जा पा रही है.
  • गाड़ी न होने के कारण ऑफिस और आसपास ही टीम काम कर रही है.
  • जनपद में 181 पर लगभग 500 से ज्यादा शिकायतें मिल चुकी हैं, जिसमें से अधिकांश का निस्तारण किया जा चुका है.

181 पर शिकायत करने पर एक टीम पुलिस के साथ वहां जाकर पीड़ित की मदद करने का काम करती है. वन स्टॉप सेंटर की टीम मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को समझाने बुझाने काम करती है. इसके साथ ही नहीं मानने पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का काम भी करती है, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पा रहा है.

इसे भी पढ़ें:- वाराणसीः माता-पिता 9 दिनों से जेल में बंद, मासूम बच्ची का बुरा हाल

प्रदेश भर में इस सेंटर को दिए गए वाहन को शासन द्वारा भुगतान कई महीने से नहीं किया जा रहा था, जिससे एजेंसी को वाहन का संचालन करने में दिक्कत पैदा हो रही थी. बार-बार शासन को मामले से अवगत कराते हुए भुगतान करने की मांग करने के बावजूद पैसा नहीं दिया गया तो एजेंसी ने वाहन को वापस ले लिया.

शासन स्तर से एक एजेंसी से गाड़ियां अनुबंध की गई थी, जिसका भुगतान शासन से किया जाता था. पिछले 5 महीने से उनका भुगतान नहीं होने के कारण एजेंसी ने सभी गाड़ी को वापस ले ली है. इससे टीम को मौके पर जाकर मामले का निस्तारण करने में परेशानी आ रही है. टीम कार्यालय या आसपास ही काम कर पा रही है. शासन को अवगत करा दिया गया है.
-गिरीश चंद्र दुबे, जिला प्रोबेशन अधिकारी

Intro:प्रदेश भर में महिला उत्पीड़न रोकने और उनको सुरक्षा प्रदान करने के लिए वन स्टॉप सेंटर खोला गया है महिलाओं छात्राओं को त्वरित सहायता के लिए 181 नंबर भी जारी किया गया है l लेकिन शासन से भुगतान न किए जाने पर निजी एजेंसी कंपनी ने अपनी गाड़ी वापस ले ली है जिससे 181 नंबर पर शिकायत आने पर टीम मौके पर नहीं जा पा रही है शिकायत दर्ज कराने वाले पीड़िताओ को 181 की बजाय 112 नंबर पर कॉल कर सहायता प्राप्त करने की सलाह दी जा रही है। एजेंसी द्वारा गाड़ी वापस ले लिए जाने से पांच महीने से टीम मौके पर नहीं जा पा रही है गाड़ी न होने के कारण ऑफिस और आसपास ही टीम काम कर रही है। जबकि जनपद में 181 पर लगभग 500 से ज्यादा शिकायते मिल चुकी है जिसमें से अधिकांश का निस्तारण भी किया जा चुका है।



Body:हिंसा और यौन उत्पीड़न का शिकार महिलाओं को एक ही छत के नीचे चिकित्सा कानूनी और काउंसलिंग की सुविधा के लिए केंद्र सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत वन स्टॉप सेंटर खोला गया है। हर वन स्टॉप सेंटर पर एक निजी एजेंसी द्वारा गाड़ी मुहैया कराई गई थी। लेकिन शासन से भुगतान न होने के कारण निजी एजेंसी गाड़ी प्रदेशभर से वापस ले ली है जिससे वन स्टॉप सेंटर के टीम कार्यालय में या आसपास ही काम कर पा रही है। महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए 181 नंबर जारी किया गया है इस नंबर महिलाओं द्वारा कॉल कर शिकायत करने पर एक टीम पुलिस के साथ वहां जाकर पीड़ित की मदद करने का कार्य करती है। इसके लिए सरकार द्वारा प्रदेश भर में निजी एजेंसी से गाड़ी मुहैया कराई थी। जिससे वन स्टॉप सेंटर की टीम पुलिस के साथ मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को समझाने बुझाने काम करती है नहीं मानने पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का काम भी करती है ।लेकिन अब ऐसा नहीं हो पा रहा है क्योंकि प्रदेश भर में इस सेंटर को दिए गए वाहन को शासन द्वारा पैसा का भुगतान कई महीने से नहीं किया जा रहा था जिससे एजेंसी को वाहन का संचालन करने में दिक्कत पैदा हो रही है बार-बार शासन को मामले से अवगत कराते हुए भुगतान करने की मांग करने के बावजूद पैसा नहीं दिया है तो एजेंसी ने वाहन को वापस ले लिया इससे टीम मौके पर नहीं जा पा रही है। वहीं जिला प्रोबेशन अधिकारी गिरीश चंद दुबे का कहना है कि शासन स्तर से एक एजेंसी से गाड़ियां अनुबंध की गई थी जिनका भुगतान शासन से किया जाता था पिछले 5 महीने से उनका भुगतान नहीं होने के कारण एजेंसी ने सभी गाड़ी को वापस ले ली है इससे टीम को मौके पर जाकर मामले का निस्तारण करने में परेशानी आ रही है। अब यह टीम कार्यालय या आसपास ही काम कर पा रही है बिना वाहन को आने जाने में परेशानी हो रही है शासन को अवगत करा दिया गया है।
इन केंद्रों पर सभी तरह की हिंसा से पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को सहायता प्रदान करना था नही मिलने से यह सेंटर हवा हवाई साबित हो रही है।

बाईट-गिरीश चंद दुबे-जिला प्रोबेशन अधिकारी

जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630


Conclusion:
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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