ETV Bharat / state

गंगा बेसिन के किसानों की बढ़ेगी आय, बंजर जमीनों पर लगेंगे औषधीय पौधे

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में गंगा बेसिन में रहने वाले किसानों की अनुपजाऊ जमीन पर औषधी पौधे लगाएंगे. नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा के तहत 10 जिलों में गंगा बेसिन में औषधीय पौधों की व्यापक खेती की जाएगी.

गंगा बेसिन में रहने वाले किसान करेंगे औषधि पौधों की खेती
गंगा बेसिन में रहने वाले किसान करेंगे औषधि पौधों की खेती
author img

By

Published : Mar 11, 2020, 12:06 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: जिले में गंगा बेसिन में रहने वाले किसानों के अनुपजाऊ जमीन पर औषधीय पौधे लगाए जाएंगे. इसके लिए 6 नर्सरियों में वन विभाग और 8 किसान पौधशालाओं में औषधि पौधे तैयार कर रहे हैं. जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से 10 जिलों में गंगा बेसिन में औषधि पौधे की व्यापक खेती की जाएगी. बरसात के पहले किसानों को यह अनुदानित दरों पर उपलब्ध करा दिया जाएगा.

गंगा बेसिन में रहने वाले किसान करेंगे औषधि पौधों की खेती.

यूपी के 10 जिलों में योजना लागू

नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के तहत मीर्जापुर जिले के अलावा वाराणसी, गाजीपुर, भदोही, चंदौली, बलिया, प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर जिलों को चयनित किया गया है. इससे किसान अनुपजाऊ जमीन पर औषधीय पौधे तैयार करके बेच सकेंगे. जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से इन जिलों के गंगा बेसिन में औषधीय पौधों की व्यापक खेती की जाएगी. वन विभाग और किसान पौधशालाओं में नर्सरी तैयार करने में जुट गए हैं. इससे पहले राष्ट्रीय आयुष मिशन 2015-16 के तहत औषधी पौधों की खेती को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई थी.

इस योजना में वह सभी राज्य शामिल थे, जहां से होकर गंगा गुजरती है. राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना ने सभी राज्यों द्वारा इसकी वार्षिक कार्य योजना बनाई है. राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना को संबंधित राज्य सरकारों का भी सहयोग मिला. इस योजना के साथ ही औषधीय पौधों के संरक्षण, विकास और सतत प्रबंधन के लिए जल शक्ति मंत्रालय ने गंगा बेसिन में औषधीय-सुगंधित पौधे लगाने की योजना बनाई है. इसे वेटिवर विघटन प्रोजेक्ट नाम दिया गया है. यह योजना उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में लागू की गई है. इसकी देखरेख सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमेटिक प्लांट्स लखनऊ द्वारा की जाएगी.

इसे भी पढ़ें:- मिर्जापुरः किसानों के समर्थन में प्रियंका गांधी वाड्रा ने किया ट्वीट

गंगा किनारे पौधरोपण की योजना बेसिन में रहने वाले कृषक के लिए है. उनकी जो अनुपजाऊ जमीन है, उनके लिए हम लोग औषधीय पौधे तैयार कर रहे हैं. वन विभाग और किसान पौधशालाओं में नर्सरी तैयार करने में जुट गए हैं. यह किसानों को बरसात के पहले अनुदानित दरों पर उपलब्ध करा दिया जाएगा. मिर्जापुर में 13 क्लस्टर में किसानों को चयनित किया गया है. सारे क्लस्टर में 50 हेक्टेयर अनुपजाऊ जमीन है.
राकेश चौधरी, डीएफओ

मिर्जापुर: जिले में गंगा बेसिन में रहने वाले किसानों के अनुपजाऊ जमीन पर औषधीय पौधे लगाए जाएंगे. इसके लिए 6 नर्सरियों में वन विभाग और 8 किसान पौधशालाओं में औषधि पौधे तैयार कर रहे हैं. जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से 10 जिलों में गंगा बेसिन में औषधि पौधे की व्यापक खेती की जाएगी. बरसात के पहले किसानों को यह अनुदानित दरों पर उपलब्ध करा दिया जाएगा.

गंगा बेसिन में रहने वाले किसान करेंगे औषधि पौधों की खेती.

यूपी के 10 जिलों में योजना लागू

नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के तहत मीर्जापुर जिले के अलावा वाराणसी, गाजीपुर, भदोही, चंदौली, बलिया, प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर जिलों को चयनित किया गया है. इससे किसान अनुपजाऊ जमीन पर औषधीय पौधे तैयार करके बेच सकेंगे. जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से इन जिलों के गंगा बेसिन में औषधीय पौधों की व्यापक खेती की जाएगी. वन विभाग और किसान पौधशालाओं में नर्सरी तैयार करने में जुट गए हैं. इससे पहले राष्ट्रीय आयुष मिशन 2015-16 के तहत औषधी पौधों की खेती को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई थी.

इस योजना में वह सभी राज्य शामिल थे, जहां से होकर गंगा गुजरती है. राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना ने सभी राज्यों द्वारा इसकी वार्षिक कार्य योजना बनाई है. राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना को संबंधित राज्य सरकारों का भी सहयोग मिला. इस योजना के साथ ही औषधीय पौधों के संरक्षण, विकास और सतत प्रबंधन के लिए जल शक्ति मंत्रालय ने गंगा बेसिन में औषधीय-सुगंधित पौधे लगाने की योजना बनाई है. इसे वेटिवर विघटन प्रोजेक्ट नाम दिया गया है. यह योजना उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में लागू की गई है. इसकी देखरेख सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमेटिक प्लांट्स लखनऊ द्वारा की जाएगी.

इसे भी पढ़ें:- मिर्जापुरः किसानों के समर्थन में प्रियंका गांधी वाड्रा ने किया ट्वीट

गंगा किनारे पौधरोपण की योजना बेसिन में रहने वाले कृषक के लिए है. उनकी जो अनुपजाऊ जमीन है, उनके लिए हम लोग औषधीय पौधे तैयार कर रहे हैं. वन विभाग और किसान पौधशालाओं में नर्सरी तैयार करने में जुट गए हैं. यह किसानों को बरसात के पहले अनुदानित दरों पर उपलब्ध करा दिया जाएगा. मिर्जापुर में 13 क्लस्टर में किसानों को चयनित किया गया है. सारे क्लस्टर में 50 हेक्टेयर अनुपजाऊ जमीन है.
राकेश चौधरी, डीएफओ

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.