मिर्जापुर: जिले के प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले शख्स की बेटी ने कैंसर पर नई शोध की है. इस शोध से विश्व में उम्मीद की नई किरण जगी है और यह शोध कैंसर के क्षेत्र में बिल्कुल ही नया है. वैज्ञानिक डॉक्टर खुशबू ने अमेरिका में किए गए शोध के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है कि प्रोटीन का नैनो पार्टिकल कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव से बचाएगा. बता दें कि इसके पहले इस प्रकार का कोई शोध कार्य नहीं हुआ है.
इस विधि से कैंसर के मरीजों को जल्द मिलती है राहत
मिर्जापुर के अदलहट इलाके के श्रुतिहार गांव के विनोद सिंह की बेटी खुशबू सिंह ने कैंसर रोगियों को बचाने के लिए एक नया शोध किया है. अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स से एक सप्ताह पहले अपना शोध पूरा करने वाली खुशबू सिंह ने एप्लाइड लाइफ साइंसेज के लिए एक नैनो पार्टिकल का निर्माण किया है, जो कैंसर सहित अन्य बीमारी के उपचार में काम आएगा. इससे एक नई क्रांति को भी जन्म मिलेगा. खुशबू सिंह ने बताया कि कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी करना पड़ता है, लेकिन कीमोथेरेपी का असर मरीजों पर साफ दिखाई देता है. कुछ मरीजों को उल्टी की शिकायत होती है तो कुछ लोगों के सिर के बाल झड़ जाते हैं. कीमोथेरेपी के इन दुष्प्रभाव से प्रोटीन का नैनो पार्टिकल बचाएगा. खुशबू ने बताया कि कीमोथेरेपी कराने वाले मरीजों को प्रोटीन का नैनो पार्टिकल दिया जाता है. यह शरीर में प्रवेश करते ही केवल कैंसर प्रभावित सेल पर ही चिपकता है और अन्य सेल को सुरक्षित रखता है. इस विधि से कैंसर पीड़ित मरीज के मजबूत सेल भी सुरक्षित रहते हैं. प्रोटीन का नैनो पार्टिकल से इलाज करने से मरीजों को कैंसर से जल्द निजात मिल जाती है.
पीढ़ी दर पीढ़ी उपचार में आएगा काम
डॉक्टर खुशबू सिंह के मुताबिक प्रोटीन का नैनो पार्टिकल पीढ़ी दर पीढ़ी रोगियों के उपचार में भी कारगर है. इसपर कई तरह की आनुवंशिक रोगों के इलाज के लिए भी शोध किया जा चुका है. हालांकि अभी केवल कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए ही इस चिकित्सा पद्धति का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन भविष्य में इसका दायरा और बढ़ाकर आनुवंशिक रोगों के इलाज के लिए भी उपयोग किया जाएगा. बता दें कि विश्व की सबसे आधुनिक लेवल इंटेक्स सेंटियागो में करीब 5 वर्ष के अध्ययन के बाद खुशबू प्रोटीन का नैनो पार्टिकल्स खोजने में सफल रही हैं. खुशबू सिंह को अमेरिका के मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय ने इस शोध पर 2 करोड़ 25 लाख रुपए की स्कॉलरशिप दी है.
अमेरिका से मिलेगी पोस्ट डॉक्ट्रेट की डिग्री
डॉक्टर खुशबू ने अपने पिता विनोद सिंह और माता सीमा सिंह के साथ केंद्र शासित प्रदेश दादर और नगर हवेली में रहकर पढ़ाई की है. इनके पिता ने एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हुए खुशबू को हायर एजुकेशन कराया. खुशबू ने लायंस इंग्लिश स्कूल की पढ़ाई करते हुए हाईस्कूल की परीक्षा में प्रदेश में तीसरा और इंटर की परीक्षा में पूरे प्रदेश में टॉप किया था. इसके बाद इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च पूरा करते हुए इन्होंने 5 वर्ष में बीएएमएस की डिग्री हासिल की. इस दौरान भारत सरकार के डिपार्टमेंट साइंस एंड टेक्नोलॉजी की ओर से 5000 रुपये खुशबू को स्कॉलरशिप भी मिलती थी. इस दौरान अपना प्रोजेक्ट कार्य करते हुए 2014 में भारत सरकार के सहयोग से खुशबू ने फ्रांस के क्लाउड बरनार्ड लियोन वन यूनिवर्सिटी में 75 दिनों का प्रोजेक्ट किया और वहां पर चारपक फेलोशिप प्राप्त की. रिसर्च के लिए विश्व की जानी-मानी यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स अमेरिका 2016 में रिसर्च के लिए खुशबू का चयन हुआ था. अब डॉक्टर खुशबू को विश्व के उच्च कोटि की जानी-मानी वेर्टेक्स लेबोरेटरी सेंटियागो अमेरिका के लिए चयनित कर ली गईं, जहां उन्हें पोस्ट डॉक्ट्रेट की डिग्री मिलेगी.